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Photograph: (the sootr)
RAIPUR. नवा रायपुर में बने छग के बने नए विधानसभा की पहचान धान की बालियां होंगी। यानी 51 एकड़ में बने नए विधानसभा के सीलिंग से लेकर मुख्यमंत्री और माननीयों के नेम प्लेट तक पर धान की बालियां की कलाकृति उकेरी गई है। इसके लिए अलावा सदन में विधानसभा अध्यक्ष, सीएम, मंत्री से लेकर सभी सदस्यों के बैठने के लिए लगाई गई फर्नीचर बस्तर के काष्ठ कारीगरों के द्वारा ही तैयार करवाई गई हैं। जिससे विधानसभा का वातावरण छत्तीसगढमय हो।
सीमेंट और सरिया उत्पादन में छग के अग्रणी होने का लाभ भी विधानसभा भवन निर्माण को हुआ है। दोनों ही सामान छग के ही हैं। लोहे से बने सामाना की आपूर्ति स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया से हुई है, वहीं सीमेंट भी छग के निजी कंपनी से ही लिया गया है।
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धान की बालियों की कलाकृति
विधानसभा भवन के सीलिंग, दीवारों, और नामपट्टिकाओं पर “धान की बालियां” (Paddy Ears) की नक्काशी की गई है।
यह प्रतीक छत्तीसगढ़ की कृषि प्रधानता और मेहनतकश किसानों को सम्मानित करता है। विधानसभा की पहचान के रूप में यह डिजाइन राज्य की सांस्कृतिक आत्मा को जीवंत रखता है।
धान, छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है — इसीलिए यह भवन केवल एक संरचना नहीं बल्कि “छत्तीसगढ़ की आत्मा” का प्रतीक बन गया है।
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200 सदस्यों के बैठने क्षमता
324 करोड़ की लागत से बने विधानसभा के इस नए भवन में तीन विंग होंगे। ए विंग में विधानसभा सचिवालय, विंग बी में सदन हॉल और विधानसभा अध्यक्ष-सीएम का कार्यालय और विंग सी में मंत्रियों के कार्यालय होंगे।
सबसे खास बात यह है कि भविष्य को ध्यान में रखकर सदन में 200 सदस्यों के बैठने के लिए उपयुक्त बनाया गया है। जबकि वर्तमान समय में केवल विधानसभा सदस्यों की संख्या केवल 90 ही है। इसके लिए 500 सीटर ऑडिटोरियम ओर 100 सीटर सेंट्रल हॉल भी सदन में बनाए गए हैं।
| छत्तीसगढ़ विधानसभा की साज-सज्जा और निर्माण को ऐसे समझें
 धान की बालियां प्रतीक: नवा रायपुर स्थित नए विधानसभा भवन की पहचान धान की बालियां होंगी, जो भवन की छत से लेकर नामपट्टिकाओं तक उकेरी गई हैं। बस्तर की कारीगरी: विधानसभा अध्यक्ष, सीएम और सभी सदस्यों के लिए फर्नीचर बस्तर के काष्ठ कारीगरों द्वारा बनाया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ी संस्कृति झलकेगी। स्थानीय निर्माण सामग्री: भवन निर्माण में इस्तेमाल किया गया लोहा और सीमेंट छत्तीसगढ़ में ही निर्मित है। उद्योगों से आपूर्ति: लोहे की आपूर्ति स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) से हुई और सीमेंट स्थानीय निजी कंपनियों से लिया गया। छत्तीसगढ़मय वातावरण: पूरे विधानसभा भवन की डिजाइन और निर्माण में राज्य की कला, संसाधन और पहचान को केंद्र में रखा गया है। | 
विधानसभा होगी पेपरलेस
छग की नई विधानसभा भी पेपरलेस होगी। सभी फाइलों के इलेक्ट्रानिक होने के अलावा, सदस्यों के सवाल से लेकर जवाब भी ई-फॉर्मेट में ही होंगे। इसके लिए सदन में सदस्यों के टेबल पर भी टैबलेट लगाए जाने हैं। इसके अलावा ई-वोटिंग व्यवस्था, ट्रांसलेट चैनल, हेडफोन, ऑडियो डिजिटल रिकॉडिंग सिस्टम भी सदन में लगाए जा रहे।
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400 सीसीटीवी कैमरे रखेंगे नजर
छग पुलिस और सीएएफ के जवानों के अलावा सुरक्षा की दृष्टि से नए विधानसभा भवन में 400 नग सीसीटीवी कैमरे लगाए गये हैं। इसके अलावा डेढ़-डेढ़ एकड़ में दो तालाब निर्माण करवाए गए। बिजली की बचत हो सके इसके लिए सदन में डोम के माध्यम से प्राकृतिक रौशनी का इस्तेमाल किया गया है।
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