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CG DJ Noise pollution control: शारदीय नवरात्रि का आज तीसरा दिन है। पर्व की रौनक के बीच छत्तीसगढ़ में डीजे-धुमाल, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार ने कई गाइडलाइन जारी की हैं। लेकिन तेज आवाज वाले डीजे का मुद्दा अब भी सुलझा नहीं है। इस मामले पर हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण (Noise pollution control) नियमों के सख्त पालन का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट के निर्देश: शोर प्रदूषण पर नकेल
तेज आवाज वाले डीजे और धुमाल का मामला हाईकोर्ट (CG High Court) में विचाराधीन है। कोर्ट ने साफ कहा है कि मुख्य सचिव शपथपत्र पर कड़ाई से अमल कराएं। साथ ही त्योहारी सीजन में CCTV कैमरों से निगरानी करने का निर्देश भी दिया गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
राज्य शासन का पक्ष: बनी कोलाहल नियंत्रण समिति
सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि कोलाहल नियंत्रण के लिए एक समिति गठित की गई है, जिसमें गृह, कानून, शहरी प्रशासन और पर्यावरण विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं। समिति को कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 और ध्वनि प्रदूषण नियम, 2000 की तुलना कर संशोधन का प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई।
समिति ने 14 अगस्त 2025 को बैठक कर अधिनियम में संशोधन का मसौदा समीक्षा के लिए पेश किया। इसके बाद 15 सितंबर की अगली बैठक में संशोधनों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तय की गई।
गृह विभाग के पास मामला लंबित
राज्य सरकार ने शपथपत्र में बताया कि ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के नियमों के तहत आवश्यक संशोधन का मसौदा गृह विभाग के पास लंबित है। राज्य के अधिवक्ता ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इस मामले में गृह विभाग आवश्यक कार्रवाई करेगा।
हस्तक्षेपकर्ताओं का सुझाव: CCTV फुटेज रखें सुरक्षित
सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता पक्ष ने कहा कि रायपुर जिले में त्योहारी सीजन में 783 CCTV कैमरे लगाए गए हैं। सुझाव दिया गया कि इन कैमरों की फुटेज सुरक्षित रखी जाए ताकि शोर प्रदूषण नियमों के उल्लंघन की निगरानी की जा सके और सबूत सुरक्षित रहें। राज्य के वकील ने भी आश्वासन दिया कि विशेष तारीखों की CCTV फुटेज संरक्षित रखी जाएगी।
कोर्ट की नाराजगी और निर्देश
मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने बढ़ते शोर प्रदूषण पर चिंता जताई। कोर्ट ने सरकार को कहा कि कानून में जल्द संशोधन किया जाए। त्योहारी सीजन में सख्त निगरानी रखी जाए और नियमों का पालन कराया जाए।
डीजे-धुमाल पर रोक मामले की मुख्य बातें:
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जमीनी हकीकत: बिलासपुर में आदेश बेअसर
दूसरी ओर, बिलासपुर में हाईकोर्ट के आदेश और शासन की चेतावनियां बेअसर साबित हो रही हैं। 23 सितंबर को शोभायात्रा के चलते शहर में जगह-जगह जाम लग गया। शाम ढलते ही तेज आवाज वाले डीजे और धुमाल का शोर सड़कों पर गूंजता रहा, जिससे लोग परेशान होते रहे। स्थिति देखकर साफ है कि कानूनी सख्ती और वास्तविक क्रियान्वयन में बड़ा अंतर बना हुआ है।
कुल मिलाकर, एक तरफ सरकार और अदालत शोर प्रदूषण पर सख्ती दिखा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ शहरों में डीजे और धुमाल का शोर अभी भी लोगों को परेशान कर रहा है। आने वाली सुनवाई और गृह विभाग की कार्रवाई इस मामले की दिशा तय करेगी।