RAIPUR. छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप ( Mahadev betting APP ) मामले में प्रवर्तन निदेशालय ( ED) के प्रतिवेदन पर ईओडब्ल्यू ( EOW ) ने साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। EOW ने इस केस में अज्ञात पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को आरोपी बनाया है। FIR में किसी का नाम नहीं लिखा गया है, जबकि ईडी ने आरोपियों के बयान और आईटी जांच के आधार पर राज्य के पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों के नाम के साथ कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजा है। उस प्रतिवेदन के आधार पर केस दर्ज तो किया गया है। अब इस मामले की जांच एसीबी-ईओडब्ल्यू ( ACB-EOW ) की नई टीम जांच करेगी। क्योंकि पुरानी टीम का तबादला हो गया।
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ACB- EOW में दर्ज कराई गई फिर FIR
पिछले ढाई माह के अंदर ACB-EOW में ये छठवीं FIR दर्ज की गई है। जनवरी में ईडी के प्रतिवेदन पर अवैध कोल परिवहन, आबकारी में गड़बड़ी, डीएमएफ घोटाला और कस्टम मिलिंग में कमीशनखोरी का केस दर्ज किया है। इसमें आबकारी गड़बड़ी की जांच शुरू हो गई। 13 से ज्यादा जगह पर छापेमारी की गई है। बाकी केस में अभी जांच शुरू नहीं हुई है। इस बीच पिछले माह फरवरी में पीएससी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर केस दर्ज किया गया है। इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को भेज दिया गया है। इस माह में महादेव सट्टा में भी केस दर्ज कर लिया गया है।
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मामले को लेकर क्या बोले डिप्टी सीएम विजय शर्मा
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने एक सवाल पर कहा कि किसी के बयान के आधार पर आरोप साबित नहीं होता है। बयान बस से किसी को फांसी नहीं दी जा सकती। इसमें और जांच की जरूरत है। जानकारी जुटाई जा रही है। सबूत के आधार पर आगे कार्रवाई होगी।
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