/sootr/media/media_files/2025/10/06/cg-liquor-scam-chaitanya-baghel-court-hearing-2025-the-sootr-2025-10-06-15-04-21.jpg)
Raipur. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में एक और अहम पड़ाव आया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को आज EOW (Economic Offences Wing) रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश करेगी। EOW ने 24 सितंबर को कोर्ट के निर्देश पर चैतन्य को रिमांड पर लिया था, जिसकी अवधि 6 अक्टूबर को पूरी हो गई है।
एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ के दौरान चैतन्य से कई अहम जानकारियाँ मिली हैं, जिनसे जांच का दायरा आगे और बढ़ेगा। आने वाले दिनों में कुछ और लोगों पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
ED और EOW दोनों की जांच में फंसे चैतन्य बघेल
चैतन्य बघेल (Chaitanya baghel) को ED ने 18 जुलाई 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। EOW के मुताबिक, यह घोटाला राज्य में शराब बिक्री से होने वाले अवैध लेनदेन से जुड़ा है। वहीं बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ED को 3 महीने और EOW को 2 महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।
ED का दावा — चैतन्य को मिले 16.70 करोड़ रुपए
ED की रिपोर्ट के अनुसार, शराब घोटाले से कमाई गई रकम में से 16.70 करोड़ रुपए चैतन्य बघेल को मिले। एजेंसी का कहना है कि इन पैसों को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर वैध दिखाने की कोशिश की गई। फर्जी निवेश रिकॉर्ड और ब्लैक मनी को सफेद दिखाने के लिए बघेल डेवलपर्स कंपनी का इस्तेमाल किया गया।
विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में हुआ अवैध निवेश
ED की जांच में खुलासा हुआ कि चैन्य बघेल के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में शराब घोटाले की रकम लगाई गई। प्रोजेक्ट से जुड़े अकाउंटेंट्स और कंसल्टेंट्स के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान कई डिजिटल सबूत जब्त हुए। वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ रुपए था, लेकिन रिकॉर्ड में केवल 7.14 करोड़ रुपए दिखाए गए। ED के अनुसार, 4.2 करोड़ रुपए कैश में ठेकेदार को दिए गए, जिसे अकाउंट में शामिल नहीं किया गया।
फर्जी फ्लैट खरीद के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा
ED ने बताया कि व्यापारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन ने 19 फ्लैट खरीदने के नाम पर 5 करोड़ रुपए बघेल डेवलपर्स को ट्रांसफर किए। जांच में सामने आया कि फ्लैट ढिल्लन ने अपने कर्मचारियों के नाम पर खरीदे, लेकिन भुगतान खुद किया। यह लेन-देन 19 अक्टूबर 2020 को हुआ था, जो ED के अनुसार पूर्व नियोजित मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा था।
ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई: रिटायर्ड IAS निरंजन दास गिरफ्तार
3 Points में समझें पूरा मामला🔹 1. EOW की पूछताछ और कोर्ट पेशी छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को आज रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। 24 सितंबर से EOW रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही थी। 🔹 2. 16.70 करोड़ रुपए की अवैध कमाई का आरोप ED का दावा है कि शराब घोटाले की राशि में से 16.70 करोड़ रुपए चैतन्य बघेल के हिस्से में आए, जिन्हें रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर सफेद दिखाने की कोशिश की गई। 🔹 3. फर्जी लेन-देन और बढ़ती जांच का दायरा EOW और ED की जांच में कई फर्जी निवेश, कैश ट्रांसफर और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। अब जांच का दायरा और बढ़ाया जा सकता है, जिससे कुछ और नाम सामने आने की संभावना है। |
5 करोड़ कैश और फर्जी ट्रांसफर की नई परत
ED ने खुलासा किया कि भिलाई के एक ज्वेलर्स ने चैतन्य बघेल को 5 करोड़ रुपए उधार दिए बताए, लेकिन जांच में सामने आया कि यह रकम उनकी दो कंपनियों को फर्जी लोन के रूप में भेजी गई थी। बाद में उसी ज्वेलर्स ने 80 लाख रुपए मूल्य के 6 प्लॉट खरीदे, जिससे ब्लैक मनी को बैंक ट्रांजैक्शन के जरिए सफेद दिखाया गया।
फ्रंट कंपनियों और मध्यस्थों का इस्तेमाल
एजेंसी ने दावा किया कि चैतन्य बघेल ने पैसों को छिपाने के लिए फ्रंट कंपनियों और सहयोगियों का नेटवर्क बनाया था। ढिल्लन सिटी मॉल और ढिल्लन ड्रिंक्स के माध्यम से रकम कर्मचारियों तक पहुंचाई गई, और वहीं से बघेल डेवलपर्स तक ट्रांसफर हुई। ED का कहना है कि चैतन्य के पास कुल 16.70 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति एकत्रित हुई।
आज होगी अहम पेशी, बड़ा फैसला संभव
आज रायपुर की स्पेशल कोर्ट में EOW चैतन्य बघेल को पेश करेगी। EOW सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है, ताकि चैतन्य से जुड़े नेटवर्क और अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा सके। इस पेशी पर राज्य की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है।