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Chitrakote Bastar tourist place : कभी लाल आतंक यानी नक्सलियों के गढ़ रहे बस्तर की फिजा बदल रही है। बस्तर के चित्रकोट को देखने के लिए लाखों पर्यटक पहुंच रहे हैं। यही नहीं नई साल यानी 2025 का जश्न मनाने के लिए ही करीब एक लाख पर्यटक चित्रकोट पहुंचे। याद रहे चित्रकोट वही इलाना है, जहां कभी नक्सलियों ने बम लगाकर पूरी पुलिस चौकी को ही उड़ा दिया था। श्
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हर महीने आ रहे 80 हजार पर्यटक
बस्तर हरियाली और जल प्रपात-झरने यानी वाटर फॉल के लिए प्रसिद्ध है। हरियाली की गोद में लिपटे बस्तर की खूबसूरती हमेशा से ही पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। कालांतर में इस इलाके में नक्सलियों ने अपने पैर पसार लिए। धीरे- धीरे ये पूरा इलाक ही नक्सलियों का गढ़ बन गया। सरकार की लगातार चल रही मुहिम का असर है कि नक्सलियों की पकड़ इस इलाके में कमजोर होती जा रही है।
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जैसे- जैसे नक्सलियों का खात्मा हो रहा है, इस इलाके में पर्यटकों ने रुख करना शुरू कर दिया है। इनमें देशी और विदेशी, दोनों ही पर्यटक शामिल हैं। अब लोग इस इलाके में जाने से घबराते नहीं हैं।
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जानकारी के अनुसार साल 2024 में 9 लाख पर्यटक पहुंचे यानी कि हर महीने औसत 80 हजार पर्यटक चित्रकोट पहुंचे। इतनी बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने से यहां सुविधाओं का विस्तार हुआ और लोगों के मन में लाल आंतक का जो डर बना था वह दूर हो गया।
169 विदेशी पर्यटक भी आए
चित्रकोट जलप्रपता में 30 दिसंबर तक करीब 9 लाख पर्यटक पहुंचे। इनमें 169 विदेशी भी शामिल थे। यह बस्तर का इकलौता स्थल है, जहां इतनी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आए हैं। स्थानीय लोगों को होम स्टे, पार्किंग के जिरये रोजगार मिल रहा है। चित्रकोट के आसपास ढाबा, होटल, कैफे और छोटी दुकानों के जरिए लोग रोजगार कर रहे हैं। इसके अलावा जगदलपुर में होटल और गाड़ियों को किराए पर चलाने वाले लोगों को भी रोजगार मिल रहा है।
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