CG PSC Scam : पीएससी की एक परीक्षा ने छत्तीसगढ़ को पूरे देश में कुख्यात कर दिया । ये है पीएससी का फर्जीवाड़ा जिसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई। महादेव सट्टा कांड के बाद ये भूपेश सरकार में हुआ ये दूसरा कांड है, जिसकी गूंज विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में भी सुनाई दी।
हैरानी की बात ये है कि बेटे बहू को डिप्टी कलेक्टर बनाने वाले तत्कालीन पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवाने गिरफ्तारी से बचने के लिए निजी अस्पताल में आराम भी फरमाते रहे। क्या है पीएससी की एबीसी आइए आपको बताते हैं।
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गिरफ्तारी से बचने अस्पताल में भर्ती हुए थे सोनवाने
पीएससी घोटाले की जांच जैसे ही सीबीआई को सौंपी गई वैसे ही सोनवाने की तबीयत खराब हो गई थी। वे गिरफ्तारी से बचने कई दिनों तक प्रायवेट हॉस्पिटल के आरामदायक प्राइवेट वार्ड में आराम फरमाते रहे। जब अस्पताल की तस्वीरें बाहर आईं तो वे भाग खड़े हुए।
ये वही सोनवाने हैं जिन पर अपने बेटे बहू समेत परिवार के सभी सदस्यों को डिप्टी कलेक्टर बनाने का आरोप है। इनकी तलाश आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईओडब्ल्यू और भर्ती में फर्जीवाड़े के मामले में पुलिस भी करती रही है।
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भाई भतीजे बने अफसर
अब इस फर्जीवाड़े की सतह में जाते हैं। इस फर्जीवाड़े ने छत्तीसगढ़ के सैकड़ों युवाओं के भविष्य पर डाका डाल दिया। चयन हुआ तो अध्यक्ष, राजनेता और अफसरों के भाई भतीजों और पुत्रों का। 2021 में ये परीक्षा हुई 2023 में रिजल्ट आया।
रिजल्ट आते ही ये ये विवादों में घिर गया और इस पर सवाल खड़े हो गए। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की जिसमें इस चयन सूची पर गंभीर आपत्तियां और तथ्य पेश किए गए थे।
इस चयन सूची पर नज़र डालते हैं।
नितेश - चयन डिप्टी कलेक्टर
टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र
निशा कोशले - डिप्टी कलेक्टर
नितेश की पत्नी यानी टामन सिंह की बहू
साहिल - चयन डीएसपी
टामन सिंह के भाई के बेटे
दीपा - जिला आबकारी अधिकारी
टामन सिंह के भाई की बहू
सुनीति जोशी - श्रम अधिकारी
टामन सिंह की बहन की पुत्री यानी उनकी भांजी।
मीनाक्षी - डिप्टी कलेक्टर
टामन सिंह के करीबी की बेटी
इतना ही नहीं पूर्व सचिव के बेटे बहू, तत्कालीन सचिव के पुत्र, कांग्रेस नेताओं और अफसरों के पुत्रों के नाम भी चयनित उम्मीदवारों की सूची में आये हैं। यह मुद्दा विधानसभा चुनावों में खूब उछला और बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में ही इसकी जांच सीबीआई से कराने का एलान कर दिया। फिर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई ।
जांच में सोनवाने की संपत्ति
अब बताते हैं टामन सिंह सोनवाने की संपत्ति जिसकी जांच ईओडब्ल्यू के हवाले रही।
धमतरी के सरबादा गांव में आलीशान बंगला, 30 एकड़ जमीन, खेती बाड़ी, बड़ी बडी गाड़ियां, पोल्ट्री फॉर्म, मत्स्य और सुअर पालन का कारोबार भी है। आठवीं तक स्कूल, बच्चों को लाने ले जाने के लिए कई बसें, जामगांव में कॉलेज भी संचालित है। रायपुर,धमतरी, अम्बिकापुर, दुर्ग और जशपुर में घर और ज़मीनें हैं। ये संपत्ति सोनवाने ने पीएससी चेयरमैन रहते हुए अर्जित की है। ये सब बेटे बहू पत्नी और अन्य रिश्तेदारों के नाम हैं।
चुनाव के केंद्र में रहा घोटाला
ये फर्जीवाड़ा मप्र के व्यापम की तरह चुनाव के केंद्र में आ गया । विधानसभा चुनाव के बाद भी इसकी आग ठंडी नहीं हुई है। लोकसभा चुनाव में भी या मुद्दा गरमाया । इसकी तपिश को देखते हुए सरकार ने एक और आयोग बना दिया। जो पीएससी की परीक्षा को पारदर्शी और फुलप्रूफ बनाने का काम करेगा ताकि योग्य उम्मीदवारों का ही इसमें चयन हो।
इतने पदों के लिए थी परीक्षा
यह परीक्षा 121 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की गई थी। प्री एग्जाम में 2565 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की।मेन्स में 509 अभ्यर्थी पास हुए। इंटरव्यू के बाद 170 कि सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई। इस सिलेक्शन लिस्ट ने ही युवाओं के सपनों को चकनाचूर कर दिया।