छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: चैतन्य बघेल 5 दिन की ईडी रिमांड पर,कोर्ट से मिली मंजूरी

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बड़ा मोड़, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने कोर्ट के आदेश पर 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर लिया।

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Harrison Masih
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Chaitanya Baghel ED remand:छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (CG liquor scam ) में आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टोडियल रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। विशेष अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के बाद ईडी की अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। अब 23 अगस्त तक ईडी चैतन्य से पूछताछ करेगी।

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कैसे पहुंचा मामला अदालत तक?

सोमवार को चैतन्य की 14 दिन की न्यायिक रिमांड पूरी होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। अदालत ने उन्हें एक दिन की रिमांड पर जेल भेजा और ईडी ने कस्टडी की मांग रखी। मंगलवार को सुनवाई में ईडी ने अदालत को बताया कि जांच में नए तथ्य सामने आए हैं और आगे पूछताछ जरूरी है। अदालत ने यह दलील मानते हुए उन्हें 5 दिन की कस्टडी में भेज दिया।

कब हुई थी चैतन्य की गिरफ़्तारी?

ईडी ने 21 जुलाई को प्रेस नोट जारी कर बताया था कि चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन 18 जुलाई को भिलाई निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया गया। जांच एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है। प्रारंभिक जांच से सामने आया कि इस घोटाले से प्रदेश को भारी वित्तीय नुकसान हुआ और लगभग 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई सिंडिकेट तक पहुंची।

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16.70 करोड़ की सीधी प्राप्ति का आरोप

ईडी का दावा है कि चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले, जिसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए मिलाने की कोशिश की। उन्होंने नकद रकम से प्रोजेक्ट डेवलपमेंट, ठेकेदारों को भुगतान और नकदी के बदले बैंक ट्रांजैक्शन किए। साथ ही, त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फर्जी खरीदारों के नाम से 5 करोड़ रुपये की एंट्री की।

1000 करोड़ से अधिक पीओसी के संचालन का आरोप

ईडी ने यह भी बताया कि चैतन्य बघेल ने घोटाले से निकली 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति (POC) को संभाला और कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को राशि पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इस पूरे नेटवर्क की जांच अभी जारी है।

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पहले से गिरफ्त में कई बड़े चेहरे

इस मामले में ईडी पहले ही पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, ITS अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री व विधायक कवासी लखमा जैसे कई दिग्गजों को गिरफ्तार कर चुकी है।

चैतन्य बघेल ईडी रिमांड पर

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला क्या है?

  • घोटाले की शुरुआत – ईडी की जांच के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में शराब वितरण और बिक्री से जुड़ा बड़ा घोटाला हुआ, जिसमें सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा।

  • 2500 करोड़ की अवैध कमाई – आरोप है कि शराब कारोबार से जुड़े लोगों ने सरकारी नियमों की अनदेखी कर लगभग 2500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (POC) की।

  • बड़े नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत – इस घोटाले में राजनेता, पूर्व मंत्री, अधिकारी और कारोबारी शामिल पाए गए। ईडी ने कई बड़े चेहरों को गिरफ्तार भी किया।

  • चैतन्य बघेल पर आरोप – जांच में सामने आया कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को करीब 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले, जिन्हें उन्होंने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाया।

  • 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का संचालन – ईडी का आरोप है कि चैतन्य और अन्य आरोपी 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति (POC) का संचालन कर रहे थे, जिसका इस्तेमाल निवेश और लेन-देन में किया गया।

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सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में चुनौती

चैतन्य बघेल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने 12 अगस्त को ईडी को नोटिस जारी कर 26 अगस्त तक जवाब मांगा है।

जेल अधीक्षक को निर्देश

सुनवाई के दौरान चैतन्य के वकील ने शिकायत की कि जेल में उन्हें पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल रहा। इस पर अदालत ने जेल अधीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी किए। मामले की अगली सुनवाई अब 26 अगस्त को होगी।

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