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Raipur. छत्तीसगढ़ सरकार ने मेडिकल कॉलेजों के भर्ती नियमों में बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव राज्य के मेडिकल स्टूडेंट को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। नए नियमों के मुताबिक एम्स रायपुर के मेडिकल स्टूडेंट को छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में स्टेट कोटा नहीं दिया जाएगा। स्टेट कोटे के तहत प्रदेश के मेडिकल छात्रों को ही राज्य के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलेगा। प्रदेश के मेडिकल छात्रों के लिए यह बड़ी राहत की बात कही जा सकती है। लंबे समय से मेडिकल स्टूडेंट सरकार से ये मांग करते रहे हैं।
एम्स स्टूडेंट स्टेट कोटे से पीजी सीट नहीं उठा पाएंगे :
छत्तीसगढ़ के मेडिकल स्टूडेंट के लिए यह बड़ी खबर के साथ साथ बड़ी राहत की भी खबर है। राज्य सरकार ने लंबे समय से चली आ रही उनकी मांग को पूरा कर दिया है। सरकार ने मेडिकल भर्ती के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसका सीधा और अच्छा असर छत्तीसगढ़ के छात्रों पर पड़ने वाला है। एम्स में पढ़ाई करने वाले बाहरी स्टूडेंट स्टेट कोटे से पीजी की सीट नहीं उठा पाएंगे। यह फायदा छत्तीसगढ़ के मेडिकल स्टूडेंट को मिलेगा।
यह किया गया है बदलाव :
- नए नियम में बिंदु नंबर 11 पर स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है कि राज्य कोटे में उपलब्ध सीटों पर सर्वप्रथम उन अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाएगा जिन्होंने या तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ से संबंद्ध चिकित्सा महाविद्यालय से एमबीबीएस डिग्री प्राप्त की हो या जो राज्य में सेवारत हो।
- इसके अगले बिंदु में लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ के सभी पात्र अभ्यर्थियों को प्रवेश देने के बाद यदि सीटें खाली रह जाती हैं तो इन खाली सीटों पर ऐसे अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाएगा जिन्होंने किसी दूसरे मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की हो। यानी स्टेट कोटे में छत्तीसगढ़ के छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जबकि सीटें खाली रहने पर ही एम्स के स्टूडेंट को पीजी में प्रवेश दिया जाएगा।
अभी यह थी व्यवस्था :
- छत्तीसगढ़ में नीट पीजी की परीक्षा पास करने वाले मेडिकल स्टूडेंट के लिए राज्य के मेडिकल कॉलेजों में स्टेट कोटे के तहत 50 फीसदी का रिजर्वेशन है। इस स्टेट कोटे में वे सभी छात्र आ जाते थे जिन्होंने एम्स रायपुर से एमबीबीएस किया है।
- एम्स केंद्रीय संस्थान है जिस पर पूरा नियंत्रण केंद्र सरकार का है जबकि राज्य सरकार का इस पर कोई अधिकार नहीं है। केंद्रीय संस्थान होने के नाते इसमें देश के दूसरे राज्यों के स्टूडेंट भी मेडिकल की पढ़ाई करते हैं।
- छत्तीसगढ़ के स्टेट कोटे में अब तक एम्स रायपुर में पढ़ाई करने वाले एमबीबीएस छात्रों को भी शामिल किया गया था चाहे वे दूसरे प्रदेशों से आते हों ऐसे में यहां के छात्रों को नुकसान होता था।
-बिहार और उत्तरप्रदेश के मेडिकल भर्ती नियमों में यह साफ लिखा है कि एम्स के छात्र स्टेट कोटे के दायरे में नहीं आते इसलिए इनको राज्य के कोटे से मेडिकल में एडमिशन नहीं दिया जाएगा।
- अब छत्तीसगढ़ सरकार ने भी नियमों में बदलाव कर यह स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ के पंडित दीनदयाल विश्वविद्यालय से एमबीबीएस करने वाले मेडिकल स्टूडेंट को ही स्टेट कोटे के तहत प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिया जाएगा। इसमें एम्स के छात्र शामिल नहीं होंगे।
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छत्तीसगढ़ के मेडिकल स्टूडेंट ने किया स्वागत :
छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ हीरा सिंह लोधी ने सरकार के इस कदम पर खुशी जताई है। उनका कहना है कि लंबे समय से चली आ रही मेडिकल स्टूडेंट की मांग को मान लिया गया है। इससे प्रदेश के छात्रों का हक नहीं मारा जाएगा और उनको यहां पर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के ज्यादा मौके मिलेंगे। इससे राज्य में डॉक्टर्स की कमी को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है। क्योंकि दूसरे राज्यों के छात्र यहां से पीजी कर अपने स्टेट में चले जाते हैं जबकि छत्तीसगढ़ के डॉक्टर यहां के ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवा देने के लिए तैयार रहते हैं।
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