बस्तर में बम की चादर... हर दिन हो रहा विस्फोट, 14 दिन में कई लोग मरे
Bomb blasts In Bastar : बस्तर के नक्सल प्रभावित जिले बारूद का ढेर बने हुए हैं। जगह-जगह लगी आईईडी की चपेट में जवानों के साथ ही आम नागरिक और जानवर भी आते जा रहे हैं।
Bomb blasts In Bastar : बस्तर के नक्सल प्रभावित जिले बारूद का ढेर बने हुए हैं। जगह-जगह लगी आईईडी की चपेट में जवानों के साथ ही आम नागरिक और जानवर भी आते जा रहे हैं। इसके चलते जहां मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं कई जगहों पर प्रेशर आईईडी की चपेट में आकर लोग घायल भी हो रहे हैं। बस्तर संभाग के 6 जिलों में इस साल बीते 14 दिनों में 6 आईईडी विस्फोट हो चुके हैं, जिसमें 11 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 7 लोग घायल भी हुए हैं।
जवान लगातार पूरी सतर्कता के साथ ऑपरेशन लॉन्च कर रहे हैं, ताकि उन्हें कोई नुकसान न उठाना पड़े। इस बीच बीते 13 दिनों में करीब 15 से ज्यादा जगहों से आईईडी भी बरामद की जा चुकी है। कुल मिलाकर अब भी बस्तर के अंदरूनी इलाकों में जमीन के अंदर इतनी आईईडी दबी पड़ी हुई है, जिन्हें ढूंढने जवान मशक्कत तो कर रहे हैं। लगातार इतने सालों से आईईडी बरामद करने के बाद भी आज भी आईईडी आए दिन मिल ही रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी आईईडी दबी पड़ी है।
आईईडी डिटेक्ट करने एरिया डॉमिनेशन व रोड ओपनिंग पार्टी के साथ बीडीएस पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि बस्तर में आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन लॉन्च किए जाएंगे। इसके लिए पहले लगी आईईडी डिटेक्ट करने के लिए एरिया डॉमिनेशन व रोड ओपनिंग पर निकलने वाली पुलिस पार्टी के साथ पैरामिलेट्री बलों का बम निरोधक दस्ता भी चल रहा है।
बीते 14 दिनों में कितने आईईडी विस्फोट हुए और कहां कितनी जान गई
6 जनवरी- बीजापुर जिले के कुटरू के पास अंबेली में हुए आईईडी विस्फोट में 8 जवान व एक सिविलियन शहीद हो गए। - 10 जनवरी- बीजापुर जिले में ही नक्सलियों द्वारा आईईडी की चपेट में आने से एक मवेशी मारा गया। - 11 जनवरी- बीजापुर जिले के महादेव घाट के पास हुए आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया। - 12 जनवरी- बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा प्लांट आईईडी की चपेट में आने से 2 जवान घायल हो गए। - 12 जनवरी- नारायणपुर जिले में भी एक ग्रामीण की मौत हो गई और 3 घायल हो गए। - 12 जनवरी- सुकमा जिले के चिंतलनार क्षेत्र के तिम्मापुरम के पास आईईडी विस्फोट में 10 वर्षीया बालिका घायल हो गई।
बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में आईईडी विस्फोट कितने खतरनाक हैं?
बस्तर के अंदरूनी इलाकों में बड़ी संख्या में आईईडी बिछी हुई हैं, जिनकी वजह से आम नागरिक, जवान और जानवर इसकी चपेट में आकर घायल या शहीद हो रहे हैं। इस साल बीते 14 दिनों में 6 आईईडी विस्फोटों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 7 लोग घायल हुए हैं।
आईईडी से बचाव और उसे निष्क्रिय करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
एरिया डॉमिनेशन: पुलिस और पैरामिलिट्री बलों की टीमें नियमित रूप से गश्त कर रही हैं। रोड ओपनिंग पार्टी: रास्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बम निरोधक दस्ते (BDS) की तैनाती की जा रही है। ऑपरेशन लॉन्च: आने वाले दिनों में बस्तर में बड़े पैमाने पर आईईडी डिटेक्शन ऑपरेशन चलाए जाएंगे।