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GST bribery case: छत्तीसगढ़ में GST विभाग में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में सामने आया है कि खुद को 'मिश्रा' बताने वाला एक फर्जी GST अधिकारी, असल में रायपुर निवासी अनिल गुप्ता निकला, जो अब तक व्यवसायियों को धमकाकर और फर्जी अफसर बनकर लाखों रूपए की वसूली कर चुका है।
गुरुवार को अनिल गुप्ता ने रायपुर की विशेष सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद 14 जुलाई तक की रिमांड पर उसे CBI को सौंप दिया गया।
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क्या है पूरा मामला?
यह प्रकरण दुर्ग के कारोबारी लालचंद अठवानी और उनकी कंपनी ‘द वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी’ से जुड़ा है। 28 जनवरी 2025 को, सेंट्रल GST की टीम ने कंपनी पर छापा मारा और दस्तावेज जब्त किए।
कार्रवाई के बाद, रायपुर में पदस्थ सेंट्रल GST अधीक्षक भरत सिंह ने मामला सुलझाने के एवज में 34 लाख रूपए की रिश्वत की मांग की। यह रिश्वत मांगने की सूचना एक निजी व्यक्ति विनय राय के माध्यम से कारोबारी तक पहुंचाई गई।
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CBI का ट्रैप ऑपरेशन: रंगेहाथ पकड़े गए अधिकारी
कारोबारी लालचंद ने इस पूरे मामले की शिकायत CBI से की। CBI ने उन्हें रासायनिक रंग लगे हुए 5 लाख रूपए देकर जाल बिछाया। आरोपी GST अधीक्षक भरत सिंह को रायपुर के VIP रोड पर बुलाया गया, जहां वह रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार हो गया। साथ ही बिचौलिया विनय राय को भी हिरासत में लिया गया।
कौन है अनिल गुप्ता?
जांच के दौरान भरत सिंह और विनय राय ने एक तीसरे व्यक्ति 'मिश्रा' का नाम लिया, जो खुद को GST अधिकारी बताता था। CBI ने जब छानबीन की, तो सामने आया कि यह व्यक्ति असल में अनिल गुप्ता है, जो GST विभाग से जुड़ा नहीं है। वह फर्जी पहचान पत्र, सरकारी मोहर और दस्तावेजों के ज़रिए खुद को अधिकारी बताकर व्यापारियों से मोटी रकम वसूलता था।
कोर्ट में सरेंडर, अब CBI की पूछताछ शुरू
अनिल गुप्ता ने खुद कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद CBI ने 14 जुलाई तक की रिमांड मांगी और उसे हिरासत में ले लिया गया। अब उससे यह जानकारी ली जा रही है कि उसने ऐसे कितने और फर्जीवाड़े किए, और वह किन अधिकारियों के संपर्क में था।
CBI को क्या-क्या मिला?
अनिल गुप्ता के पास से मिले:
फर्जी GST पहचान पत्र
सरकारी मुहरें
नकली दस्तावेज
व्यापारियों से की गई वसूली के सबूत
CBI को आशंका है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पूरा नेटवर्क है, जिसमें कुछ असली अधिकारी और दलाल मिलकर रैकेट चलाते थे।
अब तक की कार्रवाई:
GST अधीक्षक भरत सिंह और बिचौलिया विनय राय को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। अनिल गुप्ता उर्फ ‘मिश्रा’ को CBI रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। CBI अब इस गिरोह से जुड़े अन्य अफसरों और दलालों की तलाश में जुट गई है।
इस मामले ने दिखा दिया है कि कैसे असली अधिकारियों की आड़ में फर्जी लोग व्यापारी वर्ग को निशाना बना रहे हैं। CBI की जांच से इस रैकेट का खुलासा हुआ है, लेकिन अभी और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है। GST विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की जरूरत को यह मामला फिर से सामने लाया है।
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