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छत्तीसगढ़ पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। बलरामपुर जिले के कुसमी थाना प्रभारी ललित यादव ने दो प्रधान आरक्षकों को बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति और पूर्व सूचना के पश्चिम बंगाल भेज दिया।
वहां से कथित आरोपी को इनोवा वाहन से लाते समय झारखंड पुलिस ने इनकी गाड़ी को अपहरण की सूचना मिलने पर रांची में रोक लिया। इस घटना के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और बलरामपुर एसपी वैभव बैंकर ने थानेदार सहित दोनों प्रधान आरक्षकों को निलंबित कर दिया है।
कैसे शुरू हुआ पूरा मामला?
मामला एक धोखाधड़ी की शिकायत से जुड़ा हुआ है। बलरामपुर के कुसमी थाने में एक शिकायतकर्ता ने पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले के एक प्रभावशाली व्यक्ति पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उसी शिकायत के आधार पर थाना प्रभारी ने प्रधान आरक्षक विष्णुकांत मिश्रा और प्रांजुल कश्यप को आरोपी को पकड़ने भेज दिया। शिकायतकर्ता ने इसके लिए अपनी निजी इनोवा गाड़ी भी उपलब्ध कराई।
तीनों पुलिसकर्मी गाड़ी लेकर तीन दिन पहले वर्धमान पहुंचे और कथित आरोपी को पकड़ लिया। इसके बाद वे सड़क मार्ग से आरोपी को लेकर बलरामपुर लौट रहे थे।
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झारखंड में अपहरण की सूचना, पुलिस ने गाड़ी पकड़ी
जब ये लोग झारखंड के रांची से गुजर रहे थे, तभी रांची पुलिस को सूचना मिली कि एक प्रभावशाली व्यक्ति को इनोवा में जबरन अपहरण कर लाया जा रहा है। इस पर रांची पुलिस ने इनोवा को रोक लिया और उसमें सवार दोनों पुलिसकर्मियों से पूछताछ शुरू की।
जांच में जब उन्होंने खुद को छत्तीसगढ़ पुलिस का जवान बताया, तो मामला झारखंड डीजीपी तक पहुंच गया। डीजीपी ने छत्तीसगढ़ डीजीपी से संपर्क किया, जिसके बाद सरगुजा आईजी और बलरामपुर एसपी को इसकी जानकारी दी गई। जब पूरे मामले की पुष्टि हो गई, तब झारखंड पुलिस ने दोनों प्रधान आरक्षकों को छोड़ा।
बिना आदेश कार्रवाई पड़ी भारी, तीनों हुए सस्पेंड
इस मामले में बलरामपुर एसपी वैभव बैंकर ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है:
थाना प्रभारी ललित यादव – बिना अनुमति दो प्रधान आरक्षकों को बाहर भेजा
प्रधान आरक्षक विष्णुकांत मिश्रा
प्रधान आरक्षक प्रांजुल कश्यप
तीनों को लाइन अटैच भी कर दिया गया है। एसपी ने स्पष्ट किया कि बिना आदेश और उच्चस्तरीय स्वीकृति के किसी राज्य से बाहर पुलिस कार्रवाई करना नियम विरुद्ध है, इससे विभाग की छवि पर भी असर पड़ता है।
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प्रमुख बिंदु
बिना अनुमति पुलिसकर्मियों की कार्रवाई ने अपहरण का रूप ले लिया
झारखंड में सूचना पर गाड़ी को रोककर कार्रवाई की गई
झारखंड-छत्तीसगढ़ पुलिस और डीजीपी स्तर तक पहुंचा मामला
कार्रवाई के बाद तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड
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