Chhattisgarh Diwali Festival Culture Special : दीपावली का पर्व छत्तीसगढ़ में न केवल रोशनी और खुशियों का त्योहार है, बल्कि इसमें पारंपरिक व्यंजनों की भी खास भूमिका होती है। प्रदेश के गांवों और शहरों में दीपावली के अवसर पर विशेष पकवान बनाए जाते हैं, जो सदियों पुरानी परंपराओं और संस्कृति से जुड़े हैं।
दिपावली पर खास पकवान बनाते हैं छत्तीसगढ़ के लोग
छत्तीसगढ़ के घरों में इस अवसर पर पीढ़िया, चूरल लड्डू, अनरसा, अरसा, देहरोरी, मुठिया, फरा, चौसेला, कतरा और पपची जैसे विशेष पकवान तैयार किए जाते हैं। ये व्यंजन न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि इन्हें बनाने की प्रक्रिया में परिवार के सभी सदस्यों का योगदान रहता है, जिससे त्योहार का आनंद और बढ़ जाता है।
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पीढ़िया और अनरसा चावल के आटे और गुड़ से तैयार किए जाते हैं, जो मिठास और स्वास्थ्य का अनोखा संगम हैं। अरसा भी गुड़ से बनने वाला पारंपरिक व्यंजन है, जो कुरकुरे स्वाद के कारण बच्चों और बड़ों, दोनों में लोकप्रिय है। देहरोरी दही और चावल से बनी मिठाई है, जिसे खासकर त्योहारों पर परोसा जाता है।
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नमकीन पकवानों में ये है खास
नमकीन पकवानों में फरा और मुठिया की भी विशेष मांग होती है, जिन्हें चावल और मसालों से तैयार किया जाता है। वहीं, चौसेला और कतरा गेहूं या चावल के आटे से बने स्वादिष्ट व्यंजन हैं, जो पारंपरिक व्यंजनों में प्रमुख स्थान रखते हैं।
दीपावली पर इन पकवानों का महत्व केवल स्वाद तक सीमित नहीं है। ये व्यंजन छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों को दर्शाते हैं। परिवार के सभी लोग एक साथ मिलकर इनका आनंद लेते हैं, जिससे त्योहार का उल्लास दोगुना हो जाता है।
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