छत्तीसगढ़ में सरकारी राशन की कालाबाजारी, कार्डधारकों से चावल या पैसे का सौदा

छत्तीसगढ़ में सरकारी राशन दुकानों में कालाबाजारी का गंभीर मामला सामने आया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत कार्डधारकों को मिलने वाला राशन अब दुकानदारों के लिए मुनाफे का सौदा बन गया है।

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Krishna Kumar Sikander
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छत्तीसगढ़ में सरकारी राशन दुकानों में कालाबाजारी का गंभीर मामला सामने आया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत कार्डधारकों को मिलने वाला राशन अब दुकानदारों के लिए मुनाफे का सौदा बन गया है। तीन महीने का राशन एक साथ वितरित होने के बीच, दुकान संचालक कार्डधारकों से चावल खरीदकर उसे बाजार में ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। 

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22 रुपये किलो में चावल खरीद, 35 रुपये में बिक्री

प्रदेश में दुकानदार कार्डधारकों से खुलेआम मोलभाव कर रहे हैं। कई बार चावल की गुणवत्ता खराब होने या कार्रवाई का डर दिखाकर वे कार्डधारकों से 20-22 रुपये प्रति किलो के हिसाब से चावल खरीद लेते हैं। इसके बाद यही चावल मंडी में 32-35 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है। नियमों के अनुसार, न तो कार्डधारक अपना राशन बेच सकता है और न ही दुकानदार इसे खरीद सकता है। अंत्योदय, बीपीएल और नि:शक्तजन श्रेणी के कार्डधारकों को चावल मुफ्त मिलता है, लेकिन इसका दुरुपयोग हो रहा है।

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टोकन सिस्टम और कार्ड जमा का खेल

राशन वितरण में भारी भीड़ के चलते कई दुकानों में टोकन व्यवस्था लागू की गई है। सुबह टोकन बांटे जाते हैं, और उसी क्रम में राशन दिया जाता है। कई दुकानों में कार्डधारकों के राशन कार्ड एक सप्ताह से ज्यादा समय से जमा हैं। इस दौरान नए कार्ड जमा नहीं किए जा रहे और लोगों को अगले दिन टोकन लेने को कहा जा रहा है।

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खुली कालाबाजारी

रामसागर पारा की एक सरकारी राशन दुकान में दुकानदार कार्डधारकों को चावल के बदले नकद दे रहे हैं। 21-22 रुपये प्रति किलो के हिसाब से पैसे सीधे कार्ड में डाले जा रहे हैं। वहीं, जैतूसाव मठ परिसर की दुकान में 10 मिनट में कई कार्डधारकों को नकद भुगतान किया गया। एक कार्डधारक ने बताया, “विक्रेता ने पूछा कि चावल चाहिए या पैसे। मैंने पैसे ले लिए।” कई लोग आधा या पूरा चावल दुकानदार को ही बेच रहे हैं।

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बाजार में सरकारी चावल की बिक्री

दुकानदार कार्डधारकों से खरीदा गया चावल राशन कारोबारियों को बेच देते हैं, जो इसे बाजार में 35 रुपये या उससे अधिक कीमत पर बेचते हैं। कई कारोबारी एक साथ दुकानों से चावल खरीदकर इस कालाबाजारी को अंजाम दे रहे हैं। 

अधिकारी का बयान

यह मामला सरकारी राशन व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है। कार्डधारकों को उनके हक का राशन मिले और कालाबाजारी पर रोक लगे, इसके लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। इस संबंध में फूड कंट्रोलर भूपेंद्र मिश्रा ने कहा, “कुछ राशन दुकानों की शिकायत मिली थी, जिनके संचालकों को बुलाया गया था। जो दुकानदार राशन खरीद रहे हैं, उनकी जानकारी उपलब्ध कराएं, सख्त कार्रवाई होगी।” 

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