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Raipur. छत्तीसगढ़ विधानसभा के पुराने भवन में मंगलवार को आयोजित विशेष सत्र ऐतिहासिक बन गया। नवा रायपुर के नए भवन में शीतकालीन सत्र से पहले यह अंतिम बैठक थी, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की 25 वर्ष की संसदीय यात्रा को याद करना, उसे संजोना और सार्वजनिक जीवन में लोकतंत्र की भूमिका को पुनः रेखांकित करना था।
भूपेश बघेल पर अजय चंद्राकर का बड़ा बयान- ‘आपमें आज भी आग है’
सत्र के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने राजनीतिक चर्चाओं को गर्मा दिया। चंद्राकर ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ संकेत करते हुए कहा— “आपके मन में कुछ करने की आग थी, लेकिन आपने योजनाओं को बजट और संसदीय स्वीकृति नहीं दी। अच्छी योजनाएं भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं। बदनामी आपके हिस्से आई, लेकिन आग आज भी मौजूद है।” चंद्राकर ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल को "स्वर्णिम युग" बताया।
उनके इस कथन ने पक्ष-विपक्ष दोनों में राजनीतिक हलचल पैदा की।
विशेष सत्र में 25 वर्षों की संसदीय स्मृतियां ताज़ा
सत्र के दौरान सभी दलों के विधायकों ने अपनी संसदीय यात्रा, विधानसभा से जुड़ी कहानियां, उपलब्धियां और चुनौतियों के प्रसंग साझा किए। विधानसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं ने पुराने भवन को “लोकतंत्र का जीवंत दस्तावेज” कहा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तीन दिवंगत नेताओं को दी श्रद्धांजलि
विशेष सत्र के मुख्य क्षणों में से एक था मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा विधानसभा की रजत जयंती में योगदान देने वाले तीन दिग्गज नेताओं को श्रद्धांजलि देना।
इन नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई:
- रजनी ताई उपासने — रायपुर की पहली महिला विधायक
- बनवारी लाल अग्रवाल — पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष
- राधेश्याम शुक्ला — समर्पित और वरिष्ठ जनप्रतिनिधि
मुख्यमंत्री ने कहा— “रजनी ताई उपासने राजनीति और समाज सेवा में प्रेरणादायक व्यक्तित्व थीं। उनका निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है।”
सभी विधायकों की समूह फोटो — 25वीं वर्षगांठ का प्रतीक दस्तावेज
विशेष सत्र में सभी विधायकों का एक समूह फोटो लिया गया। इसे विधानसभा की 25वीं वर्षगांठ का प्रतीकात्मक ऐतिहासिक दस्तावेज माना जाएगा। इसके साथ ही विधायकों के अनुभवों को रिकॉर्ड कर डिजिटल संसदीय दस्तावेज के रूप में संरक्षित करने की योजना भी बनाई गई है।
पुराना विधानसभा भवन—एक ऐतिहासिक अध्याय का समापन
दिनभर की कार्यवाही के बाद सदन को शीतकालीन सत्र तक स्थगित कर दिया गया। अब 14 दिसंबर से अगला सत्र नवा रायपुर के नए अत्याधुनिक विधानसभा भवन में शुरू होगा। पुराना भवन अब इतिहास के पन्नों में दर्ज रहेगा—एक ऐसा गवाह जिसने 25 वर्षों की बहसों, टकरावों, फैसलों और लोकतंत्र की धड़कनों को करीब से महसूस किया।
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