छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग की सख्ती: 11 गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों को थमाया नोटिस

छत्तीसगढ़ में निर्वाचन आयोग ने 11 गैर-मान्यता प्राप्त निष्क्रिय राजनीतिक दलों को नोटिस भेजकर वित्तीय रिपोर्ट मांगी है। किन दलों को थमाया गया नोटिस...चलिए बताते हैं।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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RAIPUR.छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग ने 11 ऐसे राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया है जो गैर-मान्यता प्राप्त  हैं और लंबे समय से निष्क्रिय (Inactive) हैं। इन दलों ने न तो किसी चुनाव में हिस्सा लिया है और न ही अपनी वित्तीय ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की है।

बताया जा रहा है कि यह राजनैतिक दल लंबे समय से टैक्सों में छूट का लाभ तो ले रहे हैं, लेकिन किसी भी प्रकार की चुनावी गतिविधियों से दूर है। ऐसे दलों को अब निर्वाचन आयोग अयोग्य घोषित करने की तैयारी कर रहा है। 

इन दलों को थमाया गया नोटिस

जिला प्रशासन, रायपुर की रिपोर्ट के अनुसार निम्नलिखित दलों को नोटिस भेजा गया है:

  1. धूम सेना (पुरानी बस्ती, रायपुर)

  2. छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी

  3. हमर राज पार्टी

  4. आजादी का अंतिम आंदोलन

  5. भारतीय सर्वजन हिताय समाज पार्टी

  6. समाजवादी स्वाभिमान मंच 

इन दलों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपनी वित्तीय रिपोर्ट, पार्टी संगठन की जानकारी और सदस्यता विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। डॉ. गौरव सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी रायपुर ने बताया कि यह पहल निष्क्रिय दलों की पहचान करने और लोकतांत्रिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है।  

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इन पार्टियों को किया जा चुका है पहले ही बाहर

निर्वाचन आयोग ने इससे पहले भी कई निष्क्रिय दलों को सूची से बाहर किया था, जिनमें छत्तीसगढ़ एकता पार्टी, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ समाजवादी पार्टी, पृथक बस्तर राज्य पार्टी, राष्ट्रीय आदिवासी बहुजन पार्टी, राष्ट्रीय मानव एकता पार्टी, जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी, लोकतंत्र कांग्रेस पार्टी, शक्ति सेना (भारत देश), स्वाभिमान पार्टी, छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी शामिल है। 

क्यों जरूरी है यह कदम

भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) का स्पष्ट नियम है कि प्रत्येक राजनीतिक दल को हर वर्ष अपनी ऑडिट रिपोर्ट, चंदा विवरण और सदस्यता सूची प्रस्तुत करनी होती है। लेकिन कई दल इस नियम का पालन नहीं करते।
इनमें से कुछ दल टैक्स छूट जैसी सुविधाओं का लाभ तो लेते हैं, लेकिन चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं लेते। इससे न केवल वित्तीय पारदर्शिता प्रभावित होती है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था भी प्रभावित होती है। 

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सभी जिलों से मांगी है रिपोर्ट

निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है। निष्क्रिय दल की पहचान के बाद उन्हें नोटिस जारी किया गया है।
यदि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें अयोग्य घोषित किया जा सकता है। यह कदम राजनीतिक सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। 

नियम क्या कहते हैं? 

नियमविवरण
वार्षिक ऑडिट रिपोर्टप्रत्येक दल को हर वित्तीय वर्ष में अपनी ऑडिटेड वित्तीय रिपोर्ट जमा करनी होती है।
पंजीयन स्थितियदि दल लगातार 5 वर्षों तक निष्क्रिय रहता है, तो उसकी मान्यता समाप्त की जा सकती है।
चुनाव में भागीदारीकिसी भी दल को सक्रिय माने जाने के लिए कम से कम एक चुनाव में भाग लेना अनिवार्य है।

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