छत्तीसगढ़ शराब घोटाला में चैतन्य बघेल के बाद ED का उनके करीबियों पर शिकंजा, 7 कारोबारियों को नोटिस

छत्तीसगढ़ के कथित 2174 करोड़ के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच तेज कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, के बाद अब ED उनके करीबियों पर कार्रवाई कर रही है।

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Krishna Kumar Sikander
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ED tightens grip on his close aides in Chhattisgarh liquor scam the sootr
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छत्तीसगढ़ में 2174 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। चैतन्य को हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।

अब ED ने भिलाई, रायपुर और बिलासपुर के सात कारोबारियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। इनमें होटल, सराफा और रेलवे ठेकेदारी से जुड़े कारोबारी शामिल हैं। ED का दावा है कि इन कारोबारियों ने चैतन्य के साथ मिलकर शराब घोटाले की रकम को रियल एस्टेट और अन्य कारोबारों में निवेश किया।

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ED की जांच का दायरा

ED के मुताबिक, चैतन्य बघेल ने शराब कारोबारी लक्ष्मीनारायण उर्फ पप्पू बंसल, रेलवे ठेकेदार विजय अग्रवाल, त्रिलोक सिंह ढिल्लन और दीपेंद्र चावड़ा के साथ मिलकर घोटाले की रकम को रियल एस्टेट में निवेश किया। जांच में बघेल बिल्डकॉन और बिलासपुर के एक बिल्डर की भूमिका भी सामने आई है।

ED का अनुमान है कि इस नेटवर्क ने करीब 1000 करोड़ रुपये की काली कमाई को सफेद करने की कोशिश की। पप्पू बंसल के बयानों के आधार पर ED ने चैतन्य और उनके सहयोगियों की पूरी वित्तीय चेन का खुलासा करने का दावा किया है।

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विजय अग्रवाल पर पहले भी छापेमारी

पिछले हफ्ते ED ने रेलवे ठेकेदार विजय अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की जयपुर में आयोजित शादी समारोह में विजय की मौजूदगी की जानकारी के बाद की गई। ED ने विजय और उनके करीबियों के चार ठिकानों पर मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला कारोबार की जांच के तहत छापे मारे थे। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान मिले सबूतों ने चैतन्य के साथ उनके व्यापारिक संबंधों की ओर इशारा किया। 

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सात कारोबारियों को अलग-अलग तारीखों पर नोटिस

ED ने सात कारोबारियों को पूछताछ के लिए अलग-अलग तारीखों पर बुलाया है। सूत्रों के मुताबिक, अब तक दो कारोबारी ED के रायपुर कार्यालय में बयान दर्ज कराने पहुंच चुके हैं। पूछताछ में ED चैतन्य के साथ इन कारोबारियों के व्यापारिक रिश्तों, निवेश के स्रोत और रियल एस्टेट परियोजनाओं में रकम के उपयोग की जांच कर रही है।

खास तौर पर, ED यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि शराब घोटाले की रकम को कैसे और किन-किन माध्यमों से वैध दिखाने की कोशिश की गई।

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क्या है शराब घोटाला?

ED के अनुसार, यह शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। इस दौरान एक संगठित सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम और अवैध शराब की बिक्री के जरिए 2174 करोड़ रुपये की काली कमाई की, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।

चैतन्य पर आरोप है कि उन्होंने 16.7 करोड़ रुपये की अवैध रकम को अपनी रियल एस्टेट परियोजना 'विठ्ठल ग्रीन' में निवेश किया। ED ने इस परियोजना में 5 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन का भी खुलासा किया है, जिसमें त्रिलोक सिंह ढिल्लन ने अपने कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट खरीदकर रकम को वैध दिखाने की कोशिश की।

राजनीतिक विवाद और प्रतिक्रियाएं

चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि यह कार्रवाई रायगढ़ के तमनार में अदाणी समूह के कोयला खनन प्रोजेक्ट के लिए अवैध पेड़ कटाई का मुद्दा उठाने से ध्यान भटकाने के लिए की गई। कांग्रेस ने इस कार्रवाई के खिलाफ राज्यव्यापी 'चक्का जाम' और प्रदर्शन किए। वहीं, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि ED बिना सबूत के कार्रवाई नहीं करती और जांच निष्पक्ष है।

वित्तीय चेन को उजागर करने की कोशिश

ED अब चैतन्य के सहयोगियों और उनके व्यापारिक नेटवर्क की गहन जांच कर रही है। बघेल बिल्डकॉन और बिलासपुर के बिल्डर से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। पप्पू बंसल और अन्य कारोबारियों के बयानों के आधार पर ED इस घोटाले की पूरी वित्तीय चेन को उजागर करने की कोशिश कर रही है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह रकम कांग्रेस कमेटी के खजाने में पहुंची, जैसा कि ED ने अपने रिमांड नोट में दावा किया है।

2174 करोड़ रुपये का शराब घोटाला छत्तीसगढ़ की सियासत में भूचाल ला रहा है। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद ED का उनके करीबियों पर शिकंजा इस जांच को और गहरा रहा है। यह मामला न केवल वित्तीय अनियमितताओं, बल्कि राजनीतिक जवाबदेही और सत्ता के दुरुपयोग जैसे मुद्दों को भी उजागर कर रहा है। आने वाले दिनों में ED की पूछताछ और जांच से इस घोटाले के और बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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