/sootr/media/media_files/2025/01/07/KBXM2ovNa8o7E7CAdffp.jpg)
छत्तीसगढ़ में स्थानीय निकाय जल्द ही होने वाले हैं। खास बात ये है कि स्थानीय निकाय चुनाव में संगठन की अहम भूमिका होती है। इसमें स्थानीय संगठन पर ही एक तरह से चुनाव की पूरी जिम्मेदारी होती है। स्थानीय संगठन ही तय करता है कि उनके यहां से किसको टिकट दिया जाए। इस मामले में कांग्रेस फिलहाल बीजेपी से पिछड़ गई है। बीजेपी ने मंडल स्तर से लेकर जिला अध्यक्ष तक घोषित कर दिए हैं, जबकि कांग्रेस में जिला अध्यक्ष के नाम तय होने का इंतजार ही हो रहा है।
नक्सलियों ने किया प्रेशर IED ब्लास्ट, फोर्स ने 3 आतंकी मार गिराए
पीसीसी चीफ के दिल्ली दौरे के बाद भी तस्वीर साफ नहीं
जानकारी के अनुसार कांग्रेस में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए पिछले कुछ महीनों से मशक्कत चल रही है। इसके संबंध में पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज दो बार दिल्ली का दौरा भी कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि शहर और ग्रामीण सहित छत्तीसगढ़ में 30 जिला अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। इसमें राजधानी रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, धमतरी जैसे जिले शामिल बताए जा रहे हैं।
प्रशासनिक गलियारों में दो आईएएस के प्रेम के चर्चे, इनमें एक शादीशुदा
पांच साल से जमे हुए हैं कई जिलों के अध्यक्ष
बताया जा रहा है कि कांग्रेस संगठन में ज्यादातर जिला अध्यक्षों के कार्यकाल का 3 से 5 साल पूरा हो चुका है। विधानसभा चुनाव 2023 में हार के बाद नए प्रभारी के तौर पर कामकाज संभालते ही सचिन पायलट ने जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर निर्देश दिए थे। जिला संगठनों में बदलाव की बीते एक साल से चर्चा चल रही हैं, लेकिन बदलाव हो नहीं पा रहा है।
बीजेपी की ओर से संगठन में नई नियुक्तियों के बाद कांग्रेस पर भी इस संबंध में दबाव बढ़ रहा है। पीसीसी चीपु दीपक बैज का कहना था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह निधन की वजह से पार्टी में 3 तारीख तक कोई गतिविधि नहीं होगी। इसके बाद लिस्ट कभी भी आ सकती है। अब ये कभी भी, कितना लंबा खिंचेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
जम्मू-कश्मीर से जुड़ेगा छत्तीसगढ़, दुर्ग से सीधे श्रीनगर तक चलेगी ट्रेन
नेताओं की संगठन में सक्रियता कम हुई
संगठन में होने वाले बदलाव के चलते पार्टी की गतिविधियों में नेताओं की सक्रियता भी कम दिखाई दे रही है। इससे पार्टी के कामकाज, निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियों पर भी विपरित असर पड़ा है। हालांकि, जिलों में नए नेतृत्व के कामकाज संभालने के बाद पार्टी में ही तालमेल बनाने की चुनौती रहेगी।ऐसे में निकाय चुनाव से ठीक पहले अगर नियुक्तियां होती है, तब जिला अध्यक्षों को तालमेल बिठाने और चुनाव के लिए काम करने के लिए काफी कम वक्त मिलेगा।
धमाके में 30 फीट ऊपर उड़े जवान... नक्सलियों ने लगाया हैवी प्रेशर IED बम
FAQ