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Bilaspur. छात्रों के हित को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दिवाली की छुट्टी के दिन भी एक अहम मामले में सुनवाई की। यह सुनवाई जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच में हुई, जिसमें जीएनएम से बीएससी नर्सिंग में अपग्रेड हुए कॉलेजों को बड़ी राहत दी गई है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि ऐसे सभी अपग्रेडेड कॉलेजों को काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाए और काउंसिलिंग की तारीख 26 अक्टूबर तक बढ़ाई जाए, ताकि विद्यार्थी इन कॉलेजों को चुन सकें।
क्या है मामला?
मेडिकल एजुकेशन विभाग ने इस बार जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) कोर्स से बीएससी नर्सिंग में अपग्रेड हुए कॉलेजों को अचानक काउंसिलिंग से बाहर कर दिया था। पिछले चार सालों से इन कॉलेजों में एडमिशन हो रहे थे, लेकिन इस बार बिना किसी जानकारी या नोटिस के इन्हें प्रक्रिया से हटा दिया गया। इस अचानक निर्णय से कई छात्रों और संस्थानों का भविष्य अधर में लटक गया।
एसोसिएशन ने जताई नाराजगी
इस फैसले का विरोध करते हुए ‘द एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट नर्सिंग एंड पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट’ ने हाईकोर्ट (CG High Court) में याचिका दायर की।
एसोसिएशन का कहना था कि – “हमारे कॉलेजों को नियमानुसार अपग्रेड किया गया है, लेकिन मेडिकल एजुकेशन विभाग ने मनमाने तरीके से हमें काउंसिलिंग से बाहर कर दिया। न तो कोई कारण बताया गया और न ही कोई आधिकारिक सूचना दी गई।”
एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य सचिव और चिकित्सा शिक्षा आयुक्त से भी इस पर चर्चा की, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, दिवाली पर की सुनवाई
काउंसिलिंग की तारीख नजदीक होने और छात्रों के भविष्य को देखते हुए एसोसिएशन ने कोर्ट से ‘अर्जेंट हियरिंग’ की मांग की। छात्रहित को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने दिवाली अवकाश के दिन भी अदालत खोली और मामले की सुनवाई की।
कोर्ट की फटकार और आदेश
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि भारत सरकार के राजपत्र में साफ लिखा है कि जीएनएम से बीएससी नर्सिंग अपग्रेडेशन के लिए राज्य शासन की अलग से अनुमति जरूरी नहीं है। इसके बावजूद विभाग ने कॉलेजों को बाहर कर दिया।
जस्टिस अरविंद वर्मा ने इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि – “सरकारी प्रक्रिया की गलती की सजा छात्रों को नहीं मिल सकती। शिक्षा से जुड़े फैसलों में पारदर्शिता और समान अवसर जरूरी हैं।”
इसके बाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सभी अपग्रेडेड कॉलेजों को बीएससी नर्सिंग काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाए। काउंसिलिंग की तारीख 26 अक्टूबर तक बढ़ाई जाए।
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क्यों है यह फैसला अहम?
यह फैसला सैकड़ों छात्रों और दर्जनों नर्सिंग कॉलेजों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। अब विद्यार्थी इन अपग्रेडेड कॉलेजों में दाखिला ले सकेंगे, जो पहले काउंसिलिंग से बाहर कर दिए गए थे। सबसे खास बात यह है कि हाईकोर्ट ने दिवाली जैसे अवकाश के दिन भी सुनवाई की, जो यह दिखाता है कि अदालत छात्रों के भविष्य को लेकर कितनी संवेदनशील है।