सीएम साय ने कहा कलेक्टर-एसपी आपसी समन्वय से करें काम, वन की जमीन से अतिक्रमण हटाएं फॉरेस्ट अफसर

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के तेवर दूसरे दिन भी सख्त दिखाई दिए। सीएम ने कलेक्टर,एसपी और आईएफएस अफसरों की कान्फ्रेंस में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि जिले में कलेक्टर और एसपी प्रमुख अफसर होते हैं।

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Arun Tiwari
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Raipur. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के तेवर दूसरे दिन भी सख्त दिखाई दिए। सीएम ने कलेक्टर,एसपी और आईएफएस अफसरों की कान्फ्रेंस (CG Collector-SP conference) में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि जिले में कलेक्टर और एसपी प्रमुख अफसर होते हैं। इन दोनों को आपसी टकराव की जगह समन्वय से काम करना होगा। वहीं डीएफओ से कहा कि वनों की जमीन पर हुए अतिक्रमण को वे सख्ती के साथ हटाएं। सीएम ने कहा कि लोगों को यह लगना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में सुशासन की सरकार है। सुशासन लोगों को तब समझ में आएगा जब नौकरशाही संवेदनशीलता और सख्ती के साथ अपना असर दिखाए।    

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अपराधियों में हो कानून का भय : 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि पुलिस की छवि ऐसी होनी चाहिए, जिससे अपराधियों में कानून का भय और आम नागरिकों में सुरक्षा का अहसास पैदा हो। मुख्यमंत्री मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर-एसपी  कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति, नशा पर नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, साइबर अपराधों की रोकथाम और प्रशासनिक समन्वय को मजबूत करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक दोनों की भूमिका समान रूप से महत्वपूर्ण है। जिन जिलों में दोनों के बीच समन्वय मजबूत है, वहां बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं।

उन्होंने चेतावनी दी कि कानून-व्यवस्था के मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई को प्रशासनिक उदासीनता माना जाएगा और ऐसे मामलों में कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़कों पर अव्यवस्था फैलाने, चाकूबाजी और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए। गौ-तस्करी और धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मामलों पर सघन निगरानी रखी जाए और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों ने अपराध नियंत्रण में उल्लेखनीय सुधार किया है, उनके अनुभवों को अन्य जिलों में मॉडल के रूप में लागू किया जाए। 

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प्रशासन जवाबदेह और पारदर्शी हो : 

मुख्यमंत्री ने नशाखोरी और मादक पदार्थों की अवैध तस्करी पर सख्त रुख अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नशा अपराधों की जड़ है, और इसे समाप्त करना ही कानून-व्यवस्था सुधार की पहली शर्त है। मुख्यमंत्री ने एनकॉर्ड (NCORD) के तहत राज्यव्यापी अभियान चलाने, सीमावर्ती जिलों में तस्करी पर रोक लगाने और एनडीपीएस एक्ट के तहत समय-सीमा में कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि प्रदेश में घुसपैठियों की पहचान और नियंत्रण के लिए विशेष टास्क फोर्स (STF) गठित की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि सीमावर्ती जिलों में सघन जांच की जाए और संदिग्ध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो।

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उन्होंने यह भी कहा कि अपराधों की अनदेखी अक्सर गंभीर अपराधों को जन्म देती है, इसलिए प्रत्येक मामले में समयबद्ध कार्रवाई आवश्यक है। साय ने कहा कि पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन, टीम भावना और साझा उत्तरदायित्व ही विकसित छत्तीसगढ़ की वास्तविक नींव है। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन तभी सशक्त बन सकते हैं, जब प्रत्येक अधिकारी अपने दायित्व को ईमानदारी से निभाए और टीम के रूप में मिलकर परिणाम दे।

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डीएफओ क्षेत्रीय भाषा में करें ग्रामीणों से संवाद : 

सीएम ने डीएफओ को निर्देश दिए कि वे वन भूमि व्यप्रतन मामलों के तत्काल निराकरण करें। छोटे बड़े झाड़ के जंगलों का रिकॉर्ड चेक कर दुरुस्त करें, लैंड बैंक को नियमित रूप से अपडेट करें। बंजर और बिना इस्तेमाल की भूमि तथा नदियों के किनारे वृक्षारोपण को बढ़ावा दें। जमीनों पर अतिक्रमण ना हो इसके लिए विशेष ध्यान रखें , इन भूमियों का शासकीय विकास के कार्यों में इस्तेमाल करें। वन अधिकार पत्र वितरण में सावधानी बरतें और सेटेलाइट इमेज को देखकर निर्णय लें।

एक पेड़ मां के नाम अभियान में दो वर्षों में 6 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं। वहीं गज संकेत एलीफेंट ऐप से हाथियों की ट्रैकिंग की जाएगी। सीएम ने कहा कि मानव हाथी संघर्ष से जान और माल दोनों का नुकसान होता है। वास्तविक समय में हाथी की ट्रैकिंग होनी चाहिए। क्षेत्रीय भाषाओं में ग्रामीणों को जागरूकता एवं शिक्षा की जानकारी दी जाए।

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