CGPSC Scam : टीम टामन ने जानिए कौन से बदले नियम , कैसे किया घोटाला

CGPSC Scam : टामन सिंह सोनवानी ने पीएससी अध्यक्ष की कुर्सी मिलते ही अपना खेल शुरू कर दिया था। टामन ने अपने घर के लोगों के साथ कांग्रेस नेताओं और अफसरों के बच्चों को भी अफसर बना दिया। टामन ने यह काम पूरी प्लानिंग के साथ किया।

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Arun tiwari
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CGPSC Scam : पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी और कारोबारी एसके गोयल की गिरफ्तारी के बाद सीजीपीएससी की परीक्षा के गड़बड़झाले की परतें खुल रही हैं। भाई-भतीजों को अफसरी देने के मामले में कई हैरान कर देने वाले खुलासे हो रहे हैं।

टामन ने कुछ ऐसे नियमों में बदलाव किया, जिससे अपनों को अफसर बनाने का रास्ता आसान हो सके। ये मामला खुलने के बाद हाईकोर्ट ने 2021 की पीएससी परीक्षा के टॉपर्स की लिस्ट को होल्ड कर दिया है। टामन के करीबी के एनजीओ को 45 लाख देने वाले कारोबारी एसके गोयल के बेटे शशांक और बहू भूमिका डिप्टी कलेक्टर तो बन गए, लेकिन उनकी कहीं पोस्टिंग नहीं हो सकी।

कोर्ट ने इनको होल्ड पर डाल दिया है। वहीं, टामन सोनवानी के करीबी रहे पीएससी के डिप्टी कंट्रोलर ललित गनवीर की पोस्टिंग पर भी आपत्ति आने लगी है। आइए आपको बताते हैं कि किस तरह यह पूरा घोटाला किया गया। 

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सोनवानी की धांधली की शुरुआत 

टामन सिंह सोनवानी ने पीएससी अध्यक्ष की कुर्सी मिलते ही अपना खेल शुरू कर दिया था। टामन ने अपने घर के लोगों के साथ कांग्रेस नेताओं और अफसरों के बच्चों को भी अफसर बना दिया। टामन ने यह काम पूरी प्लानिंग के साथ किया।

इस काम के लिए टीम टामन बनाई गई। इसमें टामन ने अपने करीबियों को शामिल किया। सोनवानी ने सबसे पहले कुछ नियम बदले जिससे कि इस घोटाले को पर्दे के पीछे ही रखा जा सके। आइए आपको बताते हैं कि वो कौन सा नियम था, जिससे टामन ने यह घोटाला किया। 

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टामन का पूरा गेम प्लान 

  •   2014 से नियम (56.13) था। इस नियम के तहत प्रिलिम्स एग्जान ( स्टेज- 1) के कुछ दिनों बाद मॉडल आंसर आएगा फिर उसमें दावा आपत्ति होगी फिर संशोधित मॉडल आंसर के साथ रिजल्ट आएगा।
  •  9 मार्च 2017 में  नियम (SECTION 56.13) में संशोधन होता है कि 20 प्रश्नों से ज्यादा अगर delete करने की नौबत आती है तो परीक्षा फिर से करवा सकते हैं। लेकिन इस समय भी दावा आपत्ति के बाद संशोधित मॉडल आंसर दिया जाता था।
  • फिर आते है टामन सोनवानी जो पूरा नियम ही बदल देते हैं और संशोधित आंसर देने के नियम को ही हटा देते है।
  • इससे ये होता है कि स्टूडेंट्स को पता ही नही चलता की क्या संशोधन किया है। कितने में आंसर चेंज किया है। नियम इसलिए बदला जिससे कोई ऑब्जेक्शन खड़ा न करे
  •  CGPSC SSE 2021 में 6 प्रश्नों को डिलीट कर दिया गया  और 9 प्रश्नों का उत्तर चेंज किया गया। जिससे इन सवालों को ऑपरेट कर रिजल्ट को कंट्रोल किया जा सके।
  • Expert प्रश्नों का चयन करते हैं और उत्तर का भी। इससे समझ आता है ह्यूमन error 1-2 में हो जायेगा, लेकिन 15 से 20 प्रश्नों में गलती कैसे हो सकती है। 

डिप्टी कंट्रोलर ललित गनवीर को हटाने की मांग

वहीं, अब पीएससी के तत्कालीन सदस्यों की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। अभी भी पोस्टेड डिप्टी कंट्रोलर ललित गनवीर को हटाने की मांग भी की जा रही है। ललित को टामन सिंह का करीबी माना जाता है।  


ये है विवादित टॉपर्स की सूची 

प्रज्ञा नायक - कांग्रेस नेता के करीबी की बेटी
अनन्या अग्रवाल - कांग्रेस नेता की बेटी
शशांक गोयल - कारोबारी श्रवण गोयल का बेटा
भूमिका कटियार - कांग्रेस नेता की बेटी
नितेश - टामन सिंह का बेटा
साहिल - टामन सिंह के बड़े भाई का बेटा
खुशबू बिजौरा - तत्कालीन मंत्री के करीबी की बेटी  
नेहा खलको - तत्कालीन राज्यपल के सचिव अमृत खलको की बेटी
निखिल खलको - तत्कालीन राज्यपल के सचिव अमृत खलको का बेटा
साक्षी ध्रुव - डीआईजी ध्रुव की बेटी
सुमित ध्रुव - पीएससी सचिव का बेटा
 

रसूखदारों की मुश्किलें बढ़ीं 

जिस तरह से पीएससी घोटाले की परतें खुल रही हैं उससे रसूखदारों की नींद उड़ गई है। कई ऐसे कांग्रेसी नेता और अफसर हैं जो इस जद में आने वाले हैं।

FAQ

क्यों विवादों में रहा सीजीपीएससी ?
प्रिलिम्स में बहुत हल्के सवाल पूछे जाना और बाद में उनको विलोपित करना। जैसे कि सीएम बघेल के भेंट,मुलाकात का दिन कौन सा है। मेंस परीक्षा में पेपर कठिन बनाना और फिर उसको लीक कर अपने लोगों को 150 से उपर नंबर दिलवाना। इंटरव्यू के दौरान दूसरे छात्रों को जानबूझकर कम नंबर देना और अपनों को ज्यादा नंबर देकर बढ़त दिलाना। यही कारण है कि अपनों का सिलेक्शन किया गया और अच्छे स्टूडेंट होने के बाद भी दूसरों को कम नंबर मिले। 

 

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