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case of removal of B.Ed teachers from job : बीएड शिक्षकों के नौकरी से हटने के बाद इन पर सियासत तेज हो गई है। इन शिक्षकों के समर्थन में अब कांग्रेस उतर आई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आंदोलन कर रहे इस शिक्षकों से मुलाकात की। भूपेश ने कहा कि इन शिक्षकों की भर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान ही हुई ऐसा नहीं है। बीजेपी सरकार बनने के बाद भी तीसरी और चौथी काउंसलिंग 9 फरवरी 2024 और 7 मार्च 2024 को हुई थी और इनकी नियुक्तियां हुई थी।
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हटाए गए अधिकांश शिक्षक बस्तर, सरगुजा संभाग के
इनमें अधिकांश शिक्षक बस्तर और सरगुजा संभाग के हैं। 2897 में से 70 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते है। सरकार के पास शिक्षा विभाग में ही अनेकों ऐसे पद है जहां समान वेतनमान पर इन 2897 शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है। प्रयोगशाला सहायक, उच्च श्रेणी शिक्षकों के रूप में इनकी नियुक्तियां की जा सकती है। बीएड सहायक शिक्षकों के समायोजन का कोई प्रयास बीजेपी सरकार ने नहीं किया।
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सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने समायोजन का प्रस्ताव मांगा लेकिन युवा विरोधी यह सरकार खामोश रही। जानबूझकर षड़यंत्रपूर्वक न्यायालय में बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों का पक्ष सही ढंग से नहीं रखा गया, अब सेवा समाप्ति का नोटिस जारी करके कमेटी बनाने का ढोंग कर रहे है। 33000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सरकार रोक कर रखी हैं। इन पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है। सरकार इनके मामले में तत्काल निर्णय लेकर इनका समायोजन करे।
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सरकार पूरा धान नहीं खरीदना चाहती है
धान खरीदी में फैली अव्यवस्था पर चर्चा करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी सरकार किसानों का पूरा धान नहीं खरीदना चाहती है। धान खरीदी केंद्रों पर जगह की कमी है, उठाव नहीं हो पा रहा, मिलरों से गतिरोध खत्म नहीं हो रही है।
किसानों को भुगतान भी नहीं दिया जा रहा, एकमुश्त 3100 भुगतान का वादा की हवा निकल गई है। दूरस्थ क्षेत्रों में बारदानों की बहुत ज्यादा कमी है। सरकार पूरा धान नहीं खरीदना पड़े इसके लिये बहाना बना रही है। सरकार बताये कि केंद्र सरकार इस वर्ष सेंट्रल पुल में कितना चावल लेने वाली है, अभी तक आंकड़ा सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया।
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सरकार चुनाव में जाने से डर रही
नगर निगमों में प्रशासक नियुक्त किये जाने के सरकार के फैसले पर भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी सरकार चुनाव में जाने से डर रही है, इसीलिये पहले चुनाव की अवधि बढ़ाने की अधिसूचना लाए फिर विधेयक पारित कराया अब प्रशासक बैठा दिए। सरकार को मालूम है कि चुनाव होगा तो बीजेपी का सूपड़ा साफ हो जाएगा।
इसीलिये चुनाव में जाने से डर रहे हैं। एक साल में ही साय सरकार अलोकप्रिय हो गयी। युवा, किसान, महिला, आदिवासी सभी सरकार से नाराज है। चारों तरफ भ्रष्टाचार हो रहा, कानून व्यवस्था बदहाल, आपराधिक घटनाएं बढ़ गयी है। महिला पुलिस अधिकारी भी सुरक्षित नहीं है।
भाजपा सरकार बनने के बाद धर्मांतरण बढ़ गया
भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में बीजेपी की सरकार आने के बाद धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ गयी है। बीजेपी धर्मांतरण को रोकना नहीं चाहती। जो घर वापसी की बात कर रहे हैं वे बताएं कि घर वापसी कराने वालों का कोई रिकार्ड उन्होंने रखा है, जिनकी घर वापसी के दावा कर रहे है। उनको वापस लाने के बाद कौन सी जाति में शामिल कराया गया, इसके बारे में बताएं।
सरकार के खिलाफ पदयात्रा
4 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज बस्तर में एक दिवसीय पदयात्रा करेंगे, एनएमडीसी नगरनार के विनिवेशीकरण का विरोध, एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर लगाने की मांग, सीएसआर मद का पैसा स्थानीय युवाओं को रोजगार देने तथा बस्तर के खूटपदर में सुपरस्पेशलिस्ट अस्पताल के प्रोजेक्ट रद्द करने के खिलाफ पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज 4 जनवरी को खूटपदर से बस्तर तक एक दिन की पदयात्रा करेंगे।
48 घंटे में पांच हत्याएं
कांग्रेस ने बढ़ते अपराध पर सरकार पर निशाना साधा है। संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 48 घंटे में राजधानी में पांच हत्या होने की घटना हुई है। रोज हो रही हत्या से पूरी राजधानी में भय का माहौल है। रायपुर में हत्या और चाकूबाजी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है।
सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है। जबसे राज्य में बीजेपी की सरकार बनी है, राजधानी रायपुर में औसतन रोज तीन हत्या हो रही है। ऐसा कोई दिन नहीं होता भयावह हत्या की एक दो घटनाएं न होती हो, अपराधी इतने बेलगाम हो गये है कि सरेआम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।