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Raipur. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में ED ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्त्तार किया है। ईडी ने आज उन्हें रायपुर स्थित PMLA स्पेशल कोर्ट में पेश किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रहीं सौम्या चौरसिया को PMLA कोर्ट ने 14 दिन की ED रिमांड पर भेज दिया है।
इसी कड़ी में, एजेंसी ने पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया।
सौम्या चौरसिया: सिंडिकेट की 'सुपर बॉस'
ED की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि सौम्या चौरसिया केवल एक अधिकारी नहीं, बल्कि पूरे शराब सिंडिकेट की केंद्रीय समन्वयक (Central Coordinator) थीं। जांच के अनुसार, इस घोटाले से सौम्या को व्यक्तिगत रूप से लगभग 115.5 करोड़ रूपए की अवैध राशि प्राप्त हुई।
बरामद चैट्स से खुलासा हुआ है कि अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास को आबकारी विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर बैठाने में सौम्या का ही हाथ था, ताकि सिंडिकेट को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
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व्हाट्सएप चैट से खुला राज: टुटेजा को देती थीं ऑर्डर
ED ने कोर्ट में जो सबूत पेश किए हैं, उनमें सौम्या चौरसिया, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और चैतन्य बघेल के बीच हुई बातचीत शामिल है।
एक चैट में सौम्या ने टुटेजा को स्पष्ट निर्देश दिया था कि "AD (अनवर ढेबर) को बोलो की कोई हिसाब नहीं देगा। जो है उतना ही बताएगा।" सौम्या को डर था कि पप्पू बंसल (लक्ष्मी नारायण अग्रवाल) कलेक्शन को लेकर ज्यादा सवाल पूछ रहा है, जिसकी जानकारी उन्हें 'बिट्टू' से मिली थी।
4 घोटालों में नाम, 5वीं बार जेल का रास्ता
सौम्या चौरसिया छत्तीसगढ़ की संभवतः पहली ऐसी अधिकारी बन गई हैं जिनका नाम एक साथ चार बड़े घोटालों में आया है:
- कोल लेवी घोटाला: दिसंबर 2022 में गिरफ्तारी, ढाई साल जेल में रहीं।
- डीएमएफ (DMF) घोटाला: ईओडब्ल्यू द्वारा कार्रवाई।
- आय से अधिक संपत्ति: 49 करोड़ रूपए से अधिक का मामला।
- शराब घोटाला: ₹2500 करोड़ से अधिक की अवैध कमाई के मामले में अब दूसरी बार गिरफ्तारी।
कवासी लखमा का दर्द: 'मैं प्रताड़ित हो रहा हूं'
कोर्ट में पेशी के दौरान पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा भावुक नजर आए। उन्होंने कहा, "11 महीने में पहली बार पेशी पर लाया गया है। मुझे बीपी, शुगर और हार्ट की बीमारी है। विधानसभा सत्र चल रहा है और मैं यहां हूं। मैं इलाज के लिए बाहर जाना चाहता था लेकिन मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है।"
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क्या था शराब घोटाला?
ACB/EOW की एफआईआर के आधार पर शुरू हुई इस जांच में पता चला कि छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री के जरिए एक समानांतर सिंडिकेट चलाया गया। 2500 करोड़ रूपए से ज्यादा की अवैध कमाई की गई। सरकारी दुकानों से कच्ची और बिना ड्यूटी वाली शराब बेचकर राज्य के खजाने को भारी चपत लगाई गई।
अब आगे क्या?
ED अब पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास की कस्टोडियल रिमांड मांगेगी। एजेंसी का मानना है कि सौम्या चौरसिया और निरंजन दास को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करने से कई नए सफेदपोश चेहरों और राजनेताओं के नाम सामने आ सकते हैं।
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