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CG GST Scam Case:छत्तीसगढ़ GST विभाग (CG GST department) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। विभाग की BIU टीम ने GST एनालिटिक्स और इंटेलिजेंस नेटवर्क तथा GST प्राइम पोर्टल की मदद से करोड़ों रूपए के कर घोटाले का पता लगाया है। इस घोटाले का मास्टरमाइंड मो. फरहान सोरठिया (Farhan Sorathia) बताया जा रहा है, जो जीएसटी के कर सलाहकार के रूप में कार्य करता था।
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कैसे हुआ खुलासा?
छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग की टीम पिछले एक माह से इस मामले पर काम कर रही थी। 12 सितंबर को फरहान के ऑफिस पर छापेमारी की गई, जहाँ से 172 फर्मों के दस्तावेज मिले। फरहान ने अपने पाँच ऑफिस स्टाफ की मदद से फर्जी फर्मों का पंजीयन, रिटर्न फाइलिंग और ई-वे बिल तैयार करने का काम कराया था। इसके अलावा जांच में किरायानामा, सहमति पत्र और फर्जी एफिडेविट बनाने के सबूत भी बरामद हुए।
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कितना बड़ा फर्जीवाड़ा?
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि फरहान ने सिर्फ 26 बोगस फर्मों से ही 822 करोड़ रूपए के ई-वे बिल जनरेट किए, जबकि रिटर्न में केवल 106 करोड़ रूपए का टर्नओवर दिखाया गया। इन फर्मों से ही राज्य को लगभग 100 करोड़ रूपए का जीएसटी नुकसान हुआ है।
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कहाँ-कहाँ फैला नेटवर्क?
मिली जानकारी के अनुसार, फरहान का यह नेटवर्क सिर्फ छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं था। उसने पंजाब, असम, मणिपुर और ओडिशा में भी फर्जी पंजीयन करा रखे थे। इन फर्मों के माध्यम से बोगस सप्लाई बिल और ई-वे बिल जारी किए जा रहे थे।
छापेमारी में मिला कैश और सोना
17 सितंबर को फरहान के चाचा मो. अब्दुल लतीफ सोरठिया के घर पर छापेमारी की गई। यहाँ से विभाग को 1 करोड़ 64 लाख रूपए नकद और 400 ग्राम सोने के 4 बिस्किट मिले। जब्त की गई रकम और सोने की सूचना आयकर विभाग को भी भेज दी गई है।
छत्तीसगढ़ जीएसटी घोटाला जानें मुख्य बातें:
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आगे क्या होगा?
जीएसटी अधिकारियों ने इन फर्जी फर्मों से जुड़े दस्तावेजों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। अब तक सामने आए आंकड़ों से करोड़ों रुपये के जीएसटी फ्रॉड की पुष्टि हुई है। मामले में कई ब्रोकर, स्क्रैप डीलर और इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने वाली कंपनियाँ भी जांच के दायरे में हैं। फिलहाल राज्य कर विभाग इस पूरे घोटाले की गहन जांच कर रहा है और आगे की विधिक कार्रवाई जारी है।