Chhattisgarh CGPSC Scam : छत्तीसगढ़ पीएससी में अनियमितता की जांच अब सीबीआई करेगी, सरकार ने जारी की अधिसूचना

बीजेपी के सत्ता में आने के बाद विष्णुदेव साय सरकार ने कैबिनेट की बैठक में पीएससी परीक्षा की जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया था। राज्य सरकार की सहमति के बाद केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर यह मामला सीबीआई के सौंप दिया है। 

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Pratibha ranaa
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RAIPUR.  छत्तीसगढ़ में सरकार ने अपने मेनीफेस्टो का एक और वादा यानी मोदी की गारंटी पूरी कर दी है। प्रदेश में राज्य लोकसेवा आयोग की परीक्षा में हुई गड़बड़ी ( Chhattisgarh CGPSC Scam ) की जांच अब सीबीआई करेगी (  CBI investigation  CGPSC Scam ) । सीबीआई ने ये केस टेकओवर कर लिया है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। 2021 में हुई पीएससी की परीक्षा के रिजल्ट सवालों के घेरे में था। इसमें कांग्रेस नेताओं और अफसरों के बच्चों के चयन के बाद प्रदेश के छात्रों में बड़ी नाराजगी देखी गई थी। इस मुद्दे पर युवा सड़कों पर उतरे थे और उनका साथ बीजेपी ने भी दिया था। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में यह वादा किया था कि पीएससी परीक्षा की जांच सीबीआई से कराई जाएगी। 

प्रदेश में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद विष्णुदेव साय सरकार ने कैबिनेट की बैठक में पीएससी परीक्षा ( CGPSC ) की जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया था। राज्य सरकार की सहमति के बाद केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर यह मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया है। केंद्र और राज्य में बीजेपी की  सरकार होने से अब गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई से कराने का रास्ता खुल गया है। 

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यह है मामला : 

साल 2021 में यह परीक्षा 121 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की गई थी। प्री एग्जाम में 2565 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की। मेन्स में 509 अभ्यर्थी पास हुए। इंटरव्यू के बाद 170 कि सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई। इस सिलेक्शन लिस्ट ने ही युवाओं के सपनों को चकनाचूर कर दिया। इस बार 52 लाख से ज्यादा युवा वोटर हैं इसलिए ये मुद्दा बीजेपी के लिए इतना अहम हो गया। इस फर्जीवाड़े ने छत्तीसगढ़ के सैकड़ों युवाओं के भविष्य पर डाका डाल दिया। चयन हुआ तो तत्कालीन पीएस अध्यक्ष टामन सिंह सोनवाने समेत राजनेता और अफसरों के भाई भतीजों और पुत्रो का। 2021 में ये परीक्षा हुई 2023 में रिजल्ट आया। रिजल्ट आते ही ये ये विवादों में घिर गया और इस पर सवाल खड़े हो गए। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की जिसमें इस चयन सूची पर गंभीर आपत्तियां और तथ्य पेश किए गए थे।

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इस चयन सूची पर उठे सवाल

  • नितेश - चयन डिप्टी कलेक्टर

    टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र
  • निशा कोशले - डिप्टी कलेक्टर

    नितेश की पत्नी यानी टामन सिंह की बहू
  • साहिल - चयन डीएसपी

    टामन सिंह के भाई के बेटे
  • दीपा - जिला आबकारी अधिकारी

    टामन सिंह के भाई की बहू

    सुनीति जोशी - श्रम अधिकारी

    टामन सिंह की बहन की पुत्री यानी उनकी भांजी।
  • मीनाक्षी - डिप्टी कलेक्टर

    टामन सिंह के करीबी की बेटी

इतना ही नहीं पूर्व सचिव के बेटे बहू, तत्कालीन सचिव के पुत्र, कांग्रेस नेताओं और अफसरों के पुत्रों के नाम भी चयनित उम्मीदवारों की सूची में आये हैं। या मुद्दा विधानसभा चुनावों में खूब उछला और बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में ही इसकी जांच सीबीआई से कराने का एलान कर इसे मोदी की गारंटी बता दिया। अब इस पूरे मामले की जांच सीबीआई करेगी।

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