गरियाबंद में बड़ी सफलता: तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर, तीनों पर था 1-1 लाख का इनाम

Gariaband Naxal Surrender: गरियाबंद के घने जंगलों से तीन नक्सलियों ने हथियार डाल दिए! इनमें दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं, जो सालों से माओवादी गतिविधियों में सक्रिय थे।

author-image
Harrison Masih
New Update
cg-naxal-news-gariaband-three-naxalites-surrender the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Gariaband. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस को नक्सल मोर्चे पर एक और बड़ी कामयाबी मिली है। गरियाबंद-धमतरी-नुआपाड़ा डिवीजन में सक्रिय तीन नक्सलियों ने सोमवार को आत्मसमर्पण (Gariaband Naxal Surrender) कर दिया। इनमें एक पुरुष और दो महिला नक्सली शामिल हैं। तीनों पर राज्य सरकार ने एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।

नामी नक्सली हैं तीनों 

आत्मसमर्पण करने वालों में नागेश उर्फ रामा कवासी, जैनी उर्फ देवे मडकम और मनीला उर्फ सुंदरी कवासी शामिल हैं। नागेश ने आत्मसमर्पण के समय एक देशी हथियार भी सौंपा। तीनों ने बताया कि वे लंबे समय से माओवादी संगठन में सक्रिय थे और कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं।

पुलिस के अनुसार, नक्सलियों ने राज्य सरकार की समर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला किया है। प्रशासन ने इसे नक्सल उन्मूलन अभियान में एक और बड़ी सफलता बताया है। अब तक इस इलाके में 30 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

ये खबर भी पढ़ें... CG Naxalite surrender: दंतेवाड़ा में सबसे बड़ी सफलता,एकसाथ 71 नक्सलियों ने किया सरेंडर

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पहचान

1. नागेश उर्फ रामा कवासी — बीजापुर के तर्रेम गांव का रहने वाला नागेश वर्ष 2022 में माओवादी संगठन से जुड़ा था। वह डीव्हीसी-डमरू के गार्ड के रूप में काम कर रहा था और मेटाल मुठभेड़ समेत कई वारदातों में शामिल रहा।

2. जैनी उर्फ देवे मडकम — बीजापुर जिले के इतगुडेम गांव की रहने वाली जैनी ने 2016 में जनमिलिशिया से शुरुआत की और 2017 में माओवादी संगठन की सदस्य बनी। वह ओडिशा स्टेट कमेटी के सदस्य प्रमोद उर्फ पाण्डु की निजी गार्ड के रूप में कार्यरत रही है।

3. मनीला उर्फ सुंदरी कवासी — जैगूर गांव, बीजापुर की निवासी मनीला 2020 में संगठन से जुड़ी। प्रारंभ में कृषि कार्य में सहयोग करती थी, बाद में सीनापाली एरिया कमेटी में सक्रिय हुई और कई मुठभेड़ों में शामिल रही।

ये खबर भी पढ़ें... Gariaband Naxal encounter: 1 करोड़ के इनामी समेत 10 नक्सली ढेर, फायरिंग जारी

नक्सलियों ने क्या कहा?

तीनों आत्मसमर्पणकर्ताओं ने बताया कि माओवादी संगठन अब पूरी तरह विचारहीन और हिंसक बन चुका है। संगठन के भीतर निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, जबरन वसूली और दबाव की राजनीति ही रह गई है। उन्होंने कहा कि अब वे समाज की मुख्यधारा में लौटकर एक सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। उनके अनुसार, जिन्होंने पहले आत्मसमर्पण किया था, उन्हें देखकर प्रेरणा मिली। वे अब सुखद और सुरक्षित जीवन जी रहे हैं।

गरियाबंद नक्सल सरेंडर: 3 पॉइंट्स में समझें पूरा मामला

  1. तीन नक्सलियों का सरेंडर – गरियाबंद-धमतरी-नुआपाड़ा डिवीजन में सक्रिय एक पुरुष और दो महिला नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। तीनों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम था।

  2. सरकारी नीति से प्रभावित होकर सरेंडर – तीनों ने बताया कि माओवादी संगठन अब सिर्फ शोषण और हिंसा का माध्यम बन चुका है, इसलिए उन्होंने पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण किया।

  3. पुलिस की बड़ी सफलता – STF, CRPF और गरियाबंद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में यह सरेंडर संभव हुआ। अब तक इस क्षेत्र में 30 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

ये खबर भी पढ़ें... Naxal Encounter: बीजापुर और गढ़चिरौली में सुरक्षा बलों का बड़ा ऑपरेशन,4 नक्सलियों को मार गिराया

पुलिस और सुरक्षा बलों की भूमिका

इस ऑपरेशन में गरियाबंद पुलिस, STF, CRPF और कोबरा 207 बटालियन की संयुक्त टीम की अहम भूमिका रही। पुलिस ने एक बार फिर सक्रिय नक्सलियों से अपील की है कि वे किसी भी थाना, चौकी या सुरक्षा बल कैंप में आकर आत्मसमर्पण करें और शासन की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं।

अमित शाह की अपील का असर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 4 अक्टूबर को बस्तर दौरे के दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शांति की दिशा में काम करने का संकल्प दोहराया था। उन्होंने कहा था कि जो गांव नक्सलमुक्त होंगे, वहां सरकार 1 करोड़ रुपए का विशेष विकास फंड देगी। शाह ने नक्सलियों से हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की अपील भी की थी।

ये खबर भी पढ़ें...CG Naxal News: कांकेर में 8 लाख का इनामी नक्सली मासा ढेर,सर्चिंग ऑपरेशन जारी

हाल ही में हुए अन्य बड़े सरेंडर

  • 2 अक्टूबर 2025: बीजापुर में 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 5 पर 8-8 लाख का इनाम था।
  • 24 सितंबर 2025: दंतेवाड़ा में 71 नक्सलियों ने ‘लोन वर्राटू’ अभियान से प्रेरित होकर हथियार डाले, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल थे।

    FAQ

    गरियाबंद में किन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है?
    गरियाबंद में नागेश उर्फ रामा कवासी, जैनी उर्फ देवे मडकम और मनीला उर्फ सुंदरी कवासी ने आत्मसमर्पण किया है। ये तीनों लंबे समय से नक्सल गतिविधियों में शामिल थे और उन पर एक-एक लाख रुपए का इनाम था।
    गरियाबंद में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण क्यों किया?
    नक्सलियों ने बताया कि संगठन की विचारधारा अब खोखली हो चुकी है और वहां केवल हिंसा व शोषण बचा है। इसलिए उन्होंने सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
CG Naxalite surrender CG Naxal News तीन नक्सलियों का सरेंडर Gariaband Naxal Surrender गरियाबंद नक्सल सरेंडर gariaband
Advertisment