मजदूर यूनियन की हड़ताल, 9 जुलाई को सीजी समेत देशभर में सड़क पर उतरेंगे 20 करोड़ कर्मचारी

छत्तीसगढ़ सहित देशभर में 9 जुलाई 2025 को ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल में देशभर से लगभग 20 करोड़ से अधिक मजदूर, किसान और कर्मचारी जुड़ने की संभावना है।

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Sanjeet kumar dhurwey
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Labor union strike

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छत्तीसगढ़ सहित देशभर में 9 जुलाई 2025 को ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल में देशभर से लगभग 20 करोड़ से अधिक मजदूर, किसान और कर्मचारी जुड़ने की संभावना है। इसमें छत्तीसगढ़ यूनियनों के भी सदस्य भी हिस्सा लेंगे।

हड़ताल केंद्र सरकार के चार श्रम संहिताओं (लेबर कोड) को रद्द करने की मांग को लेकर है। साथ ही संगठन अपनी 23 सूत्रीय मांगों को लेकर भी प्रदर्शन करेंगे। छत्तीसगढ़ में संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच के संयोजक धर्मराज महापात्र और अन्य संगठनों ने आंदोलन की जिम्मेदारी संभाली है।

मजदूरों के 29 कानून खत्म कर दिए 

धर्मराज महापात्र ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि शहीद मजदूरों की याद में हर साल 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान मजदूरों के 44 श्रम कानूनों में से 29 को खत्म कर चार नए श्रम संहिताओं को लागू किया है। महापात्र ने कहा, नए लेबर कोड बिल ने मजदूरों के संघर्षों और बलिदानों से हासिल किए गए अधिकारों को समाप्त कर दिया है। इन नए कानूनों से मजदूरों की हालत और भी दयनीय हो गई है।

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स्थायी रोजगार की जगह ठेकाकरण 

धर्मराज महापात्र ने केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने मजदूरों के अधिकारों को खत्म कर दिया है। स्थायी रोजगार की जगह ठेकाकरण, आउटसोर्सिंग और संविदाकरण को बढ़ावा दिया है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महिलाएं अब रात की शिफ्ट में काम करने के लिए बाध्य हो सकती हैं, जो पहले गैरकानूनी था। इसके साथ ही उन्होंने ई.पी.एफ. का अंशदान घटाकर 10% किए जाने पर भी चिंता जताई, जिससे मजदूरों को मासिक 4% का नुकसान होगा।

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सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण

धर्मराज महापात्र ने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण कर रही है। देश की संपत्ति को निजी कंपनियों के हाथों सौंपा जा रहा है। नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ड्राइवरों को सजा देने का कानून बनाया गया है, जो मजदूरों पर दबाव बनाने के लिए है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा वर्कर और अन्य कर्मियों का बजट घटा रही है, जिससे इन कर्मचारियों को समय पर मानदेय नहीं मिल पा रहा है।

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छत्तीसगढ़ में हड़ताल की अपील

धर्मराज महापात्र और ट्रेड यूनियनों ने छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, कर्मचारियों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे 9 जुलाई को होने वाली आम हड़ताल को सफल बनाएं। साथ ही समर्थन में प्रदेशभर में विभिन्न आयोजन करें।

प्रदेशभर में मशाल जुलूस, कैंडल मार्च निकाला जाए और मोटरसाइकिल रैली आयोजित की जाए। इस आंदोलन में सभी को शामिल होने की अपील करें। 

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ट्रेड यूनियनों की प्रमुख मांगें

  • श्रमिक-विरोधी श्रम संहिताओं (लेबर कोड) को रद्द किया जाए।
  • सभी श्रमिकों को 26 हजार रुपए न्यूनतम मजदूरी दी जाए।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण को रोका जाए।
  • समान काम समान वेतन की गारंटी दी जाए।
  • सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलें।
  • मनरेगा में 200 दिनों का काम और मजदूरी में वृद्धि की जाए।
  • किसानों के लिए MSP की गारंटी दी जाए।
  • ई.पी.एफ. अंशदान फिर से 12% किया जाए।

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