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छत्तीसगढ़ में स्कूली छात्रों के जाति प्रमाण पत्रों के निर्माण में हो रही लापरवाहियों पर प्रदेश में सख्ती बरतनी शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में बिलासपुर संभाग में सामने आई लापरवाही कलेक्टर संजय अग्रवाल ने सख्त रुख अपनाया है। लगातार मिल रही शिकायतों और प्रगति में दिख रही शिथिलता के बाद कलेक्टर ने जिले के चारों विकासखंडों के ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (BEO) को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
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क्या है पूरा मामला?
राज्य शासन की फ्लैगशिप योजना के तहत स्कूली बच्चों को समय पर जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक लॉगिन आईडी और पासवर्ड एक सप्ताह पहले ही जारी कर दिए गए थे। इसके बावजूद संकुल समन्वयकों द्वारा बच्चों के आवेदन अब तक आगे फॉरवर्ड नहीं किए गए हैं, जिससे छात्रों को समय पर प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहे हैं।
साप्ताहिक टीएल बैठक में कार्रवाई
मंगलवार को आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा (टीएल) बैठक में कलेक्टर संजय अग्रवाल ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान जब स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया की जानकारी ली गई, तो स्थिति बेहद कमजोर पाई गई। कलेक्टर ने तत्काल संबंधित बीईओ को नोटिस जारी करने और कार्य में लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए।
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कलेक्टर की सख्त हिदायत
कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि "शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समय-सीमा में कार्य पूरा न करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए आवश्यक प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
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आईएएस संजय अग्रवाल | CG News
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4 बीईओ को नोटिस जारी बिलासपुर कलेक्टर का एक्शन
यह मामला सरकारी योजनाओं की जमीनी क्रियान्वयन में अनदेखी और लापरवाही का एक उदाहरण है। जाति प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेजों में देरी, खासकर छात्रों के मामले में, उनकी शैक्षणिक और सामाजिक प्रगति पर सीधा असर डाल सकती है। कलेक्टर का यह कदम न केवल जवाबदेही तय करने की दिशा में है, बल्कि यह सिस्टम को अधिक जवाबदेह और संवेदनशील बनाने की कोशिश भी है।
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