छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के निशाने पर भाजपा नेता, दो साल में दस की गई जान, घर से दूर रात बिताने को हैं मजबूर

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या गंभीर हो गई है, जहां दो साल में नक्सलियों ने भाजपा के 10 नेताओं की हत्या कर दी है। सुरक्षा बलों के प्रयासों के बावजूद, भाजपा नेताओं की जान को खतरा बना हुआ है और स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।

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Sanjay Dhiman
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bjp leader in a seltar

Photograph: (the sootr)

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नक्सलवाद की समस्या से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में केवल सीआरपीएफ या छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल ही नक्सलियों से मुकाबला नहीं कर रहे हैं। यहां के भाजपा नेता भी हर दिन नक्सलियों के निशाने पर हैं।

नक्सली सुरक्षा बलों के साथ-साथ भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपना दुश्मन मानते हैं। यही कारण है कि बीते दो साल में ही दस भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया। कई जगह तो भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों तक को निशाना बनाया है।

सरकार ने अपने स्तर पर कई भाजपा नेताओं को सुरक्षा प्रदान की है, लेकिन सभी को सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं है। ऐसे में ये भाजपा नेता और कार्यकर्ता अपनी जान बचाने के लिए या तो घर छोड़ने को मजबूर हैं या फिर यहां-वहां छिपकर रातें काट रहे हैं।

2 साल में 10 भाजपा नेताओं की हत्या

बीते दो वर्षों में, छत्तीसगढ़ के बस्तर और उसके आसपास के क्षेत्रों में नक्सलियों द्वारा भाजपा के 10 नेताओं की हत्या कर दी गई है। इनमें से अधिकांश घटनाएँ बीजापुर जिले में हुईं, जहां नक्सलियों ने 5 नेताओं को मार दिया। इस अवधि में अन्य घटनाएँ दंतेवाड़ा, मोहला-मानपुर, और नारायणपुर में भी घटित हुईं।

इन हत्याओं का परिणाम यह हुआ है कि भाजपा नेताओं का गांवों में रहना कठिन हो गया है। अब अधिकांश भाजपा कार्यकर्ता और नेता अपने घरों से पलायन कर जिला मुख्यालयों और ब्लॉक कार्यालयों में शरण लेने लगे हैं। रातों को अपने ही घरों में रहना उनके लिए जोखिम से भरा हो गया है। यही कारण है कि नेता और कार्यकर्ता अपना जीवन बचाने के लिए रात को सुरक्षित ठिकानों की ओर रुख करते हैं।   

पिता की तस्वीर के साथ नीलकंठ कक्केम के बच्चे।

इन तीन जिलों के भाजपा नेता हैं निशाने पर

छत्तीसगढ़ के बस्तर सहित कई अन्य जिलों में नक्सलियों का प्रभाव है, लेकिन तीन जिलों में नक्सलियों द्वारा लगातार भाजपा नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। यहां लगातार भाजपा नेताओं पर हमले की सूचनाएं सामने आती हैं। इनमें बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर शामिल हैं। यहां अब तक पचास से अधिक हमले भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हो चुके हैं। जिनमें दस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने अपनी जान गवाई है।

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इन नेताओं ने गवाई दो साल में जान-

S.No.दिनांकनामभाजपा में पदस्थान
15 February 2023नीलकंठ कक्लेमभाजपा मंडल अध्यक्ष आवापल्लीबीजापुर
210 February 2023सागर साहूभाजपा जिला उपाध्यक्ष नारायणपुरनारायणपुर
311 February 2023रामधर अलामीभाजपा नेता दंतेवाडादंतेवाडा
429 March 2023रामजी डोडीभाजपा नेता नारायणपुरनारायणपुर
521 June 2023अर्जुन काकाभाजपा अनुजनजाति मोर्चा जिला प्रमुखबीजापुर
620 October 2023विरझू तारमकार्यकर्ता मोहला मानपुरमोहला मानपुर
74 November 2023रतन दुबेभाजपा जिला उपाध्यक्ष नारायणपुरनारायणपुर
81 March 2024तिरुपति करलाभाजपा जनपद सदस्य बीजापुरबीजापुर
96 March 2024कैलाश नागजिला उपाध्यक्ष व्यापारी प्रकोष्ठ भाजपाबीजापुर
1010 December 2024कुडियाम मांडोमंडल उपाध्यक्ष किसान मोर्चाबीजापुर

आवापल्ली का शेड: भाजपा नेताओं का नाइट शेल्टर

बीजापुर जिले के आवापल्ली में एक सीआरपीएफ कैंप के पास जिला पंचायत अध्यक्ष जानकी कोरसा का एक शेड है, जो अब भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। यह शेड रात को कई नेताओं का ठिकाना बन जाता है। दिन में वे अपनी गतिविधियों में व्यस्त रहते हैं, लेकिन जैसे ही शाम होती है, सभी इस शेड की ओर मुड़ जाते हैं। यह स्थान उन नेताओं के लिए एक सुरक्षा कवच बन गया है, जो नक्सलियों के हमले से डरते हैं।

नक्सलवाद और भाजपा नेताओं की स्थिति को ऐसे समझें 

What is the government plan to end Naxalism in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में  नक्सलवाद के खात्मे को लेकर क्या है साय सरकार का प्लान, Chhattisgarh Hindi  News - Hindustan

  1. बीजापुर और आसपास के क्षेत्रों में 2 साल में नक्सलियों ने भाजपा के 10 नेताओं की हत्या की।
  2.  छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के कारण भाजपा नेताओं के लिए अब अपने घरों में रात बिताना जोखिम भरा हो गया है, और कई नेता जिला मुख्यालयों में शरण लेने लगे हैं।
  3. आवापल्ली का शेड अब भाजपा नेताओं के लिए नाइट शेल्टर बन चुका है, जहां वे सुरक्षा के लिए रात बिताते हैं।
  4. नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के ऑपरेशनों के बावजूद भाजपा नेताओं का जीवन खतरे में है।
  5. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दावा है कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का सफाया हो जाएगा, लेकिन नक्सलियों के हमले बढ़े हैं।

बीजापुर और आसपास के इलाके खतरनाक

बीजापुर और उसके आसपास के गांवों में नक्सलियों की सक्रियता बढ़ी है, जिसके कारण भाजपा नेताओं के लिए सुरक्षित स्थानों पर रहना एक आवश्यक कदम बन चुका है। इस क्षेत्र के भाजपा नेता, जैसे कि तीरथ जुमार और लव कुमार रायडू, अपनी पार्टी के कार्यों के लिए गांवों में तो जाते हैं, लेकिन रात के समय अपनी जान को खतरे में डालने का जोखिम नहीं उठाते। 

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नक्सलियों का बढ़ता दबाव और सुरक्षा की चुनौती

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा। हालांकि, इस समय सुरक्षा बलों के ऑपरेशनों और कैंपों की संख्या बढ़ी है,लेकिन नक्सलियों का दबाव भी अधिक बढ़ गया है। भाजपा के नेता अब सुरक्षा घेरे में रहते हुए काम कर रहे हैं, लेकिन नक्सलियों द्वारा लगातार हमले की संभावना उनका मानसिक तनाव बढ़ा रही है।

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