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CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में फिलहाल मानसूनी गतिविधियां जारी हैं। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। कई इलाकों में बादल गरजने, बिजली गिरने और आंधी-तूफान की भी चेतावनी दी गई है। विभाग ने बुधवार को 30 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।
कहां रहेगा असर और कहां रहेगा मौसम सामान्य
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर, रायगढ़, जशपुर, बस्तर, कांकेर सहित कई जिलों में बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। वहीं सूरजपुर, कोरिया और बलरामपुर जिलों में मौसम सामान्य रहने का अनुमान है। सरगुजा क्षेत्र में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और सुबह के समय धुंध छाने लगी है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में यहां ठंड में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
रायपुर का मौसम कैसा रहेगा?
राजधानी रायपुर में आज (8 अक्टूबर) आकाश सामान्यतः मेघमय रहेगा और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।
- अधिकतम तापमान: लगभग 32°C
- न्यूनतम तापमान: करीब 23°C
अक्टूबर में 157% ज्यादा बारिश
इस साल मानसून की विदाई में देरी के कारण अक्टूबर में अब तक सामान्य से 157% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। आमतौर पर 5 अक्टूबर तक राज्य में औसतन 21.1 मिमी वर्षा होती है और मानसून लौट चुका होता है, लेकिन इस बार अब तक 54 मिमी से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
15 अक्टूबर के बाद लौटेगा मानसून
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में आमतौर पर मानसून की वापसी 5 अक्टूबर के आसपास सरगुजा से शुरू होती है। हालांकि, इस बार वापसी में करीब 10 दिन की देरी हो सकती है। अनुमान है कि 15 अक्टूबर के बाद मानसून की वापसी शुरू होगी।
जिलों में बारिश का हाल
- बेमेतरा में अब तक सबसे कम बारिश (524.5 मिमी) हुई है, जो सामान्य से 50% कम है।
- बलरामपुर में अब तक 1520.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 52% ज्यादा है।
- जबकि राजनांदगांव, रायगढ़ और बस्तर में वर्षा सामान्य के आसपास रही है।
प्रदेश में अब तक 1167.4 मिमी औसत बारिश रिकॉर्ड की गई है।
3 पॉइंट्स में समझें मौसम का हाल1.तीन दिन तक बारिश: प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की संभावना है। मौसम विभाग ने 30 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। 2. ठंड की शुरुआत: सरगुजा और आसपास के इलाकों में तापमान गिरने से सुबह-शाम हल्की ठंड और धुंध दिखने लगी है। 3. मानसून की देरी से विदाई: इस बार मानसून की वापसी लगभग 10 दिन देर से होगी — 15 अक्टूबर के बाद इसके लौटने की संभावना जताई गई है। |
जानिए क्यों गिरती है बिजली
जब बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, तो उनमें विद्युत आवेश (चार्ज) उत्पन्न होता है। कुछ बादल पॉजिटिव तो कुछ नेगेटिव चार्ज वाले हो जाते हैं। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं, तो बिजली बनती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों में ही रहती है, लेकिन कई बार धरती तक पहुंच जाती है, जिससे पेड़, पानी, धातु या बिजली के खंभे कंडक्टर बन जाते हैं। ऐसे में इनके पास मौजूद व्यक्ति बिजली गिरने की चपेट में आ सकता है।
मौसम विभाग की चेतावनी
- खुले में काम करने से बचें।
- बिजली गिरने के समय पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे न जाएं।
- मोबाइल या धातु की वस्तुएं पास न रखें।
- खेतों में कार्यरत किसान और चरवाहे तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।
छत्तीसगढ़ में फिलहाल मानसूनी गतिविधियां पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं। अगले तीन दिन छत्तीसगढ़ में बारिश और गरज-चमक का दौर जारी रहेगा। 15 अक्टूबर के बाद मानसून की विदाई होने और ठंड बढ़ने की शुरुआत के संकेत मौसम विभाग ने दिए हैं।