580 करोड़ करने के बाद भी नहीं दे पाए कम्प्यूटर ज्ञान, स्कूल शिक्षा विभाग फिर खरीद रहा 22 हजार कम्प्यूटर

छत्तीसगढ़ के नए नवेले स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने प्रदेश के छात्रों को कम्प्यूटर ज्ञान देने की योजना बनाई है। इसके तहत प्रदेश 22 हजार कम्प्यूटर खरीदे जाएंगे। जो प्रदेश के स्कूलों में इंस्टॉल होंगे।

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VINAY VERMA
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Raipur. छत्तीसगढ़ के नए नवेले स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने प्रदेश के छात्रों को कम्प्यूटर ज्ञान देने की योजना बनाई है। इसके तहत प्रदेश 22 हजार कम्प्यूटर खरीदे जाएंगे। जो प्रदेश के स्कूलों में इंस्टॉल होंगे। इसके अलावा 9000 स्मार्ट क्लास बनााने की भी योजना है। लेकिन करोड़ों रुपए की यह योजना कितनी असरदार होगी स्कैनिंग करने के लिए उनके पास कोई पैमाना नहीं है। जबकि राज्य बनने के बाद से साल 2023 तक कंप्यूटर शिक्षा पर सरकार लगभग 580 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है, लेकिन न तो बच्चे कंप्यूटर सीख पाए और न ही स्मार्ट क्लास का पूरा लाभ उठा पाए।

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बेसिक ज्ञान देने के लिए कई कार्यक्रम

राज्य स्थापना से साल 2023 तक प्रदेश में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में बच्चों को कम्प्यूटर की केवल बेसिक जानकारी देने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम चलाए गए। इसमें खूब लापरवाही हुई, स्कूलों में बेसिक ज्ञान देने के नाम पर कम्प्यूटर तो पहुंच गया लेकिन छात्रों को दर्शन तक नहीं नसीब हुए। बाद में ये कहंा गायब हो गए किसी को नहीं पता।

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केवल खरीदी पर ही था जोर

छग में बच्चों को कम्प्यूटर ज्ञान देने के लिए जब-जब योजना बनी तब-तब तत्कालीन मंत्री अधिकारियेां का ध्यान केवल कम्प्यूटर खरीदी पर ही था। शायद इसीलिए करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद स्कूलों में अलग से कम्प्यूटर का विषय नहीं बनाया गया। कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती तक नहीं की गई। यहां तक की एडहॉक पर भी प्रोफेशनल्स को हायर नहीं किया गया। कुछ स्कूलों में ही जिन शिक्षकों को कम्प्यूटर के बारे में पता था, उनसे छात्रों को कुछ दिन क्लास दिलवाई गई। बाकी जगहों पर छात्रों को कम्पयूटर के दर्शन तक नसीब नहीं हुए। न तो इस विषय की परीक्षा हुई और न ही मार्कशीट में इनका उल्लेख मिलता है। 

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चार प्रमुख योजनाएं और खर्च

2001 में इंदिरा सूचना शक्ति - गर्ल्स हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में लागू, निजी कंपनी को प्रति छात्रा 52 रुपए के हिसाब से करीब 80 करोड़ खर्च।
2005 - छग सूचना शक्ति- 400 स्कूलों में लागू, प्रत्येक स्कूल में 10 कंप्यूटर और एक शिक्षक, लगभग 150 करोड़ खर्च।
2011 - छग सूचना शक्ति-2.0 - प्रोफेशनल कोर्स के रूप में 553 स्कूलों में, लगभग 250 करोड़ खर्च।
2023 - स्मार्ट क्लास- 3,500 से अधिक स्कूलों में लगभग 100 करोड़ खर्च, लैपटॉप और प्रोजेक्टर के माध्यम से डिजिटल शिक्षा देने का प्रयास, लेकिन पढ़ाई सामग्री अपलोड नहीं की गई।

मंत्री की नई योजना का दावा 

स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव का दावा है कि स्मार्ट क्लास बनने और 22,000 कंप्यूटर लगने से विशेष रूप से ग्रामीण और वनांचल अनुसूचित क्षेत्रों के विद्यार्थियों को फायदा होगा। स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर विद्यार्थियों को जेईई, नीट और अन्य राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेंगे। ऑनलाइन टेस्ट, प्रश्नपत्र और अध्ययन सामग्री आसानी से उपलब्ध होगी।

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ये चुनौतियां सामने हैं

राज्य में 22 हजार कम्प्यूटर की खरीदी और 9000 स्मार्ट क्लास तो तैयार हो जाएंगे लेकिन स्मार्ट क्लास के माध्यम से विद्यार्थी डिजिटल कंटेंट, ई-लर्निंग मॉड्यूल, वीडियो लेक्चर कहां से आएगा। कंप्यूटर शिक्षा से वनांचल के छात्रों में डिजिटल स्किल्स विकसित करने के आड़े वहां का बिजली और इंटरनेट सुविधा आड़े आएगी। इसके लिए योजना बनानी होगी नहीं तो पहले की तरह यह भी फेल हो जाएगा।

कम्प्यूटर की खरीदी Raipur छत्तीसगढ़ शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव
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