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Photograph: (the sootr)
CG News.बिलासपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सड़कों की खराब हालत पर गहरी चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच के माध्यम से अफसरों से सवाल किया कि आखिर क्यों सड़कों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। खराब सड़कों के कारण दुर्घटनाओं में लोगों की मौत और मवेशियों के मरने पर चिंता जाहिर करते हुए कोर्ट ने नाराजगी जताई।
सड़कों की मरम्मत की धीमी चाल
कोर्ट ने कहा कि अगर कोर्ट निगरानी न करें, तो विभागीय अफसर कोई काम नहीं करेंगे। कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिकारियों से पूछा कि क्या केवल कोर्ट के आदेश के बाद ही सड़कों पर काम होगा।
कोर्ट ने प्रदेशभर में सड़कों की स्थिति का विवरण शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, बिलासपुर और रायपुर के प्रमुख सड़कों की खराब स्थिति और निर्माण कार्यों की धीमी गति को लेकर भी राज्य सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा गया है।
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बिलासपुर और रायपुर में काम अधूरा
कोर्ट ने बिलासपुर की पेंड्रीडीह बाइपास से नेहरू चौक तक सड़क निर्माण का विशेष रूप से उल्लेख किया। निर्माण की डेडलाइन अप्रैल में तय की गई थी, लेकिन काम अब तक पूरा नहीं हुआ। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से इस पर कार्रवाई करने को कहा।
इसके अलावा रायपुर के धनेली एयरपोर्ट रोड का काम भी अधूरा है। कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा कि क्यों इन कार्यों में समय पर प्रगति नहीं हो पाई। राज्य सरकार से मांगा जवाब।
सड़कों की खराब स्थिति पर हाईकोर्ट ने क्या कहा?सड़कों की मरम्मत में देरी पर नाराजगी: बिलासपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सड़कों की खराब स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और अफसरों से सवाल किया कि क्यों सड़कों की मरम्मत नहीं हो रही है। दुर्घटनाओं और मवेशियों की मौत पर चिंता: कोर्ट ने खराब सड़कों के कारण हो रही दुर्घटनाओं में लोगों की मौत और मवेशियों की मौत पर गंभीर चिंता जाहिर की। इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने अधिकारियों से जवाब मांगा। सड़क निर्माण कार्यों में धीमी गति: कोर्ट ने कहा कि विभागीय अधिकारियों को केवल कोर्ट के आदेश के बाद ही काम करने की आदत हो गई है, और बिना निगरानी के कोई प्रगति नहीं होती। बिलासपुर और रायपुर के निर्माण कार्य अधूरे: कोर्ट ने विशेष रूप से बिलासपुर की पेंड्रीडीह बाइपास से नेहरु चौक तक और रायपुर के धनेली एयरपोर्ट रोड के निर्माण कार्यों को अधूरा बताते हुए अफसरों से पूछा कि समय पर काम क्यों पूरा नहीं हो पाया। अगली सुनवाई 4 अगस्त को: राज्य सरकार से शपथ पत्र के माध्यम से सड़कों की स्थिति को स्पष्ट करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने 4 अगस्त को अगली सुनवाई तय की है, ताकि सरकार और अधिकारियों से पूरा जवाब लिया जा सके। | |
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प्रदेश की सड़कें खराब- कोर्ट
कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य में सड़क निर्माण कार्यों की कार्यप्रणाली बेहद पीड़ाजनक है। महाधिवक्ता से पूछताछ करते हुए अदालत ने पूछा कि जब पूरे प्रदेश की सड़कें खराब हैं तो इस पर ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं। कोर्ट ने इसे गंभीर स्थिति करार देते हुए अगली सुनवाई 4 अगस्त को तय की है।
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अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी
पीआईएल की अगली सुनवाई से पहले, राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से पूरी स्थिति को स्पष्ट करने का आदेश दिया गया है। महाधिवक्ता के कार्यालय के विधि अधिकारियों ने इस मामले में और समय की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त निर्धारित की है।
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