छत्तीसगढ़ के बस्तर-अबूझमाड़ को महाराष्ट्र से जोड़ेगा नेशनल हाईवे 130-डी, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को मिलेगा नया जीवन

नेशनल हाईवे 130-डी, जो बस्तर और महाराष्ट्र को जोड़ने वाला है, बस्तर अंचल के विकास की गति को बढ़ाएगा। यह सड़क परियोजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित और सुगम यातायात के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

author-image
Sanjay Dhiman
New Update
national highway 130-D

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

RAIPUR.छत्तीसगढ़ के बस्तर को महाराष्ट्र से जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी, अब बननी शुरू होने वाली है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे बस्तर के विकास का एक अहम कदम बताते हुए इसके काम को तेज़ी से शुरू करने का निर्णय लिया है।

यह सड़क सिर्फ एक नेशनल हाईवे नहीं है, बल्कि बस्तर के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए बहुत जरूरी है, खासकर ऐसे इलाकों के लिए जो नक्सलवाद से प्रभावित हैं, जैसे अबूझमाड़। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस बड़ी योजना को पूरा कर रही हैं, ताकि यहां के लोगों को सुरक्षित और आसान यात्रा की सुविधा मिल सके। 

परियोजना को मिली नई रफ्तार

छत्तीसगढ़ शासन ने राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी के एक महत्वपूर्ण खंड, जो कुतुल से नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक जाता है, के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। हाईवे का यह हिस्सा 21.5 किलोमीटर लंबा है और इसके निर्माण से बस्तर अंचल सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जुड़ जाएगा।

छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग मंत्रालय द्वारा प्रमुख अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र रायपुर को न्यूनतम टेंडर देने वाले ठेकेदार से अनुबंध की प्रक्रिया शर्तों सहित पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों के साथ ही नेशनल हाईवे निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है। 

यह खबरें भी पढ़ें...

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पंजीकरण की तारीख बढ़ी: किसान अब 31 अक्टूबर तक करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग की सख्ती: 11 गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों को थमाया नोटिस

नवंबर से मार्च तक तेजी से होगा निर्माण कार्य

इस सड़क का निर्माण नवंबर से मार्च तक तेज गति से शुरू किया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार के लोक निर्माण विभाग ने इस प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी प्रमुख अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र रायपुर को सौंप दी है।

नेशनल हाईवे 130-डी के खंडों का विवरण

नेशनल हाईवे 130-डी के निर्माण को तीन पैकेज में बांटा गया है:

  1. पैकेज-4 (भाग-1): 90.990 किमी से 98.160 किमी तक – अनुमानित लागत ₹69.50 करोड़, स्वीकृत निविदा राशि ₹50.07 करोड़।

  2. पैकेज-4 (भाग-2): 98.160 किमी से 105.330 किमी तक – अनुमानित लागत ₹67.97 करोड़, स्वीकृत निविदा राशि ₹49.51 करोड़।

  3. पैकेज-4 (भाग-3): 105.330 किमी से 112.500 किमी तक – अनुमानित लागत ₹71.01 करोड़, स्वीकृत निविदा राशि ₹53.08 करोड़।

बस्तर अंचल के विकास में योगदान

यह सड़क न केवल छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र को जोड़ने का काम करेगी, बल्कि बस्तर अंचल के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। सरकार का उद्देश्य है कि यह सड़क नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की गति को बढ़ाए और वहां की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करे। 

नेशनल हाईवे 130.डी से बस्तर को होने वाले लाभ को ऐसे समझें 

नेशनल हाईवे मार्ग 130 सी में घटित हुई दो अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं में दो  युवकों की मौत, एक युवक गंभीर रूप से घायल… | TRIBAL NEWS SERVICE OF INDIA

नेशनल हाईवे 130-डी का निर्माण: यह सड़क बस्तर अंचल को महाराष्ट्र से जोड़ने के लिए बनाई जा रही है, जिसकी कुल लंबाई 195 किमी होगी।

सड़क निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी: कुतुल से नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक 21.5 किमी के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर दी गई है।

निर्माण की लागत: इस परियोजना का कुल अनुमानित लागत ₹152 करोड़ है, और यह सड़क टू-लेन पेव्ड शोल्डर सहित बनाई जाएगी।

विकास में योगदान: सड़क के निर्माण से बस्तर क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग का विस्तार: नेशनल हाईवे 130-डी महाराष्ट्र में आलापल्ली तक जुड़ेगा, जिससे दोनों राज्यों के बीच बेहतर सड़क संपर्क होगा।

NH-130D की कुल लंबाई और दोनों राज्यों में रूट

नेशनल हाईवे 130-डी की कुल लंबाई लगभग 195 किलोमीटर है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-30 (NH-30) का एक सहायक रूट है।

  1. छत्तीसगढ़ में रूट: यह कोण्डागांव से शुरू होता है और नारायणपुर, कुतुल होते हुए नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य में इस राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 122 किलोमीटर का हिस्सा आता है। कोण्डागांव से नारायणपुर तक का लगभग 50 किलोमीटर हिस्सा पहले से ही निर्माणाधीन है, और नारायणपुर से कुतुल की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है।

  2. महाराष्ट्र में रूट: नीलांगुर से आगे, यह महाराष्ट्र में बिंगुंडा, लहरे, धोदराज, भमरगढ़, हेमा और लकासा होते हुए आलापल्ली तक पहुँचता है, जहां यह एनएच-353डी से जुड़ जाता है। 

यह खबरें भी पढ़ें...

हिंसा के अंधियारे से निकलकर विकास की रोशनी की ओर बढ़ रहा छत्तीसगढ़, बस्तर में अब विकास की बयार

गृहमंत्री अमित शाह की चेतावनी, मार्च-26 तक खत्म कर देंगे छत्तीसगढ़ से लाल आतंक, नक्सलवाद ने रोका बस्तर का विकास

अबूझमाड़ के विकास में होगा मददगार

मुख्यमंत्री साय ने इस बात पर जोर दिया है कि नेशनल हाईवे 130-डी केवल सड़क नहीं, बल्कि बस्तर अंचल की विकास का मार्ग है। इस क्षेत्र को लंबे समय से विकास की मुख्यधारा से दूर रखा गया था, जिसका मुख्य कारण यहां के घने जंगल, कठिन भौगोलिक स्थिति और नक्सली गतिविधियां थीं। लेकिन अब इस हाईवे के कारण यह क्षेत्र भी विकास की मुख्य धारा में जुड़ सकेगा।

छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राष्ट्रीय राजमार्ग अबूझमाड़ महाराष्ट्र
Advertisment