66 प्राइवेट कॉलेजों में D.El.Ed कोर्स की फीस जल्द होगी तय,हाईकोर्ट ने सरकार को दिए निर्देश

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य के 66 निजी कॉलेजों में डीएलएड कोर्स की फीस निर्धारण पर सरकार को जल्द निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। एसोसिएशन ने ₹35,000 फीस तय करने का प्रस्ताव दिया है।

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Harrison Masih
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CG D.El.Ed fees dispute:छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के 66 निजी महाविद्यालयों में संचालित डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) पाठ्यक्रम की फीस निर्धारण के मुद्दे पर राज्य सरकार को कड़े निर्देश जारी किए हैं। 

कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता एसोसिएशन द्वारा दिए गए अभ्यावेदन पर नियमों और कानून के अनुसार शीघ्र निर्णय लिया जाए। यह फैसला एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल अनएडेड कॉलेजेस ऑफ छत्तीसगढ़ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद लिया गया।

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2019 से नहीं हुई फीस का निर्धारण

राज्य के निजी कॉलेजों में डीएलएड कोर्स की फीस का निर्धारण वर्ष 2019 से लंबित है। एसोसिएशन ने 13 अगस्त 2025 को स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर फीस निर्धारण की मांग की थी। लेकिन विभागीय स्तर पर कोई निर्णय नहीं होने पर मामला हाई कोर्ट पहुंचा।

याचिकाकर्ता का पक्ष

याचिका में कहा गया कि वर्तमान में डीएलएड कोर्स की औसत फीस 19,000 रूपए प्रति छात्र प्रति वर्ष है, जो बेहद कम है। इस फीस में शिक्षकों का वेतन और अन्य खर्च उठाना मुश्किल हो रहा है।

याचिकाकर्ताओं ने फीस को बढ़ाकर 35,000 रूपए प्रति छात्र प्रति वर्ष करने की मांग की और यह भी बताया कि डीएलएड कोर्स के लिए NCTE (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) द्वारा तय अधोसंरचना और शिक्षकों के मानक बीएड कोर्स के समान हैं।

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कोर्ट का निर्देश

जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील क्षितिज शर्मा ने कहा कि विभागीय अधिकारियों ने अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया और यह याचिकाकर्ताओं के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) में दिए गए अधिकारों का उल्लंघन है।

सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का अभ्यावेदन संबंधित प्राधिकारी के पास लंबित है। इसलिए प्रशासन को इसे प्राथमिकता से लेकर कानून और नियमों के तहत समयबद्ध निर्णय लेना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया।

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D.El.Ed फीस विवाद के 5 मुख्य बिंदु:

  1. फीस निर्धारण लंबित:
    छत्तीसगढ़ के 66 निजी कॉलेजों में D.El.Ed कोर्स की फीस 2019 से तय नहीं की गई है।

  2. एसोसिएशन की मांग:
    एसोसिएशन ने फीस ₹35,000 प्रति छात्र प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव रखा है, क्योंकि वर्तमान फीस बहुत कम है।

  3. हाई कोर्ट का हस्तक्षेप:
    हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को फीस निर्धारण पर जल्द निर्णय लेने का आदेश दिया है।

  4. कॉलेजों की वित्तीय समस्या:
    कम फीस के कारण निजी कॉलेजों को शिक्षकों का वेतन देने में भी परेशानी हो रही है।

  5. बीएड जैसा मानक:
    एनसीटीई मानकों के अनुसार डीएलएड कोर्स की सुविधाएं और संरचना बीएड जैसी हैं, इसलिए फीस बढ़ाने पर जोर है।

फीस निर्धारण पर समिति का गठन

एससीईआरटी ने 31 जुलाई 2024 को शासन स्तर पर गठित उच्च स्तरीय समिति के लिए अपने दो सदस्यों के नाम भेजे थे, लेकिन अभी तक फीस निर्धारण पर कोई फैसला नहीं हुआ। अब कोर्ट के निर्देश के बाद फीस निर्धारण प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है।

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मांगें और तर्क

  • डीएलएड कोर्स के लिए अधोसंरचना और शिक्षकों के मानक बीएड कोर्स के समान हैं।
  • पिछले 5 वर्षों से फीस नहीं बढ़ाई गई, जिससे कॉलेजों पर वित्तीय दबाव बढ़ा।
  • कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि 35,000 रूपए फीस प्रति छात्र उचित है।

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