सोनवानी और गोयल को कोर्ट ने 28 तक CBI की रिमांड पर भेजा

CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी टामन सिंह सोनवानी और श्रवण गोयल को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने दोनों को दस दिन की सीबीआई रिमांड पर दे दिया है।

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Kanak Durga Jha
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CBI present Sonwani- Goyal court today take them remand
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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) में भर्ती घोटाले के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोग के पूर्व चेयरमैन और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही, बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार को सीबीआई ने दोनों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को ही 28 नवंबर तक सीबीआई को रिमांड के लिए सौंप दिया।

विशेष कोर्ट में पेश की गई सीबीआई की डायरी में कहा गया है कि श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड ने सीएसआर मद में ग्रामीण विकास समिति नाम के एनजीओ को 45 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे।  सोनवानी की पत्नी इसी एनजीओ की अध्यक्ष हैं। 

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भ्रष्टाचार के पक्के सबूत मिले

CBI की जांच में खुलासा हुआ कि श्रवण गोयल ने अपने बेटे और बहू को नौकरी दिलाने के लिए सोनवानी के करीबी एनजीओ को सीएसआर फंड से 45 लाख रुपये दिए। यह धनराशि सोनवानी तक पहुंचाई गई, जिसके पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद गिरफ्तारी हुई। इसके अलावा, सोनवानी पर अपने कार्यकाल के दौरान कई VIP लोगों के रिश्तेदारों को पैसे लेकर डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों पर चयनित करने का आरोप है।

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2020-2022 में हुई नियुक्तियों पर सवाल

CBI के मुताबिक, 2020 से 2022 के बीच डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी पदों के लिए आयोजित परीक्षाओं और इंटरव्यू में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं। जांच में सामने आया कि सोनवानी ने कई अधिकारियों, नेताओं और अपने रिश्तेदारों को नियमों के विपरीत नियुक्ति दिलाई। भर्ती में पैसों के लेन-देन के प्रमाण भी मिले हैं।

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जल्द और खुलासे संभव

CBI ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के डायरेक्टर पर भी कई अधिकारियों को भारी धनराशि देकर अपने लोगों की नियुक्ति कराने का आरोप है। CBI ने कहा कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही बड़े खुलासे होंगे।

 

FAQ

टामन सिंह सोनवानी और श्रवण गोयल पर क्या आरोप हैं?
टामन सिंह सोनवानी, जो CGPSC के पूर्व चेयरमैन हैं, पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पैसे लेकर कई VIP लोगों के रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों पर नियुक्त किया। श्रवण गोयल, बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के डायरेक्टर, ने अपने बेटे और बहू को नौकरी दिलाने के लिए सोनवानी के करीबी एनजीओ को सीएसआर फंड से 45 लाख रुपये दिए।
CBI ने किन सबूतों के आधार पर गिरफ्तारियां की हैं?
CBI को सोनवानी और गोयल के बीच पैसों के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले हैं। जांच में यह भी सामने आया कि 2020-2022 के दौरान भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गईं। इनमें VIP लोगों के रिश्तेदारों को पैसे लेकर नियमों के खिलाफ नियुक्त किया गया।

 

 

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