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CG Sharadiya Navratri arrangements: आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। प्रदेशभर के शक्ति पीठों और देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। रायपुर की मां महामाया को स्वर्ण आभूषणों से सजाया गया, तो बस्तर की मां दंतेश्वरी, डोंगरगढ़ की मां बम्लेश्वरी और बिलासपुर के महामाया मंदिर सहित कई प्राचीन मंदिरों में विशेष श्रृंगार और कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। छत्तीसगढ़ शक्ति पीठ में भरपूर तैयारियां की गई हैं।
भीड़ और सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध
डोंगरगढ़ में बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिगजैग व्यवस्था की गई है। रेलवे ने 9 दिनों तक 10 एक्सप्रेस ट्रेनों को डोंगरगढ़ स्टेशन पर विशेष ठहराव दिया है। दुर्ग और डोंगरगढ़ के बीच मेमू स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी, वहीं रायपुर-डोंगरगढ़ और गोंदिया-दुर्ग मेमू ट्रेनों का विस्तार भी किया गया है। दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए कई मंदिरों में वाहन सुविधा और ऑनलाइन दर्शन व्यवस्था उपलब्ध है।
प्रमुख शक्ति पीठ और मंदिरों की विशेषताएं
रतनपुर महामाया मंदिर (बिलासपुर): यह 52 शक्ति पीठों में से एक है, देवी को कोसलेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार प्रसाद वितरण के लिए एक टोना-पत्तल का विशेष ऑर्डर दिया गया है।
डोंगरगढ़ मां बम्लेश्वरी: पहाड़ी पर स्थित 2000 साल पुराना मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र। नवरात्र में प्रतिदिन विशेष पूजा, ज्योत प्रज्वलन और भव्य श्रृंगार होगा। रेलवे ने 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक 10 एक्सप्रेस ट्रेनों को यहां स्टॉपेज दिया है।
दंतेवाड़ा मां दंतेश्वरी: 52 शक्ति पीठों में से एक, जहां देवी का दांत गिरा था। विदेशों से भी भक्त ऑनलाइन बुकिंग के जरिए ज्योत जला रहे हैं। 2100 रुपए की रसीद कटवाकर भक्त पूरे 9 दिन दर्शन कर सकते हैं।
रायपुर महामाया मंदिर: करीब 1400 साल पुराना मंदिर। यहां मां महालक्ष्मी, महामाया और समलेश्वरी की पूजा एक साथ होती है। 21 सितंबर की रात से ज्योति प्रज्वलन की विशेष व्यवस्था की गई।
अंबिकापुर महामाया मंदिर: किवदंती है कि यहां महामाया का धड़ विराजमान है। नवरात्र में राजपरिवार के कुम्हार प्रतिवर्ष छिन्न मस्तिका प्रतिमा का निर्माण करते हैं।
सक्ती मां चंद्रहासिनी: मान्यता है कि यहां देवी सती का अधोदंत (दाढ़) गिरा था। विशालकाय महादेव-पार्वती प्रतिमा और धार्मिक झांकियां श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं।
अन्य प्रमुख मंदिर
- कोरबा सर्वमंगला मंदिर – भूमिगत गुफा और धार्मिक मान्यताओं से प्रसिद्ध।
- धमतरी अंगारमोती माता – गंगरेल बांध के पास स्थापित अधिष्ठात्री देवी।
- गरियाबंद जतमई माता – जलधाराओं और प्राचीन मूर्तियों से युक्त।
- महासमुंद चंडी माता मंदिर – जहां पहले महिलाओं का प्रवेश वर्जित था।
- राजनांदगांव बरफानी धाम – त्रिस्तरीय मंदिर में शिवलिंग, नवदुर्गा और ज्योतिर्लिंग स्थापित।
छत्तीसगढ़ में शारदीय नवरात्रि की तैयारी: मुख्य बातें
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ऑनलाइन और लाइव दर्शन की व्यवस्था
दंतेश्वरी मंदिर : www.maadanteshwari.in से ज्योत बुकिंग और दर्शन।
चंडी माता मंदिर महासमुंद : chandimata.in पर 24×7 लाइव दर्शन।
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धार्मिक उत्साह के साथ सुविधाएं भी
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस बार कई मंदिरों में लाइव टेलीकास्ट, ऑनलाइन बुकिंग, वाहन सुविधा, और प्रसाद वितरण की विशेष व्यवस्था की गई है। कहीं घी के दीपक जलाने की परंपरा है, तो कहीं मान्यताओं के चलते इन्हें नहीं जलाया जा रहा। कुल मिलाकर, इस बार की नवरात्रि छत्तीसगढ़ के मंदिरों में न केवल आस्था और भक्ति का संगम दिखा रही है, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं से यह अनुभव और भी खास होने वाला है।