नक्सलियों के गढ़ में आजादी का जश्न, बस्तर के 29 गांवों में पहली बार फहराया तिरंगा

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्वतंत्रता दिवस 2025 पर एक नया इतिहास रचा गया। सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर के 29 गांवों में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया। इन गांवों में पहले नक्सलियों का काला झंडा फहराया जाता था।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Celebration of Independence in the Naxal stronghold the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्वतंत्रता दिवस 2025 एक नए इतिहास के साथ आया। सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिले के 29 गांवों में पहली बार तिरंगा लहराया गया, जहां कभी नक्सलियों का काला झंडा फहरता था। इन गांवों में नक्सलियों की दहशत को खत्म कर सुरक्षा बलों ने लोकतंत्र की नींव रखी है।

ये खबर भी पढ़ें... रायपुर में लागू होगा पुलिस कमिश्नर सिस्टम, स्वतंत्रता दिवस पर सीएम विष्णुदेव साय का एलान

नक्सलियों के गढ़ में बदला माहौल

पिछले एक साल में सुरक्षा बलों ने इन दुर्गम गांवों में 29 कैंप स्थापित किए। बीजापुर के 11, नारायणपुर के 11 और सुकमा के 7 गांवों में नक्सलियों को खदेड़कर सुरक्षा बलों ने अपनी मौजूदगी दर्ज की। बीजापुर का पुजारी कांकेर गांव, जो कभी नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना था, अब तिरंगे की छांव में है। कोंडापल्ली और जिडपल्ली जैसे गांवों में भी नक्सली दहशत कम हुई है। हाल ही में नारायणपुर के अबूझमाड़ में DRG जवानों ने नक्सली लीडर बसवा राजू को ढेर किया, जिससे माओवादी संगठन कमजोर पड़ा है। 

ये खबर भी पढ़ें... ध्वजारोहण और झंडावंदन में क्या है बड़ा अंतर, जानें स्वतंत्रता दिवस पर इनका महत्व

ग्रामीणों में उत्साह, भारत माता की जय का नारा

इन गांवों में पहली बार ग्रामीणों ने तिरंगा थामा, मिठाइयां बांटीं और ‘भारत माता की जय’ के नारों से माहौल गूंज उठा। बीजेपी सरकार के मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं ने इन गांवों में झंडारोहण कर आजादी का जश्न मनाया। 

ये खबर भी पढ़ें... बीजापुर में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ जारी: दो जवान घायल, रायपुर एयरलिफ्ट

IG की अपील हिंसा छोड़ें, मुख्यधारा में लौटें

बस्तर के IG सुंदरराज पी ने बताया कि दक्षिण बस्तर से अबूझमाड़ तक 29 कैंप स्थापित किए गए हैं, जिससे इन गांवों में राष्ट्रीय पर्वों का आयोजन संभव हो सका है। उन्होंने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। 

ये खबर भी पढ़ें... बीजापुर नक्सल एनकाउंटर: मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी

लोकतंत्र की जीत

देश की स्वतंत्रता के 78 साल बाद इन गांवों में तिरंगा फहराना न केवल आजादी का प्रतीक है, बल्कि नक्सलियों के ‘गनतंत्र’ पर लोकतंत्र की जीत भी है। यह बदलाव बस्तर के भविष्य को नई दिशा दे रहा है।

FAQ

बस्तर के किन जिलों के कितने गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया गया?
बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के कुल 29 गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया गया। इनमें बीजापुर के 11, नारायणपुर के 11 और सुकमा के 7 गांव शामिल हैं।
इन गांवों में तिरंगा फहराने के पीछे सुरक्षा बलों की क्या भूमिका रही?
सुरक्षा बलों ने पिछले एक साल में इन दुर्गम और नक्सल प्रभावित गांवों में 29 कैंप स्थापित किए, नक्सलियों को खदेड़ा और सुरक्षा सुनिश्चित की, जिससे पहली बार इन इलाकों में स्वतंत्रता दिवस मनाया जा सका।
बस्तर IG सुंदरराज पी ने नक्सलियों को क्या संदेश दिया?
IG सुंदरराज पी ने नक्सलियों से हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में लौटने की अपील की, ताकि शांति और विकास के रास्ते को अपनाया जा सके।

thesootr links

द सूत्र कीt खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

बस्तर में तिरंगा | नक्सलवाद खत्म | सुकमा बीजापुर नारायणपुर स्वतंत्रता दिवस | नक्सल मुक्त गांव | बस्तर संभाग लोकतंत्र

बस्तर में तिरंगा नक्सलवाद खत्म सुकमा बीजापुर नारायणपुर स्वतंत्रता दिवस नक्सल मुक्त गांव बस्तर संभाग लोकतंत्र