अमित बघेल को झटका: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका, करना होगा कानूनी प्रक्रिया का पालन

सुप्रीम कोर्ट ने अमित बघेल की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है। अब उन्हें जहां-जहां FIR दर्ज हैं, वहां की कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा। यह निर्णय अमित बघेल के लिए बड़ा झटका है।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बघेल ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया।

अब बघेल को जहां-जहां FIR दर्ज हैं, वहां की कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। कोर्ट का यह आदेश बघेल के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला है।  उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में कई FIR दर्ज हैं।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी: अपनी जुबान संभालकर रखें!

अमित बघेल ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि उनके खिलाफ दर्ज सभी FIR को एक साथ जोड़ा जाए। इस पर कोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी की। पीठ ने कहा, आप अपनी ज़ुबान संभालकर रखें। कोर्ट ने आगे कहा, राज्य पुलिस आएगी, आपको अपने-अपने राज्यों में ले जाएगी। पूरे देश की सैर का आनंद लीजिए। 

अमित बघेल की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट ने सुनवाई के दौरान दलील दी। उन्होंने कहा कि बघेल के बयान स्वीकार्य नहीं थे, लेकिन वे गुस्से में दिए गए थे। वकील ने यह भी कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था। साथ ही, उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में पांच FIR दर्ज हैं। अन्य राज्यों के मामलों को भी यहीं ट्रांसफर कर दिया जाए।

यह था अमित बघेल का विवादित बयान

26 अक्टूबर को रायपुर के VIP चौक पर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। इस घटना को एक मानसिक बीमार युवक ने अंजाम दिया था। इस घटना से पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया।

अगले ही दिन छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया था। अध्यक्ष अमित बघेल ने विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा था कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अग्रसेन महाराज की मूर्तियां क्यों नहीं टूटतीं? पाकिस्तानी सिंधी क्या जानते हैं भगवान झूलेलाल के बारे में?”

इन शब्दों ने धार्मिक और सामाजिक भावना को चोट पहुंचाई।

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अमित बघेल के विवादित बयान और कोर्ट के निर्णय को ऐसे समझें

In Pali, the Sindhi community held a vehicle rally against Chhattisgarh  leader Amit Baghel on November 7, 2025. | पाली में बघेल के बयान के खिलाफ  निकाली रैली: बोले- झूलेलाल के खिलाफ

  • सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ क्रांति सेना अध्यक्ष अमित बघेल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
  • अब उन्हें हर राज्य में दर्ज FIR के लिए कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।
  • कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए FIR क्लब करने की मांग को भी ठुकरा दिया।
  • विवादित बयान के कारण सिंधी समाज की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप है।
  • कर्नाटक, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में बघेल के खिलाफ दर्जन भर से अधिक मामले हैं।

देशभर में बघेल के खिलाफ विरोध

अमित बघेल के खिलाफ कई राज्यों में FIR दर्ज हैं। इनमें कर्नाटका, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और तमिलनाडु प्रमुख हैं। उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने सिंधी समाज के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। बघेल ने 27 अक्टूबर को अग्रसेन महाराज और सिंधी समाज के देवता झूलेलाल पर आपत्तिजनक बयान दिया था। यह बयान उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ने को लेकर दिए थे।

उनके बयान के बाद सिंधी समाज और अग्रवाल समाज ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किए थे। विरोध प्रदर्शन में कई शहरों में बघेल का पुतला जलाया गया। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की गई। आरोप है कि बघेल ने सिंधी समाज को ‘पाकिस्तानी’ कहकर उनका अपमान किया।

अमित बघेल का बयान

बघेल ने कहा था, मैंने गुस्से में यह बयान दिया था। मेरा इरादा किसी भी समाज की भावनाओं को आहत करने का नहीं था। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बघेल को देशभर में दर्ज FIR के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

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अमित बघेल ने क्या कहा था? पूरा विवाद क्या है?

यह पूरा विवाद 27 अक्टूबर को शुरू हुआ था। छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति में तोड़फोड़ के मामले पर अमित बघेल ने टिप्पणी की थी। उन्होंने अग्रसेन महाराज और सिंधी समाज के ईष्ट देवता झूलेलाल पर विवादित बयान दिए थे।

इस बयान के बाद अग्रवाल समाज और सिंधी समाज में भारी गुस्सा देखने को मिला। पूरे प्रदेश और देशभर में इन समाजों ने विरोध प्रदर्शन किए। अमित बघेल के बयान ने धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई, जिसका नतीजा अब उन्हें भुगतना पड़ रहा है। यह मामला दिखाता है कि सार्वजनिक मंच पर बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए। खासकर जब बात धार्मिक या सामाजिक भावनाओं से जुड़ी हो।

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