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Photograph: (The Sootr)
INDORE. इंदौर में NEET-UG परीक्षा के दौरान चार मई को हुई बारिश के चलते गई बिजली गुल से आई समस्या पर लगी रिट अपील पर गुरुवार को फाइनल सुनवाई हुई थी। इसके बाद सोमवार 14 जुलाई को इस संबंध में विस्तृत 37 पन्नों का आर्डर जारी हुआ है। लेकिन छात्रों को कोई राहत नहीं मिली है और उनकी रिटेस्ट की मांग खारिज हो गई है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की अपील मंजूर हो गई है।
हाईकोर्ट ने एनटीए, प्रशासन को यह दिए निर्देश
एनटीए और स्थानीय प्रशासन को यह जरूर निर्देश दिए गए हैं कि इस तरह की स्थिति से बचने के लिए वह भविष्य में हवा, पानी इन सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्थाएं सुनिश्चुित करें। परीक्षा केंद्र तय होते समय इन बातों का ध्यान रखें और भविष्य में इस तरह का हालात नहीं आने दें।
अधिवक्ताओं ने याचिकाकर्ता की ओर से यह तर्क दिए थे
अभ्यर्थियों के अधिवक्ता मृदुल भटनागर के साथ ही नितिन भाटी, चिन्मय मेहता, विवेक शरण ने 70 करीब याचिकाएं दायर की और मजबूती से तर्क रखा। इसमें बीते वंशिका यादव केस का हवाला दिया जिसमें रिटेस्ट की बात कही थी, साल भर बच्चों द्वारा मेहनत करने की बात कही थी और एक-एक अंक अहम होने की बात भी थी, एनटीए द्वारा किसी भी परीक्षा केंद्र का सीसटीवी नहीं बताया गया, इसमें अंधेरा था।
शासन, एनटीए की ओर से यह रखा गया पक्ष
वहीं एनटीए और शासन की ओर से कहा गया कि 49 परीक्षा केंद्र में से केवल 18 पर पॉवर बैकअप का इश्यू था और दो केंद्र पर दो मिनट समस्या आई थी, बाकी जगह कोई पॉवर समस्या नहीं आई या जनरेटर चालू हो गया था। इन परीक्षा केंद्र में से एक से आल इंडिया रेंक टू अभ्यर्थी इंदौैर से ही निकला है और 27 हजार से अधिक अभ्यर्थी में से केवल 70 ही याचिका के लिए आए। कई अन्य के चयन हुए हैं जो कोई भी रिटेस्ट नहीं चाहता है। सभी ने औसतन 123 सवाल हल किए 180 में से, जो अन्य परीक्षा केंद्र पर भी हुआ है, तो ऐसे में परीक्षा प्रभावित नहीं हुई।
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5 पॉइंट्स में समझें पूरा मामलारिट टेस्ट की मांग खारिज: इंदौर में 4 मई को NEET-UG परीक्षा के दौरान बिजली कटने की समस्या पर दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने रिटेस्ट की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया। एनटीए का पक्ष: एनटीए ने कहा कि 49 परीक्षा केंद्रों में से केवल 18 केंद्रों पर पॉवर बैकअप का इश्यू था और कुछ केंद्रों पर दो मिनट की समस्या आई थी। बाकी केंद्रों पर कोई तकनीकी समस्या नहीं आई थी। कोर्ट की टिप्पणी: हाईकोर्ट ने कहा कि यह सही है कि छात्र बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन यह भी सही है कि सीटों की संख्या सीमित है और रिटेस्ट से चयन प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कोर्ट का निर्णय: हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सभी याचिकाएं खारिज की गईं, क्योंकि इसमें पेपर लीक का मामला नहीं था। रिटेस्ट का दावा गलत था, और इससे परिणामों में सुधार की संभावना नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट में अपील: इस मामले में एनटीए ने अपील की थी और सुप्रीम कोर्ट में पहले से चल रहे मामलों के आधार पर निर्णय लिया गया। हाईकोर्ट ने भी मद्रास हाईकोर्ट के समान निर्णय दिया। |
हाईकोर्ट ने सभी पक्ष सुनने के बाद यह कहा
हाईकोर्ट ने इसमें कहा कि यह सही बात है कि पालक चिंतित है, बच्चे महंगी कोचिंग करते हैं, साल भर मेहनत करते हैं और सपने देखते हैं। लेकिन यह भी सही है कि 22 लाख बैठते हैं और एक लाख ही सीट है। ऐसे में चयन प्रतिशत बहुत कम है। यह नहीं कह सकते हैं कि इन केंद्रों पर और बेहतर व्यवस्था होती तो इन्हें अधिक अंक आएंगे. रिटेस्ट होने पर अधिक अंक आकर यह चयनित हो जाएंगे। ऐसे में सभी परिस्थिति देखने के बाद रि टेस्ट की अपील स्वीकार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में बीते साल जो वंशिका केस में रि टेस्ट की बात थी वह अलग केस था इसमें पेपर लीक वाली बात थी। वहीं एक ही कठिनाई स्तर का दो बार पेपर नहीं बन सकता है। इसलिए याचिकाएं खारिज की जाती है।
हाईकोर्ट से रिट अपील तक यह चला केस
इस मामले में मृदुल भटनागर अधिवक्ता के जरिए कई याचिकाएं दायर हुई। इसमें सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि याचिकाकर्ता जो 3 जून (जिस दिन आंसर की जारी हुई) के पहले हाईकोर्ट आए हैं, उन सभी का रिटेस्ट हो। इसके बाद एनटीए अपील में गया और कई अन्य अभ्यर्थियों ने भी याचिका दायर की। इसमें सुनवाई के दौरान बेंच ने यहां तक का कि- क्या यह कह सकते हैं कि 22 लाख परीक्षा में बैठे थे और फिर से एसी, लाइट दें तो सफल हो जाएंगे। इसे हार्डलक, बैडलक ही कहेंगे कि 787 प्लेन एक ही क्रेश हुआ, इसमें जो महिला पहले फ्लाइट छूटने से खुद को अनलकी मान रही थी वह बाद में खुद को लकी मान रही थी।
चार मई को आंधी-बारिश से गई थी बिजली
इंदौर में चार मई को परीक्षा के दौरान आंधी, बारिश होने से एक से डेढ़ घंटे तक बिजली गई थी। इसे लेकर याचिका लगी और परीक्षा प्रभावित होने से फिर से परीक्षा कराने की मांग की गई। इस पर एनटीए के रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी गई। बाद में एनटीए की अपील पर केवल याचिकाकर्ताओं के रिजल्ट रोके गए और बाकी के रिजल्ट जारी करने की मंजूरी दी गई। हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए याचिकाकर्ताओं के इसमें भी वह जिन्होंने तीन जून के पहले याचिकाएं दायर की थी उनकी फिर से परीक्षा कराने के आदेश दिए। लेकिन अगले ही दिन एनटीए अपील में चला गया और इसके बाद रिट पिटीशन के आदेश पर स्टे हो गया। इसके बाद अब रिट अपील पर सुनवाई हुई। उधर इसी तरह के मद्रास हाईकोर्ट में लगे केस में हाईकोर्ट ने फिर से परीक्षा कराने की याचिका खारिज की थी।
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