छह दिनों में ₹61 करोड़ की शराब गटक गए छत्तीसगढ़ वाले, ये जिले रहे मदहोश, सरकार का खजाना लबालब

रायपुर में इस बार दीपावली पर शराब की बिक्री ने रिकॉर्ड बनाया। आबकारी विभाग के अनुसार, त्योहार के 6 दिनों में कुल ₹61 करोड़ की शराब बेची गई, जो सामान्य दिनों से दोगुनी है। इस भारी बिक्री से सरकारी खजाना भर गया।

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Sanjay Dhiman
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Lequer sell on diwali

Photograph: (the sootr)

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RAIPUR.छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इस बार दीपावली पर शराब की बिक्री ने नए रिकॉर्ड बना दिए हैं। आबकारी विभाग के अनुसार 6 दिनों में कुल 61 करोड़ रुपए की शराब बेची गई। यह बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में दोगुनी है। धनतेरस से शुरू होकर भाईदूज के अगले दिन तक शराब की दुकानों में लोगों की भारी भीड़ देखी गई।

यह आंकड़ा इस बात की ओर इशारा करता है कि त्योहारों में शराब की खपत में अप्रत्याशित वृद्धि होती है। इस बिक्री ने सरकारी खजाने को भर दिया। 

आबकारी विभाग की रिपोर्ट 

आबकारी विभाग के जिला अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि रायपुर जिले में आम दिनों में प्रतिदिन लगभग 5 करोड़ रुपए की शराब बिक्री होती है। इस हिसाब से छह दिनों में करीब 30 करोड़ की बिक्री सामान्य मानी जाती है। दिवाली के मौके पर यह आंकड़ा दोगुना होकर 61 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।

विशेष रूप से धनतेरस के दूसरे दिन शराब की बिक्री सबसे अधिक रही। 11 करोड़ 39 लाख रुपए की शराब इस दिन बिकी। यह दर्शाता है कि त्योहारों पर लोग जमकर शराब पीते है। इसका सीधा असर राजस्व पर पड़ता है।  

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गरियाबंद भी हुआ 'शराबमय': 5.78 करोड़ की बिक्री!

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में इस साल दीपावली के त्योहार पर जमकर जाम छलके। सामने आए आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ छह दिनों के भीतर, जिले की 9 शराब दुकानों से लगभग पौने छह करोड़ रुपये की शराब बिक गई है!

  • कितनी हुई बिक्री? इस दीपावली पर कुल 5 करोड़ 78 लाख रुपये से ज्यादा की शराब बेची गई।

  • पिछले साल क्या था? पिछले साल, इसी त्योहार पर 5 करोड़ 31 लाख रुपये की शराब बिकी थी।

यह साफ दिखाता है कि त्योहारों पर लोगों में शराब पीने का चलन बढ़ रहा है। बिक्री के इन बढ़ते आंकड़ों ने अब लोगों और समाजशास्त्रियों के बीच एक नई चर्चा छेड़ दी है। त्यौहार खुशियों के साथ-साथ सरकारी खजाने को भी भर रहे हैं, लेकिन इसकी सामाजिक कीमत पर ध्यान देना ज़रूरी है।

शराब बिक्री से सरकार को फायदा 

छत्तीसगढ़ सरकार के लिए शराब बिक्री महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत है। इस बार के आंकड़े बताते हैं कि त्योहारों पर लोगों की शराब की खपत बढ़ी जिससे सरकारी खजाना लगभग दोगुना भर गया।

राज्य सरकार इन आय से विकास कार्यों, स्वास्थ्य योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में निवेश करती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि शराब की इतनी बड़ी बिक्री समाजिक और स्वास्थ्य के नजरिए से ठीक नहीं है। 

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दिवाली सप्ताह में शराब बिक्री के आंकड़े 

दिन (Day)बिक्री (Sales in Crore ₹)
धनतेरस (Dhanteras)10.2 करोड़
धनतेरस का दूसरा दिन11.39 करोड़
दीपावली10.5 करोड़
गोवर्धन पूजा9.8 करोड़
भाईदूज8.9 करोड़
कुल61 करोड़

शराब बिक्री में वृद्धि के कारण

  1. त्योहारों की उमंग (Festive Spirit) – लोग दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जश्न मनाने में शराब का उपयोग करते हैं।

  2. बोनस और वेतन (Bonus and Salary) – सरकारी और निजी कर्मचारियों को इस समय बोनस मिलता है, जिससे खर्च करने की प्रवृत्ति बढ़ती है।

  3. लंबी छुट्टियां (Long Holidays) – छुट्टियों के कारण बाजारों और शराब दुकानों में भीड़ बढ़ जाती है।

  4. सामाजिक स्वीकार्यता (Social Acceptance) – शहरों में शराब पीने को अब टैबू या बुरा नहीं माना जाता।

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