Ambikapur में BJP विधायक के भाई की धमकी के बाद ट्रेनी डीएसपी हटाए गए

अंबिकापुर में बीजेपी के विधायक के भाई की धमकी के कुछ ही घंटे बाद लखनपुर थाना के ट्रेनी डीएसपी शुभम तिवारी को हटा दिया गया है साथ ही एसपी ने नए थानेदार की नियुक्ति भी कर दी है।

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Sandeep Kumar
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बीजेपी विधायक के भाई की धमकी के बाद हटाए गए ट्रेनी DSP

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में विधायक के भाई की धमकी के बाद लखनपुर थाना के ट्रेनी डीएसपी शुभम तिवारी को हटाया गया है। अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल (  MLA Rajesh Aggarwal  ) के भाई विजय अग्रवाल ने मंगलवार को धमकी भरे लहजे में DSP को कहा था कि 'तेरे को देखना पड़ेगा, याद रखेगा'। जिसके कुछ ही घंटों बाद थाना प्रभारी ट्रेनी  DSP को हटा दिया गया। एसपी ने नए थानेदार की नियुक्ति भी कर दी है। आपको बता दें कि प्रशिक्षु डीएसपी शुभम तिवारी (Trainee DSP Shubham Tiwari ) को लखनपुर थाना टीआई का प्रभार 3 दिसंबर 2023 को दिया गया था।

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विधायक के भाई विजय अग्रवाल की दादागिरी

देश की सबसे बड़ी सरकारी कोयला कंपनी एसईसीएल (  SECL ) में डकैती के आरोप में बीजेपी कार्यकर्ता को पुलिस ने  गिरफ्तार किया तो अंबिकापुर के बीजेपी विधायक के भाई कार्यकर्ताओं के साथ थाने पहुंच गए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने के भीतर हुड़दंग मचाया। इस दौरान विधायक के भाई ने थाने में तैनात ट्रेनी डीएसपी शुभम तिवारी के साथ खुलेआम अभ्रदता की और देख लेने की धमकी दी। इस मामले में पुलिस ने थाने में उत्पात मचाने वाले भाजपा विधायक के भाई और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए डीएसपी को ही थाने से हटाकर लाइन भेज दिया, वहीं डीएसपी को इस मामले में हटाए जाने से इंकार किया है, उन्होने कहा कि डीएसपी को थाने का प्रोबेशन पूरा हो गया था। थाने के भीतर हंगामा करने के सवाल पर एसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि वे सीसीटीवी (  CCTV  ) का फूटेज देखने के बाद कुछ बता पाएंगे कि वाकया क्या हुआ है ?

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पुलिस पर फर्जी केस दर्ज करने का आरोप

थाने के घेराव में ग्रामीणों के साथ पहुंचे भाजपा नेता ने डीएसपी को धमकाया। भाजपाइयों और ग्रामीणों ने कहा कि SECL के सब एरिया मैनेजर के इशारे पर पुलिस फर्जी केस दर्ज कर रही है। मामले को लेकर विधायक राजेश अग्रवाल ने SDOP अखिलेश कौशिक से फोन पर चर्चा भी की। इस पर SDOP ने आरोपों की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। तब ग्रामीणों ने प्रदर्शन खत्म किया, वहीं  ग्रामीणों ने कलेक्टर और सरगुजा एसपी के नाम ज्ञापन भी सौंपा है। जिसमें कहा गया है कि अमेरा खुली खदान में पिछले दिनों तांबे के केबल की डकैती के मामले में पुलिस ने निर्दोष ग्रामीणों पर FIR की है। ग्रामीण भोलाराम राजवाड़े, अमोल राजवाड़े, गणेश राजवाड़े, सिंग साय राजवाड़े के खिलाफ धारा 395 के तहत कार्रवाई की गई है। मंगलवार को लखनपुर थाने में फर्जी FIR का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर दिया था।

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पुलिस की कार्यशैली पर ग्रामीणों ने उठाए सवाल

इतना ही नहीं ग्रामीणों ने लखनपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो तत्कालीन थाना प्रभारी एलआर चौहान के निर्देश पर एएसआई नेतराम पैकरा के दल ने खदान के बगल से 45 टन कोयले को जब्त किया। फिर कोयला थाने में लाने के बजाए ईंट भट्ठों को बेच दिया गया। पुलिस ने मात्र 12 टन कोयला जब्त कर कार्रवाई की है। एसईसीएल और पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज ग्रामीणों ने 7 दिनों में फर्जी एफआईआर पर रोक लगाने और अवैध वसूली बंद करने की मांग की है। कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

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