/sootr/media/media_files/2025/08/22/cg-startup-report-2025-unemployment-budget-crisis-the-sootr-2025-08-22-18-23-01.jpg)
रायपुर : बेरोजगारी देश और प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या है। राज्य सरकार के पास रोजगार के लिए कोई फुल प्रूफ प्लान भी नजर नहीं आता है। इस मुश्किल से निजात पाने के लिए ही स्टार्टअप योजना को केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक बड़े टूल के रुप में देख रही हैं। हाल ही में 15 अगस्त के भाषण पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंच से कहा कि स्टार्टअप योजना उनकी प्राथमिकता में है।
इस योजना के छत्तीसगढ़ में हाल क्या हैं इसकी पड़ताल द सूत्र ने की। खासतौर पर तब की जब से विष्णु सरकार ने सत्ता संभाली है। बीजेपी सरकार ने दो बार अपना बजट पेश किया है। इन दोनों बजट में ही स्टार्टअप के लिए कोई बड़ा फंड नहीं रखा गया। प्रदेश में 52 लोगों ने स्टार्टअप शुरु करने की अर्जी दी है लेकिन छत्तीसगढ़ की जमीन पर महज 7 इंडस्ट्री ही शुरु हो पाई हैं। इनको शुरु करवाने में ही सरकार का पूरा बजट लग गया। अब बाकी को अपनी बारी का इंतजार है।
ये खबर भी पढ़ें... अरपा भैंसाझार भूमि घोटाला: अब EOW करेगी 1100 करोड़ के भूमि घोटाले की जांच
छत्तीसगढ़ में धक्कामार स्टार्टअप :
स्टार्टअप मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। बीजेपी शासित राज्य भी इस पर खास फोकस कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 35 लाख से ज्यादा पढ़े लिखे बेरोजगार हैं। अब इनके हाथों को काम देने के लिए सरकार के पास न तो सरकारी नौकरी हैं और न ही इतना निवेश है कि इनको रोजगार दिया जा सके। रोजगार के लिए विष्णु सरकार स्टार्टअप को प्रायोरिटी में शामिल करने की बात करती है।
द सूत्र ने छत्तीसगढ़ में स्टार्टअप को लेकर पड़ताल की। बीजेपी सरकार बनने के बाद पिछले डेढ़ साल में आखिर यहां पर कितने स्टार्टअप शुरु हुए और लोगों ने स्टार्टअप के लिए दिलचस्पी दिखाई। स्टार्टअप शुरु करने में सरकार का लोन ही आधार होता है। सरकार रियायती दर पर लोन देकर ही स्टार्टअप शुरु करवाती है और कुछ सुविधाएं भी मुहैया कराती है।
सरकार इस लोन को वसूलने के लिए इंडस्ट्री लगाने वाले युवाओं को कुछ साल की मोहलत भी देती है। स्टार्टअप का एक फायदा ये भी नजर आता है कि इसमें कुछ और लोगों को रोजगार मिल जाता है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके लिए कितने बजट का प्रावधान किया।
बजट कम - अर्जी ज्यादा :
पिछले डेढ़ साल में सरकार ने दो बजट पेश किए हैं। पहला बजट साल 2024-25 में आया था जिसमें स्टार्टअप के लिए 3 करोड़ रुपए बजट में रखे गए थे। इसके बाद साल 2025-26 का बजट आया। इस बजट में स्टार्टअप का फंड 5 करोड़ रुपए रखा गया है। इन डेढ़ सालों में स्टार्टअप शुरु करने की 52 अर्जियां आईं। यानी 52 लोगों ने ऑनलाइन पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करवाया।
लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ की जमीन पर 7 उद्योग ही शुरु हो पाए हैं। क्योंकि इनको लोन देने में ही सरकार का बजट पूरा हो गया। अब बाकी को अपनी बारी का इंतजार है। जो 7 उद्योग शुरु हो पाए हैं उनको 5 करोड़ 45 लाख 52 हजार 117 रुपए का वित्त पोषण सरकार की तरफ से किया गया।
छत्तीसगढ़ में शुरु हुए ये 7 स्टार्टअप और इतनी वित्तीय मदद :
एक्वायर फूड एंड बेवरेज,रायपुर - 1 करोड़ 93 लाख रुपए
जयस हाईड्रॉलिक इंडस्ट्री,रायपुर - 2 लाख रुपए
करसा राइस मिल,बलौदा बाजार - 70 लाख रुपए
स्टील वर्क्स एंड इनोवेशन,बेमेतरा - 73 लाख रुपए
वर्धमान राइस मिल,राजनांदगांव - 1 करोड़ 68 लाख रुपए
ईकोक्वीट एवरीवेयर,कबीरधाम - 53 लाख रुपए
कांकेर फॉर्माटेक,कांकेर - 6 लाख 37 हजार रुपए
जाहिर है बेरोजगार ज्यादा हैं और स्टार्टअप का बजट कम। सरकार रोजगार के लिए उन कंपनियों के आश्रित है जो छत्तीसगढ़ में इन्वेस्ट करने में रुचि दिखा रही हैं। प्रदेश की माली हालत बहुत अच्छी नहीं है लेकिन फ्रीबीज पर पैसा बांटने से ज्यादा जरुरी रोजगार के ऐसे अवसर मुहैया कराना ज्यादा जरुरी है जिसे स्टार्टअप कहा जाता है। CG News
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्सऔरएजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापनऔरक्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧