PM आवास योजना में लापरवाही पड़ी भारी! बलौदाबाजार में रोजगार सहायक बर्खास्त

बलौदाबाजार जिले के विकासखंड पलारी अंतर्गत ग्राम पंचायत कुकदा में पदस्थ ग्राम रोजगार सहायक राजेंद्र सिंह मार्कण्डेय को उनके कार्यों में घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता के कारण सेवा से हटा दिया गया है।

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Harrison Masih
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Balodabazar employment assistant dismissed: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के कार्यों में घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता बरतने पर ग्राम रोजगार सहायक को पद से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई जनपद पंचायत पलारी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) द्वारा की गई है।

क्या है पूरा मामला?

ग्राम पंचायत कुकदा (विकासखंड पलारी) में पदस्थ ग्राम रोजगार सहायक राजेंद्र सिंह मार्कण्डेय पर आरोप था कि उन्होंने मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत कार्य करते समय अपने पदीय कर्तव्यों में लापरवाही बरती।

सीईओ पलारी द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट हुआ कि राजेंद्र सिंह ने कार्यों में स्वेच्छाचारिता (मनमानी) दिखाई और योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीर अनियमितताएं कीं।

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किस नियम के तहत की गई कार्रवाई?

मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने यह कार्यवाही छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 की कंडिका 11(5) के तहत की। इसे “लोकहित के विपरीत आचरण” मानते हुए, ग्राम रोजगार सहायक की संविदा सेवा समाप्त कर दी गई है।

हालांकि नियमानुसार, उन्हें एक माह का वेतन देकर सेवा समाप्ति की सूचना दी गई है।

कार्रवाई का महत्व:

यह मामला शासन की योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन की दिशा में एक कड़ा संदेश है। जनपद प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि गरीबों के लिए बनी योजनाओं में किसी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई से प्रशासन की उत्तरदायित्वशीलता और जवाबदेही सिद्ध होती है।

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यह था रोजगार सहायक का दायित्व:

ग्राम रोजगार सहायक की भूमिका होती है:

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मनरेगा जैसे कार्यक्रमों को गांव में लागू करना।
  • पात्र लाभार्थियों का चयन, दस्तावेजों का सत्यापन और कार्यों की निगरानी करना।
  • समय पर रिपोर्टिंग और पारदर्शी भुगतान सुनिश्चित करना।
  • लेकिन जांच में पाया गया कि राजेंद्र सिंह मार्कण्डेय ने इन दायित्वों को गंभीरता से नहीं निभाया।

क्या कहता है नियम 11(5)

सिविल सेवा संविदा नियुक्ति नियम 2012 की कंडिका 11(5) के अनुसार, यदि किसी संविदा कर्मचारी का कार्य व्यवहार लोकहित के प्रतिकूल पाया जाता है, तो बिना कोई कारण बताए, एक माह का वेतन देकर सेवा समाप्त की जा सकती है।

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PM आवास योजना में लापरवाही

प्रधानमंत्री आवास योजना में लापरवाही पर एक्शन

  1. रोजगार सहायक बर्खास्त:
    ग्राम पंचायत कुकदा में पदस्थ ग्राम रोजगार सहायक राजेंद्र सिंह मार्कण्डेय को घोर लापरवाही और मनमानी के चलते संविदा सेवा से हटा दिया गया है।

  2. PM आवास योजना में गड़बड़ी:
    उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मनरेगा के अंतर्गत कार्यों में अपने पदीय दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया।

  3. लोकहित के विरुद्ध आचरण:
    उनकी कार्यशैली को जनहित के खिलाफ माना गया और इसे गंभीर अनुशासनहीनता के रूप में देखा गया।

  4. नियमों के तहत कार्रवाई:
    कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 की कंडिका 11(5) के अंतर्गत की गई, जिसमें उन्हें एक माह का वेतन देकर सेवा समाप्त की गई।

  5. प्रशासन की चेतावनी:
    जनपद पंचायत पलारी ने कहा है कि भविष्य में भी इस प्रकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि योजनाओं का लाभ सही पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे।

बलौदाबाजार रोजगार सहायक बर्खास्त

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प्रशासन की चेतावनी

जनपद पंचायत ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में यदि किसी और अधिकारी या सहायक द्वारा इस प्रकार की लापरवाही पाई जाती है, तो उनके विरुद्ध भी कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

FAQ

PM आवास योजना (ग्रामीण) में रोजगार सहायक की भूमिका क्या होती है?
रोजगार सहायक की जिम्मेदारी होती है कि वह योजना के लाभार्थियों का चयन, दस्तावेज़ सत्यापन, निर्माण कार्य की निगरानी और योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बनाए रखे। वे गांव स्तर पर योजना की सही तरीके से कार्यान्वयन और निगरानी करते हैं।
बलौदाबाजार में रोजगार सहायक को पद से क्यों हटाया गया?
बलौदाबाजार जिले के विकासखंड पलारी की ग्राम पंचायत कुकदा में पदस्थ ग्राम रोजगार सहायक राजेंद्र सिंह मार्कण्डेय को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के कार्यों में लापरवाही और मनमानी बरतने के कारण संविदा सेवा से बर्खास्त किया गया है।
PM आवास योजना में गड़बड़ी पर क्या कार्रवाई की जा सकती है?
यदि कोई सरकारी कर्मचारी प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में लापरवाही, अनियमितता या मनमानी करता है, तो उसके खिलाफ जांच के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। संविदा कर्मचारियों की सेवा सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 के तहत एक माह का वेतन देकर समाप्त की जा सकती है, जैसा कि बलौदाबाजार जिले में रोजगार सहायक के मामले में किया गया।

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