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Raipur. छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में कई अहम और संवेदनशील मुद्दों पर जोरदार बहस देखने को मिली। स्कूल-कॉलेजों में लगे सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और इंसीनरेटर, बेरोजगारी भत्ता, मोबाइल नेटवर्क समस्या और धान खरीदी में अव्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा।
सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन का मुद्दा उठा
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने स्कूल और कॉलेजों में लगाए गए सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और इंसीनरेटर का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि करोड़ों रूपए खर्च किए जाने के बावजूद कई मशीनें खराब या बंद पड़ी हैं, जिससे छात्राओं को इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की। इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब देते हुए बताया कि प्रदेश में लगभग 1600 मशीनें चालू हैं, जबकि करीब 1300 मशीनें खराब पाई गई हैं। मंत्री ने आश्वासन दिया कि खराब मशीनों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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बेरोजगारी भत्ता को लेकर विपक्ष का हंगामा
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने बेरोजगारी भत्ता योजना का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि योजना बंद नहीं होने के बावजूद पात्र युवाओं को इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा है।
मंत्री के स्पष्ट और संतोषजनक जवाब न देने पर विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विधानसभा में मिले जवाबों के अनुसार बेरोजगारी भत्ता योजना बंद नहीं हुई है, फिर युवाओं को भत्ता क्यों नहीं दिया जा रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में प्रावधान होने के बावजूद भत्ता नहीं देना युवाओं के साथ सीधा धोखा है। इस मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी की और अंततः वॉकआउट कर दिया।
मोबाइल टॉवर और नेटवर्क समस्या पर सवाल
विधायक रेणुका सिंह ने सदन में मोबाइल टॉवरों को लेकर विभागीय अधिकारियों पर गलत और अधूरी जानकारी देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कई इलाकों में आज भी गंभीर नेटवर्क समस्या बनी हुई है, जबकि कागजों में टॉवर चालू दिखाए जा रहे हैं।
इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवाब देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने इस मुद्दे को लेकर भारत सरकार को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि जिन क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या है, वहां जल्द मोबाइल टॉवर लगाए जाएंगे।
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धान खरीदी में अव्यवस्था पर स्थगन प्रस्ताव
विधानसभा में धान खरीदी में अव्यवस्था को लेकर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार धान खरीदी के पक्ष में नहीं है और जानबूझकर व्यवस्था को कमजोर कर इसे निजी हाथों में सौंपने का षड्यंत्र रच रही है।
उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के प्रबंधक, कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर हड़ताल पर हैं, पंजीयन में गंभीर खामियां हैं, वन अधिकार पट्टाधारी किसानों का पंजीयन नहीं हुआ, और ऑनलाइन टोकन व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। इसके चलते किसानों को चॉइस सेंटरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
हंगामेदार रहा दूसरा दिन
दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान सदन में भूपेश बघेल, उमेश पटेल और देवेंद्र यादव सहित कई वरिष्ठ विधायकों ने सरकार को घेरा। लगातार हंगामे और तीखी बहस के बीच शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और वॉकआउट के साथ समाप्त हुआ।
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