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रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार अपने राज्य की एजेंसी एंटी करॅप्शन ब्यूरो यानी एसीबी और ईओडब्ल्यू को ईडी की तर्ज पर पॉवरफुल बनाने जा रही है। सीएम विष्णुदेव साय ने सुशासन के तहत यह कदम उठाने का फैसला किया है। एसीबी को और अधिक ताकतवर और अधिकार संपन्न बनाया जाएगा। इसके लिए एजेंसियों को आधुनिक एडवांस तकनीकों से लैस किया जाएगा। स्टॉफ की कमी को भी दूर किया जाएगा। हाल ही में ईडी ने जिस तरह से घोटालों पर कार्यवाही की है उसी तरह से राज्य सरकार एसीबी और ईओडब्ल्यू को पॉवरफुल बनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ तेज और कड़ी कार्यवाही करवाना चाहती है।
जांच एजेंसियों की होगी अपनी पुलिस
राज्य सरकार की जो जांच एजेंसियां हैं वे पुलिस पर निर्भर रहती हैं। राज्य सरकार अपनी पसंद के अफसर को एसीबी और ईओडब्ल्यू का चीफ बना देती है। ये अफसर अपनी पसंद के अफसरों को डेप्यूटेशन पर लेकर आते हैं। लेकिन जैसे ही बदलाव होता है तो पूरा सिस्टम बदल जाता है। इससे होता क्या है कि इन एजेंसियों का अपना कोई स्थायी सेटअप नहीं बन पाता है। इस बदलाव से एजेंसियों में चल रही जांच प्रभावित होती हैं। चूंकि ये एजेंसियां राज्य सरकार के अधीन होती हैं इसलिए राज्य सरकार के हिसाब से ही यह काम करती हैं। पिछली सरकार में इन एजेंसियों की कोई खास सक्रियता नहीं दिखाई दी। वहीं इस सरकार में एसीबी एक साल में 70 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते ट्रेप कर चुकी है। सीएम ने एसीबी को फ्री हैंड दिया है।
बदलेगी एसीबी,ईओडब्ल्यू की सूरत :
सरकार अब इन एजेंसियों का स्थायी सेटअप बनाने जा रही है। इसके अलावा मैनपॉवर की कमी को भी दूर किया जा रहा है। इस संबंध में सरकार में फाइल दौड़ने लगी है। सूत्रों की मानें तो इन जांच एजेंसियों को स्थायी तौर पर डीएसपी,इंस्पेक्टर और सिपाही दिए जाएंगे। यानी एसीबी की अब अपनी पुलिस होगी। चूंकि ये मसला जीएडी के अंतरगत आता है और जीएडी सीएम के पास ही है इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इस काम में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
एसीबी में होंगे अकाउंट के जानकार :
ईओडब्ल्यू खासतौर पर आर्थिक अपराध की जांच करती है। जिस तरह ईडी के पास पुलिस के साथ अकाउंट के जानकार सीए की फौज होती है उसी तरह ईओडब्ल्यू में भी सीए और बैंकिंग से जुड़े लोगों की बड़ी टीम होगी। इसका फायदा यह होगा कि आर्थिक अपराध के तहत छापामार कार्यवाही के बाद भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों का लेखा जोखा निकालने में आसानी होगी और इससे कोर्ट में चालान भी जल्द पेश कर दिया जाएगा।
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इन घोटालों की जांच करी एसीबी और ईओडब्ल्यू :
इन एजेंसियों के पास शराब घोटाला, कोयला घोटाला, महादेव सट्टा ऐप्प घोटाला, सीजीएमएससी घोटाला, अभनपुर मुआवजा घोटाला, आरआई प्रमोशन घोटाला, अरपा-भैंसाझाड़ मुआवजा घोटाले जैसी बड़ी जांच हैं। यह जांच सरकार ने सौंपी हैं। इसके अलावा एजेंसी के पास कई शिकायतें सीधे भी आती हैं जिनको जांच में लिया जाता है। ये बदलाव कर सरकार सुशासन के पहिये को रफ्तार देना चाहती है।
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