बड़े नेताओं-अफसरों के घर पड़ेगी रेड, दिल्ली से आई CBI की स्पेशल टीम

Mahadev Satta App scam case: महादेव सट्टा मामले में अब सीबीआई की एंट्री हुई है। अब घोटाले की जांच सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) की टीम करेगी।

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Kanak Durga Jha
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CBI special team came from Delhi will raid on congress politician and government officers mahadev satta case
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महादेव सट्टा मामले में अब सीबीआई की एंट्री हुई है। अब घोटाले की जांच सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) की टीम करेगी। बता दें कि यह केस ईडी (एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट) और ईओडब्ल्यू (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग) के दायरे में थी। ईडी और ईओडब्ल्यू में दर्ज केस की डायरी अब सीबीआई के अफसरों को सौंपी गई है। केस लेते ही सीबीआई ने गोपनीय जांच भी शुरू कर दी है। महादेव सट्टा घोटाला मामले में कार्रवाई करने के लिए सीबीआई की स्पेशल टीम दिल्ली से भेजी गई है। 

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अधिकारियों और नेताओं के घर दस्तक देगी सीबीआई

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली से आई स्पेशल सीबीआई की टीम जल्द ही अधिकारियों और नेताओं के घर दस्तक देगी। दरअसल, सीबीआई घोटाले में संदिग्ध अधिकारियों और नेताओं के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इस माह महादेव सट्टा में कमीशन और प्रोटेक्शन मनी का पैसा लेने वाले कुछ अधिकारियों और नेताओं के घरों में छापे की तैयारी में है।

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अधिकारियों और नेताओं को हर महीने मिल रहे थे 1 करोड़ रुपए 

महादेव सट्टा मामले में अब तक की कार्रवाई के अनुसार ईडी और ईओडब्ल्यू ने आरोप लगाया था कि सट्‌टा बिना किसी रुकावट चलाने के लिए सिक्योरिटी मनी के तौर पर हर माह 1 करोड़ रुपए दिया जा रहा था। सट्टेबाजी एप के एक प्रमोटर ने दुबई से वीडियो जारी कर खुद इसका दावा किया था। आईटी के छापे और ईडी की रिपोर्ट में भी ये तथ्य सामने आ चुका है, लेकिन गिरफ्तारी किसी की नहीं गई है। इसलिए सरकार ने सीबीआई जांच का फैसला लिया है।

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अब तक ये गिरफ्तार

ईडी ने 2022 में ईसीआईआर दर्ज किया था। इसमें सट्‌टेबाजी के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी,रवि उप्पल, अतुल अग्रवाल को आरोपी बनाया गया। जांच शुरू की गई। ईडी ने सिपाही, एएसआई रैंक के पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया है।

इसके बाद हवाला कारोबारी, निवेशक को गिरफ्तार किया है। इस दौरान बड़े अधिकारियों व नेताओं के नाम सामने आए लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया। चार्जशीट में जरूर कई नेताओं, तीन ओएसडी, आईजी रैंक के दो अधिकारी, एसएसपी, एएसपी, टीआई रैंक के अधिकारी और विधायक का जिक्र किया। लेकिन कभी इनके घर पर छापा नहीं मारा। ईडी की जांच यहीं रूक गई।

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FAQ

महादेव सट्टा मामले की जांच अब कौन करेगा?
महादेव सट्टा मामले की जांच अब सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) करेगी। पहले यह मामला ईडी (एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट) और ईओडब्ल्यू (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग) के अधीन था। अब सीबीआई ने केस की डायरी लेते हुए गोपनीय जांच शुरू कर दी है।
महादेव सट्टा घोटाले में अधिकारियों और नेताओं की क्या भूमिका है?
घोटाले में शामिल अधिकारियों और नेताओं को सट्टेबाजी चलाने के बदले हर महीने 1 करोड़ रुपए तक सिक्योरिटी मनी दी जा रही थी। एएसआई चंद्रभूषण वर्मा के बयान के अनुसार, तीन ओएसडी को हर महीने 35 लाख, एक राज्य सचिव को 1 करोड़, और आईजी रैंक के अधिकारियों को 20-20 लाख रुपए मिलते थे।
अब तक महादेव सट्टा घोटाले में क्या कार्रवाई हुई है?
2022 में ईडी ने ईसीआईआर दर्ज किया। प्रमुख आरोपियों में सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी, रवि उप्पल, और अतुल अग्रवाल शामिल हैं। ईडी ने सिपाही, एएसआई, हवाला कारोबारी और निवेशकों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, बड़े नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई छापा या गिरफ्तारी नहीं हुई। अब सीबीआई दिल्ली से आई स्पेशल टीम के साथ छापेमारी की तैयारी कर रही है।

 

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