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Photograph: (the sootr)
Cg weather update.छत्तीसगढ़ में आज (31 अक्टूबर) मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है। चक्रवाती तूफान मोंथा (Montha Cyclone) अब काफी कमजोर पड़ गया है और लो-प्रेशर सिस्टम (Low-Pressure System) में बदल गया है। यह सिस्टम अब पूर्वी विदर्भ और दक्षिण छत्तीसगढ़ की तरफ बढ़ रहा है।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों में यह सिस्टम और कमजोर होकर निम्न दबाव क्षेत्र (Depression Zone) में बदल जाएगा और उत्तर दिशा की ओर जाएगा।
हालांकि अब तूफान जैसी डरावनी स्थिति नहीं रहेगी, लेकिन इसके असर से कुछ जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। यानी बाहर जाते समय थोड़ा सतर्क रहें।
रेल सेवाओं पर मोन्था का असर
चक्रवात मोन्था (Cyclone Montha) के कारण रेल यातायात प्रभावित हुआ है। कई ट्रेनों को उनके नियमित मार्ग की बजाय डायवर्टेड रूट (Diverted Route) से चलाया जा रहा है। इन मार्गों पर पहले से ही यात्रियों और मालगाड़ियों का दबाव होने से ट्रेनें 29 घंटे तक की देरी से चल रहीं है।
केरल, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और दिल्ली जाने वाले यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि जब तक मौसम स्थिर नहीं हो जाता, डायवर्जन जारी रहेगा।
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बस्तर में किसानों को भारी नुकसान
मोन्था तुफान के कारण बस्तर क्षेत्र के किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। कहीं फसलें झुक गईं तो कहीं कटे हुए धान की बोरियां बारिश से सड़ने लगीं।
कोंडागांव जिले के ग्राम आदनार में लगातार बारिश से बड़को नाला पुलिया धंस गई, जिससे लिंगोंपथ-मर्दापाल-भाटपाल-नारायणपुर मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। यह पुलिया प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत बनाई गई थी।
गनीमत रही की जिस समय हादसा हुआ, उस समय कोई वाहन पुल पार नहीं कर रहा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र मरम्मत की मांग की है।
| छत्तीसगढ़ में मोंथा तुफान के कारण फसलों पर असर को ऐसे समझें
 🌧️ ‘मोन्था तूफान’ हुआ कमजोर: मोन्था तूफान’ हुआ कमजोर होकर लो-प्रेशर सिस्टम में बदल गया है और अब पूर्वी विदर्भ व दक्षिण छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रहा है। अगले 24 घंटे में इसके और कमजोर होने की संभावना है। 🚉 रेलवे यातायात पर बड़ा असर: कई ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है, जिससे कुछ ट्रेनें 29 घंटे तक लेट चल रही हैं। केरल, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और दिल्ली जाने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है। 🌾 बेमौसम बारिश से किसानों को नुकसान: बस्तर और कोंडागांव में बारिश से धान की फसलें झुक गईं और कटे हुए धान की बोरियां सड़ने लगीं। ‘बड़को नाला पुलिया’ धंसने से आवागमन भी बाधित हुआ। ☔ अक्टूबर में सामान्य से 59% अधिक बारिश: अब तक 89.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि औसत 56.2 मिमी रहती है। मोन्था के कारण बारिश का सिलसिला अभी जारी है। ⚠️ मौसम विभाग की चेतावनी: तूफान का असर खत्म होने के बावजूद गरज-चमक के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना बनी हुई है। किसानों को फसलें सुरक्षित रखने की सलाह दी गई है। | 
अक्टूबर में सामान्य से 59% अधिक बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 1 से 26 अक्टूबर तक 89.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि औसत वर्षा 56.2 मिमी होती है। इस प्रकार, राज्य में सामान्य से 59% अधिक वर्षा (Excess Rainfall) हो चुकी है।
मानसून 15 अक्टूबर तक विदा हो चुका था, फिर भी अक्टूबर के अंतिम दिनों में मोन्था की वजह से बारिश जारी रही।
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फसलों पर बारिश का असर
अगले कुछ दिनों में होने वाली बारिश और तेज हवाएं फसलों के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। खेतों में खड़ी फसलें आड़ी हो सकती हैं और जो फसलें कट चुकी हैं पर भंडारण नहीं हुआ, वे भी भीग सकती हैं।
छत्तीसगढ़ मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों को बारिश से बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर संग्रहित करें।
| विषय | जानकारी | 
|---|---|
| तूफान का नाम | मोन्था (Montha Cyclone) | 
| वर्तमान स्थिति | लो-प्रेशर सिस्टम (Low-Pressure System) | 
| प्रभावित राज्य | छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, केरल | 
| औसत से अधिक बारिश | 59% | 
| रेलों में देरी | 29 घंटे तक | 
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