29 से 31 दिसंबर तक नहीं होंगे सरकारी काम! आंदोलन पर बैठेंगे छत्तीसगढ़ फेडरेशन के 4.50 लाख कर्मचारी

छत्तीसगढ़ में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी फेडरेशन ने 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिवसीय जंगी हड़ताल का ऐलान किया है। कर्मचारियों का आरोप है कि मोदी की गारंटी लागू करने में राज्य सरकार उदासीन रवैया अपना रही है।

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Harrison Masih
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Raipur. प्रदेश में कर्मचारियों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर फेडरेशन ने 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिवसीय जंगी प्रदर्शन और हड़ताल की पूरी तैयारी कर ली है। फेडरेशन का आरोप है कि मोदी की गारंटी को लागू करने में छत्तीसगढ़ सरकार का रवैया उदासीन बना हुआ है, जिससे प्रदेश के कर्मचारी बेहद नाराज हैं।

इसी नाराजगी के चलते कर्मचारी 29, 30 और 31 दिसंबर को तीन दिन की हड़ताल कर सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट करेंगे। फेडरेशन का दावा है कि हड़ताल के दौरान नवा रायपुर स्थित सभी विभागाध्यक्ष कार्यालयों में तालाबंदी की जाएगी। 4.50 लाख कर्मचारी इस आंदोलन में भाग लेंगे।

इसके साथ ही प्रदेश भर में निगम, मंडल, बोर्ड, आयोग और स्कूलों में भी कामकाज पूरी तरह ठप रहने की संभावना है। इससे आम जनजीवन और प्रशासनिक कार्यों पर व्यापक असर पड़ सकता है।

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सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, बी.पी. शर्मा, राजेश चटर्जी, चंद्रशेखर तिवारी, पवन शर्मा, जी.आर. चंद्रा, रोहित तिवारी, संजय सिंह, संजय ठाकुर, केदार जैन, मनीष मिश्रा, पंकज पांडेय, बिंदेश्वर रौतिया और अरुण तिवारी ने संयुक्त बयान में कहा कि मोदी की गारंटी को लागू कराने के लिए फेडरेशन की ओर से सरकार को कई बार ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि 22 अगस्त 2025 को ध्यानाकर्षण के लिए प्रदेशव्यापी बंद और हड़ताल की गई थी, इसके बावजूद सरकार के अंदरखाने में कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर कोई हलचल नजर नहीं आ रही है। जबकि प्रदेश में विकास कार्यों से लेकर कानून-व्यवस्था तक की पूरी जिम्मेदारी कर्मचारी और अधिकारी ही निभा रहे हैं।

प्रदेशव्यापी तैयारी पूरी

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने बताया कि हड़ताल को लेकर प्रदेशव्यापी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य के पांचों संभागों में समीक्षा बैठकें हो चुकी हैं और हर जिले में संयोजकों द्वारा लगातार बैठकें की जा रही हैं। कर्मचारियों द्वारा सामूहिक अवकाश आवेदन भी भरे जा रहे हैं।

जिलों में हड़ताल की मॉनिटरिंग जिला संयोजक और प्रांतीय कोर कमेटी द्वारा की जा रही है। 4.50 लाख कर्मचारी इस आंदोलन में भाग लेंगे।

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ये हैं कर्मचारियों की 11 प्रमुख मांगें

  1. केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों और पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।
  2. DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।
  3. सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
  4. लिपिक, शिक्षक, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
  5. प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए और पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
  6. सहायक शिक्षकों और सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
  7. नगरीय निकाय कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन और समयबद्ध पदोन्नति दी जाए।
  8. अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण किया जाए।
  9. प्रदेश में कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू की जाए।
  10. अर्जित अवकाश नगदीकरण की सीमा बढ़ाकर 300 दिवस की जाए।
  11. दैनिक, अनियमित और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की ठोस नीति बनाई जाए तथा सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाए।

फेडरेशन ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने हड़ताल से पहले मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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