CBSE के स्टूडेंट्स स्टेट लेवल खेलों से बाहर... छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने CBSE और SGFI को भेजा नोटिस

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में CBSE स्कूलों के बच्चों की भागीदारी पर संज्ञान लिया। शासन से शपथपत्र में विस्तृत जवाब मांगा गया है, जबकि स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और CBSE को भी नोटिस जारी किया गया।

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Harrison Masih
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CBSE School Sports Controversy: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में CBSE स्कूलों के बच्चों को राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोकने के आदेश पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में राज्य शासन से शपथपत्र पर विस्तृत जवाब मांगा और साथ ही CBSE और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (School Games Federation of India) को भी पार्टी बनाते हुए नोटिस जारी किया। अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।

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राज्य सरकार का आदेश और प्रभाव

राज्य सरकार ने हाल ही में निर्णय लिया कि सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के छात्र ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इस फैसले से करीब 600 स्कूलों और 4 लाख से अधिक छात्रों पर सीधा असर पड़ा है। इससे पहले सत्र 2023-24 में भी ऐसा आदेश जारी हुआ था, लेकिन उस समय छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के आग्रह पर इसे वापस ले लिया गया था।

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शासन का तर्क

सुनवाई के दौरान शासन के अधिवक्ता ने कहा कि राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल वाले विद्यार्थियों के लिए अलग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जबकि CBSE स्कूलों के बच्चों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में शामिल नहीं किया जाता। कोर्ट ने राज्य शासन के सक्षम अधिकारी से शपथपत्र में विस्तृत विवरण देने को कहा।

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CBSE छात्र खेल विवाद – 5 प्रमुख बिंदु

  • राज्य स्तरीय खेलों में रोक: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए सुनवाई की, जिसमें सीबीएसई स्कूलों के छात्रों को राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोका गया।

  • असर: इस निर्णय का सीधा प्रभाव करीब 600 स्कूलों के 4 लाख से अधिक छात्रों पर पड़ा।

  • याचिका: एक छात्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर शिक्षा संचालनालय से विस्तृत शपथपत्र मांग लिया।

  • सरकारी तर्क: शासन का कहना है कि राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल के छात्र अलग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं और किसी छात्र को दोहरा लाभ नहीं दिया जा सकता।

  • अगली सुनवाई: मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है, जिसमें कोर्ट सीबीएसई और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया को भी पक्षकार बनाएगी।

कोर्ट की प्रतिक्रिया

हाईकोर्ट (CG High Court) ने स्पष्ट किया कि एक छात्र को दोहरा लाभ नहीं दिया जा सकता। यह फैसला शिक्षा विभाग और स्कूलों के बीच प्रतियोगिता की समानता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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छात्रों और स्कूलों के लिए महत्व

इस फैसले का असर सीधे खेलों के क्षेत्र में छात्रों के विकास और प्रतियोगिता के अवसरों पर पड़ेगा। CBSE स्कूलों के लिए यह मामला लंबे समय तक चर्चा का विषय रहेगा, क्योंकि इससे छात्र भागीदारी, खेल कौशल और राज्य स्तर पर प्रतिस्पर्धा में शामिल होने का अवसर प्रभावित होगा।

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