अमित बघेल की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा जेल

जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल की जमानत याचिका सोमवार को कोर्ट ने खारिज कर दी है। मूर्ति विवाद और समुदायों पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद उनके विरुद्ध कई FIR दर्ज हुई थीं।

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Harrison Masih
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Raipur. अग्रवाल और सिंधी समाज के आराध्य देवों परआपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। अमित बघेल को 6 दिसंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 

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गिरफ्तारी और रिमांड की प्रक्रिया

अमित बघेल ने 6 दिसंबर को देवेंद्रनगर थाने में सरेंडर करने की घोषणा की थी। हालांकि, पुलिस ने उन्हें थाने से महज 20 मीटर पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किए जाने पर उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड मिली थी, जिसकी अवधि सोमवार को समाप्त हो गई। रिमांड खत्म होने पर उन्हें फिर कोर्ट में पेश किया गया, जहां जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।

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ऐसे समझें पूरा मामला 

जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी प्रमुख अमित बघेल की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

उन्हें 3 दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।

बघेल को 6 दिसंबर को देवेंद्रनगर थाने के पास से उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह सरेंडर के लिए जा रहे थे।

उन पर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़फोड़ के विरोध में अग्रवाल और सिंधी समाज के आराध्यों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।

इस टिप्पणी के बाद रायपुर समेत कई जिलों और दूसरे राज्यों में भी FIR दर्ज कराई गई थी।

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जानिए क्या है पूरा मामला

यह पूरा विवाद रायपुर में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ने की घटना के बाद शुरू हुआ। 26 अक्टूबर 2025 को रायपुर के VIP चौक पर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति से तोड़फोड़ की गई थी। बाद में पुलिस ने आरोपी को राम मंदिर के पास से गिरफ्तार किया, जो मानसिक रूप से बीमार था और नशे में था। अगले दिन (27 अक्टूबर) जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल मौके पर पहुंचे और विरोध-प्रदर्शन के दौरान जमकर हंगामा किया। इस दौरान उनके समर्थकों की पुलिसकर्मियों के साथ झड़प भी हुई।

हंगामे के दौरान, अमित बघेल ने अग्रवाल समाज के आराध्य अग्रसेन महाराज और सिंधी समाज के इष्ट देवता झूलेलाल पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी की। इस टिप्पणी के बाद देशभर में अग्रवाल समाज और सिंधी समाज भड़क उठा। रायपुर, रायगढ़, सरगुजा समेत छत्तीसगढ़ के कई जिलों और दूसरे राज्यों में भी समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए अमित बघेल के खिलाफ FIR दर्ज कराई। सिंधी समाज के पदाधिकारियों ने कोतवाली थाने में भी एफआईआर दर्ज कराई थी।

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सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत

बता दें कि इससे पहले अमित बघेल ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए सख्त टिप्पणी की थी कि उन्हें जहां-जहां FIR दर्ज हुई है, वहां की कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा, और उन्हें अपनी जुबान पर काबू रखना चाहिए।

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