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छत्तीसगढ़ में फार्मासिस्ट (ग्रेड-2) पदों पर निकाली गई भर्ती प्रक्रिया को लेकर चल रहे विवाद में हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बी.फार्मा डिग्रीधारकों को डिप्लोमा इन फार्मेसी धारकों के साथ समान अवसर देने का निर्देश दिया है। दरअसल, यह विवाद 30 जून 2025 को संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी उस भर्ती विज्ञापन से जुड़ा है जिसमें केवल डिप्लोमा इन फार्मेसी धारकों को ही फार्मासिस्ट पद के लिए पात्र माना गया था। इस निर्णय को लेकर बी.फार्मा डिग्रीधारकों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रिट याचिका (सेवा) क्रमांक 8548/2025 दाखिल की थी।
हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश
मुख्य याचिकाकर्ता राहुल वर्मा एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह माना कि फार्मेसी काउंसिल में विधिवत पंजीकृत बी.फार्मा डिग्रीधारकों को आवेदन से वंचित करना अनुचित है।
कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश दिया है कि वह तत्काल सीजी व्यापम (छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल) को आवश्यक आदेश जारी करे, जिससे बी.फार्मा डिग्रीधारी भी पोर्टल पर आवेदन कर सकें। यह आदेश व्यक्तिगत नहीं बल्कि सार्वत्रिक रूप से लागू होगा, यानी सभी पात्र डिग्रीधारी इसका लाभ ले सकेंगे।
त्वरित कार्रवाई के निर्देश
हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 25 जुलाई 2025 शाम 5 बजे तक थी, इसलिए सरकार को जल्द से जल्द पोर्टल में आवश्यक तकनीकी बदलाव करके बी.फार्मा अभ्यर्थियों को आवेदन का विकल्प उपलब्ध कराना होगा।
इसके अतिरिक्त, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से इस बदलाव की व्यापक जानकारी प्रसारित करने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी योग्य उम्मीदवार को जानकारी से वंचित न किया जाए।
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CG High Court | CG Pharmacist recruitment dispute
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फार्मासिस्ट भर्ती विवाद | फार्मासिस्ट भर्ती हाईकोर्ट का फैसला
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अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिहा ने रखा पक्ष
मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिहा ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत ने अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद यह अंतरिम आदेश जारी किया, जो भर्ती प्रक्रिया को अधिक समावेशी और न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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